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ऑस्ट्रेलिया में देवरिया का डंका: बरहज के प्रदीप तिवारी बने मैरीबर्नान्ग शहर के मेयर, गांव में जश्‍न का माहौल

देवरिया के प्रदीप तिवारी आस्ट्रेलिया के मैरीबर्नान्ग शहर के मेयर चुने गए हैं। उनकी इस ऐतिहासिक सफलता से क्षेत्र और भारत का नाम रोशन हुआ है। प्रदीप तिवारी ने 1985 में आस्ट्रेलिया जाकर व्यवसाय शुरू किया और कोविड-19 महामारी के दौरान सामुदायिक सेवा में सक्रिय भूमिका निभाई। उनकी लोकप्रियता बढ़ी और उन्हें समाज में सम्मानित स्थान मिला। प्रदीप तिवारी की सफलता से उनके पैतृक गांव में जश्न का माहौल है।

By MAHENDRA KUMAR TRIPATHI Edited By: Vivek Shukla Updated: Fri, 22 Nov 2024 08:42 AM (IST)
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प्रदीप तिवारी आस्ट्रेलिया के मैरीबर्नान्ग शहर में मेयर बनकर भारत का मान बढ़ाया है। जागरण
महेंद्र कुमार त्रिपाठी,जागरण देवरिया। देवरिया जिले के गौरा बरहज के मूल निवासी प्रदीप तिवारी ने मंगलवार को आस्ट्रेलिया के मैरीबर्नान्ग शहर में मेयर बनकर क्षेत्र और भारत का नाम रोशन किया है। उनकी इस ऐतिहासिक सफलता की खबर मिलते ही उनके पैतृक गांव में जश्न का माहौल है। मिठाइयां बांटी जा रही हैं, और उनके रिश्तेदार व ग्रामीण उनकी इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं।

आस्ट्रेलिया जाने का सफर

प्रदीप तिवारी 1985 में अपनी बुआ मीरा शुक्ला और धर्मदेव शुक्ल के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया गए। धर्मदेव शुक्ल वहां वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत थे। प्रदीप आस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद 1986 में नौकरी शुरू की। उनके पिता मारकंडेय तिवारी पहले ही वहां व्यवसाय स्थापित कर चुके थे। इसी प्रेरणा से प्रदीप ने भी "भारत ट्रेडर्स" नामक व्यवसाय शुरू किया, जो समय के साथ सफल होता गया।

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सामुदायिक सेवा से बढ़ी पहचान

कोविड-19 महामारी के दौरान प्रदीप तिवारी ने सामुदायिक सेवा में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने जरूरतमंदों को सहायता प्रदान की और अपनी विनम्रता और सेवाभाव से लोगों के दिलों में जगह बनाई। उनके इस सेवाभाव ने उनकी लोकप्रियता को और बढ़ाया और उन्हें समाज में सम्मानित स्थान दिलाया।

पैतृक गांव देवरिया जिले के गौरा बरहज में प्रसन्न मुद्रा में उनकी बड़ी अम्मा कंचन तिवारी एवं पड़ोसी। जागरण


राजनीतिक यात्रा में संघर्ष और सफलता

प्रदीप तिवारी ने वर्ष 2000 में पहली बार आस्ट्रेलिया में पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और सामाजिक व राजनीतिक गतिविधियों में निरंतर सक्रिय रहे। आखिरकार, 2024 में उन्होंने "मेरी विनम्र" शहर से मेयर पद के लिए चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।

गांव में जश्न और गर्व

उनकी सफलता की खबर सुनते ही उनके पैतृक गांव गौरा बरहज में हर्षोल्लास का माहौल है। उनकी बड़ी माता ने कहा, "प्रदीप बचपन से ही होनहार थे। उन्होंने हमेशा अपने काम और मेहनत से कुछ बड़ा हासिल करने की इच्छा जताई।" प्रदीप की शादी राखी से आस्ट्रेलिया ससुराल के लोग इलाहाबाद के रहने वाले हैं। लेकिन परिवार सहित आस्ट्रेलिया में रहते हैं।

ऑस्ट्रेलिया में प्रदीप तिवारी मेयर निर्वाचित। जागरण


प्रदीप वर्ष 2014 में पारंपरिक पूजा के सिलसिले में परिवार के साथ गांव गौरा बरहज आए थे। वर्तमान में उनका पूरा परिवार आस्ट्रेलिया में रह रहा है, जबकि उनकी बड़ी माता कंचन तिवारी पैतृक गांव में रहती हैं। एक परिवार वाराणसी में रहता है। आस्ट्रेलिया में भी परिवार के सभी लोग फर्रारेदार हिंदी बोलते हैं।

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भारतीय समुदाय के लिए प्रेरणा

प्रदीप तिवारी की यह उपलब्धि न केवल उनके गांव, बल्कि पूरे भारतीय समुदाय के लिए गर्व का विषय है। उनकी कहानी इस बात का प्रमाण है कि मेहनत, दृढ़ निश्चय और लगन से कोई भी व्यक्ति सफलता की ऊंचाइयों को छू सकता है।

मेरा लाल आस्ट्रेलिया में गौरा बरहज के साथ भारत का नाम रोशन किया है। इससे मैं बहुत खुश हूं। बचपन से ही प्रदीप होनहार है। उसकी पत्नी राखी भी बहुत संस्कारवान है। मेरे परिवार में रिश्तेदार आस्ट्रेलिया में वैज्ञानिक थे। उनके जाने के बाद सब लोग आस्ट्रेलिया गए।-कंचन तिवारी, प्रदीप की बड़ी अम्मा, गौरा बरहज

पड़ोसियों को अपने लाल पर नाज

गौरा बरहज गांव के रहने वाले प्रदीप तिवारी आस्ट्रेलिया में मेयर चुने गए हैं। किसकी जानकारी मिलने पर उनके पड़ोसी दुर्गेश पांडे एवं स्नेहा निषाद तथा बबली देवी एवं गुड़िया देवी काफी खुश हैं।

बताती हैं कि 10 साल पहले प्रदीप गांव आए थे सभी लोगों से मिले थे काफी मिलनसार व्यक्ति हैं। उनके अंदर कोई अभिमान नहीं है। उनकी इस उपलब्धि से हम सभी अपने आप को सम्मानित महसूस कर रहे हैं। प्रदीप ने अपने गांव का नाम ही नहीं बल्कि भारत का नाम ऊंचा किया है।

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