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शादी के बाद नहीं हो रहा था बच्चा, आशा बहू ने कहा- जैसा कहूं वैसा करो बाप बन जाओगे, फिर जो हुआ… किसी ने नहीं सोचा!

चित्रकूट में नवजात बच्ची के अपहरण का मामला सामने आया है। पुलिस ने आशा बहू समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि बच्ची के पिता ने आशा बहू के माध्यम से बच्ची को 10 हजार रुपये में बेचा था। पिता फरार है जिसकी तलाश पुलिस कर रही है। आरोपियों ने बच्ची को निसंतान दंपती को बेचने की योजना बनाई थी।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 15 Oct 2024 02:49 AM (IST)
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पुलिस की गिरफ्त में अमित पटेल, संतोष कुमार, सुधीर सिंह व जसवंत प्रजापति। जागरण
जागरण संवाददाता, चित्रकूट। जिला मुख्यालय के पटेल तिराहा से चार दिन पहले पिता को चकमा देकर नवजात बच्ची हुए अपहरण के मामले में नया मोड़ सामने आया है नवजात को उसके पिता ने ही एक निसंतान व्यक्ति को 10 हजार रुपये में बेचा था। 

सौदा स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाली आशा बहू ने कराया था। पुलिस ने आशा बहू समेत पांच आरोपियों को दबोच लिया है। घटना में संलिप्त पिता फरार है, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है।

यह है पूरा मामला

थाना मारकुंडी के डोडामाफी निवासी सुनील कुमार ने थाने में सूचना दी थी कि 10 अक्टूबर को उसकी गर्भवती पत्नी गुंजा देवी के प्रसव पीड़ा पर मध्य प्रदेश जिला सतना के मझगवां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर जा रहा था, लेकिन दर्द बढ़ने पर अपनी बहन के घर टिकरिया ले गया, जहां पर प्रसव में पत्नी ने बच्ची को जन्म दिया। 

11 अक्टूबर एक कार में तीन पुरुष व एक महिला आई और बोली सरकारी आदमी हैं बच्ची को टीकाकरण होना है, अस्पताल चलना पड़ेगा। 50 हजार की सहायता राशि भी दी जाएगी। वह बच्ची को लेकर गाड़ी में बैठ गया। जिला मुख्यालय के पटेल तिराहा में फोटोकॉपी के लिए उसे भेज कर वे बच्ची को लेकर फरार हो गए।

एसओजी की टीम ने पकड़ा

एसपी अरुण कुमार सिंह ने सोमवार को इस घटना का राजफाश करते हुए बताया कि अपहरण का मुकदमा दर्ज कर थाना मारकुंडी व एसओजी टीम को लगाया गया था। टीम ने कौशांबी के अमित पटेल व संतोष कुमार मिस्त्री, सुधीर सिंह उर्फ डॉक्टर, प्रयागराज के जसवंत प्रजापति और चित्रकूट के गोपीपुर निवासी आशा बहू गुड्डू देवी को गिरफ्तार किया है। 

बच्चे नहीं होने पर पत्नी देती थी ताना

पूछताछ में सामने आया है कि जसवंत की 10 साल पहले शादी हुई थी, लेकिन बच्चे नहीं हो रहे थे, लोग व पत्नी उसे ताना देते थे। जसवंत ने कौशांबी मूरतगंज में संचालित अनामिका अस्पताल का संचालन करने वाले दोस्त सुधीर सिंह उर्फ डॉक्टर से संपर्क किया और बच्चे की व्यवस्था को कहा। 

दोनों बाइक से मानिकपुर पहुंचे और आशा बहू से संपर्क किया। वहीं पर अमित से कार मंगाई और टिकरिया स्टेशन गए। जहां पर नवजात बच्ची के पिता सुनील से आशा बहू ने 10 हजार रुपये में बच्ची का सौदा कराया।

कार के नंबर से आरोपी तक पहुंची पुलिस

एसओजी प्रभारी एमपी त्रिपाठी और मारकुंडी थाना प्रभारी शिवआसरे ने घटना के विवेचना के दौरान टिकरिया रेलवे फाटक में लगे सीसीटीवी कैमरा के फुटेज खंगाला तो उसमें यूपी-78 एडब्लू- 6589 गाड़ी नंबर सामने आया, जिससे वारदात की गई थी। 

इस गाड़ी का मालिक संतोष कुमार मिस्त्री है। उसकी पूछताछ में अमित और फिर अन्य आरोपियों के नाम सामने आए। एसपी ने बताया कि पिता ने बच्ची को बेचा है, इसलिए संलिप्तता को देखते हुए उसकी भी तलाश की जा रही है।

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