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UP News: चित्रकूट में बच्चों को स्कूल से ला रही दो बसों को एक घंटे रोके रखा, एआरटीओ और आरआई निलंबित

उत्‍तर-प्रदेश के चित्रकूट में एक इंटर कॉलेज की दो बसें करीब 100 बच्चों को घर छोड़ने जिला मुख्यालय की ओर आ रहीं थीं। रास्ते में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) विवेक कुमार शुक्ला की टीम ने प्रयागराज मार्ग पर रोककर अभिलेख जांचे तो पता चला कि बसों को फिटनेस प्रमाण पत्र जारी नहीं हुआ है। बच्‍चों से भरी बस को साइड में खड़ा करवा दिया। इसे लेकर कार्रवाई हुई है।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 25 Jul 2024 08:13 AM (IST)
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एआरटीओ और आरआई को स्‍कूल बस को धूप में खड़ा करना भारी पड़ गया। सांकेतिक तस्‍वीर

 जागरण संवाददाता, चित्रकूट। छुट्टी के बाद बच्चों को घर छोड़ने जा रहीं दो स्कूल बसों को फिटनेस प्रमाण पत्र न होने पर जांच के नाम पर उमस भरी गर्मी में घंटे भर खड़ा रखा गया। इस पर सख्ती दिखाते हुए डीएम ने सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) व संभागीय निरीक्षक (आरआइ) को निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की थी जिस पर शासन ने देर शाम दोनों को निलंबित कर दिया।

कार्रवाई की पुष्टि विभाग के प्रमुख सचिव एल वेंकटेश्वर लू ने की है। श्रीजी इंटर कालेज खोह में मंगलवार पूर्वाह्न 11:35 बजे छुट्टी हुई। इसके बाद दो बसें करीब 100 बच्चों को घर छोड़ने जिला मुख्यालय की ओर आ रहीं थीं। रास्ते में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) विवेक कुमार शुक्ला की टीम ने 11:45 बजे प्रयागराज मार्ग पर रोककर अभिलेख जांचे तो पता चला कि बसों को फिटनेस प्रमाण पत्र जारी नहीं हुआ है।

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एआरटीओ ने इस पर दोनों बसों को दो किमी दूर पुलिस लाइन भेजकर खड़ा करवा दिया। कालेज के निदेशक स्वप्निल अग्रवाल द्वारा दोनों बसों का रजिस्ट्रेशन, परमिट, प्रदूषण प्रमाण-पत्र सहित अन्य अभिलेख के साथ फिटनेस के लिए दिए गए आवेदन की रसीद दिखाई गई तब करीब एक घंटे बाद चालान करके दोनों बसों को छोड़ा गया।

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इस दौरान बस में बैठे बच्चे उमस भरी गर्मी में परेशान होते रहे। मामला संज्ञान में आने पर जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन द्वारा एआरटीओ की आख्या में अवगत कराया गया कि आरआइ गुलाबचंद्र को स्कूलों में जाकर स्कूल बसों को फिटनेस चेक करने के निर्देश दिए गए थे लेकिन उनके द्वारा आदेशों की अवहेलना की गई।

दोनों वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी नहीं हो सका और ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई। जिलाधिकारी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर परिवहन आयुक्त ने आरआइ को लापरवाही का दोषी मानकर निलंबित कर दिया और बस को खड़ा करने के लिए संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति शासन से की। देर शाम उन्हें निलंबित भी कर दिया गया।

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