Captain Anshuman Singh: बलिदानी का पार्थिव गांव पहुंचते ही भारत मां के नारे से गूंज उठा इलाका, नम हुईं आंखें
बलिदानी कैप्टन अंशुमान सिंह का पार्थिव उनके गांव पहुंचा तो लाल का दर्शन करने को पूरा इलाका उमड़ पड़ा। लोगों की भीड़ छतों से लेकर सड़कों तक देखने को मिला। अंतिम दर्शन के लिए ग्रामीण सुबह से बेचैन रहे। वहीं पार्थिव देख परिवार वाले दहाड़े मारकर रोने लगे। पत्नी व बहन का बिलखना देख मौजूद लोगों की आंखों से आंसुओं की धारा बहती रही।
देवरिया, जागरण संवाददाता। लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर में सेना के बंकर में आग लगने से बलिदान हुए कैप्टन अंशुमान सिंह का पार्थिव शुक्रवार को उनके गांव बरडीहा दलपत पहुंचा। गांव पार्थिव पहुंचते ही भारत मां के नारे से पूरा क्षेत्र गुंज उठा। अपने लाल का चेहरा देखने के लिए हर कोई परेशान दिखा। जिसने भी चेहरा देखा, अपने आंखों के आंसू को नहीं रोक पाया। अंतिम संस्कार आज भागलपुर स्थित सरयू नदी तट पर होगा।
लार के बरडीहा दलपत गांव के रहने वाले कैप्टन अंशुमान सिंह के बलिदान होने की खबर से जिले के लोग मर्माहत हैं। उनके गांव में मातम पसरा है। हर कोई अपने लाल को खोकर दुखी है। दोपहर बाद पार्थिव सेना के वाहन से गांव पहुंचा, वाहन के आगे युवा हाथ में तिरंगा लेकर चल रहे थे और भारत मां के नारे लगा रहे थे।
गांव में पार्थिव पहुंचते ही परिवार के लोग दहाड़ मारकर रोने लगे। पत्नी व बहन पार्थिव शरीर देखते ही बेहोश हो गईं। परिवार के लोगों ने पानी का छींटा मारकर उन्हें होश में लाया गया। परिवार के सदस्यों को रोता देख वहां मौजूद अन्य लोगों की भी आंखें भर आईं।
सुबह से ही दरवाजे पर आने लगे थे लोग
सुबह से ही दरवाजे पर लोगों का आना शुरू हो गया था। लोगों की भीड़ बढ़ने की सूचना पर पुलिस लाइन से आठ बजे ही क्यूआरटी व अन्य फोर्स भेज दी गई थी। पार्थिव पहुंचते ही दरवाजे पर हजारों की संख्या में लोग पहुंच गए और अपने जाबांज को श्रद्धांजलि दी।
मंत्रियों ने दी श्रद्धांजलि
एयरपोर्ट गोरखपुर पहुंच कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जिले के प्रभारी मंत्री दयाशंकर सिंह, राज्य मंत्री विजय लक्ष्मी गौतम, सांसद रविन्दर कुशवाहा समेत अन्य लोगों ने श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही तीनों मंत्री एवं भाजपा के नेता काफिले के साथ-साथ गांव पहुंच कर श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री पहले ही कर चुके हैं नौकरी की घोषणा
मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ कैप्टन अंशुमान के बलिदान पर शोक व्यक्त करते हुए 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने एक सड़क का नामकरण भी बलिदानी के नाम से करने की घोषणा की है।