देवरिया हत्याकांड... जिस गांव में हुआ नरसंहार, वहां है लाइसेंसी हथियारों का जखीरा, अब निरस्त करेगी पुलिस
देवरिया जिले के रुद्रपुर के फतेहपुर गांव में नरसंहार की घटना में पुलिस व प्रशासन की लापरवाही का पोल खुलता जा रहा है। नरसंहार में मारे गए सत्यप्रकाश दुबे की शिकायत के बाद भी कार्रवाई न करने के आरोप में अब एक इंस्पेक्टर पर गाज गिरेगी। वहीं प्रेमचंद यादव सहित गांव में 26 लोगों के पास असहले का लाइंसेस होने की पुष्टि हुई है।
जागरण संवाददाता, देवरिया। रुद्रपुर के फतेहपुर गांव में हुए नरसंहार के बाद अब असलहा के लाइसेंस लेने वालों पर भी शिकंजा कसने लगा है। फतेहपुर ग्राम पंचायत के रहने वाले 17 लोगों के असलहों के लाइसेंस निरस्त करने की प्रशासनिक स्तर पर तैयार शुरू हो गई है। रुद्रपुर कोतवाली पुलिस ने इसकी रिपोर्ट भी तैयार कर ली है। सुरक्षा के लिहाज से लोगों को जिला प्रशासन की तरफ से असलहे का लाइसेंस दिया जाता है। लेकिन आए दिन लाइसेंसी असलहों का दुरुपयोग भी होता है।
पांच लोगों को दी गई थी खौफनाक मौत
फतेहपुर के लेहड़ा टोला में सत्यप्रकाश दुबे, उनकी दो बेटी व एक बेटे की गोली मारकर आरोपितों ने हत्या कर दी। घटना में प्रयुक्त असलहा अभी तक बरामद नहीं हो सका है। फतेहपुर ग्राम पंचायत में कुल 26 लोगों के पास लाइसेंसी असलहे होने की पुष्टि हुई है। इसमें दबंग प्रेमचंद यादव के घर भी लाइसेंसी असलहा होने की बात कही जा रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि 17 लोग ऐसे चिह्नित किए गए हैं, जो इस घटना में या तो शामिल हैं या फिर संदिग्ध हैं। उनके असलहों के लाइसेंस निरस्त करने की कार्यवाही पूरी की जानी है।
इंस्पेक्टर पर भी कार्रवाई को भेजी गई रिपोर्ट
रुद्रपुर के फतेहपुर में हुए नरसंहार में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही हर दिन सामने आ रही है। मामले में सत्यप्रकाश दुबे की शिकायत पर कार्रवाई न करने वाले एक इंस्पेक्टर पर भी कार्रवाई की गाज गिरेगी। देवरिया के एसपी ने कार्रवाई के लिए कुशीनगर एसपी को पत्र लिखा है। दिसंबर 2020 से फरवरी 2021 तक रुद्रपुर कोतवाली में इंस्पेक्टर जितेंद्र टंडन की तैनाती रही है।
जांच में पता चला कि जनवरी 2021 में सत्यप्रकाश दुबे ने आइजीआरएस से शिकायत की थी, जिसमें तत्कालीन उप निरीक्षक सुनील कुमार ने गलत रिपोर्ट लगाया और इंस्पेक्टर ने गलत रिपोर्ट को सही मानते हुए मुहर लगा दी। एसपी संकल्प शर्मा ने पांच अक्टूबर को एसपी कुशीनगर को पत्र लिखकर तत्कालीन इंस्पेक्टर जितेंद्र टंडन पर कार्रवाई के लिए कहा है।
देवरिया पुलिस ने नहीं निरस्त कराए थे शस्त्र लाइसेंस
देवरिया के फतेहपुर गांव में जमीन विवाद में छह लोगों की हत्या के मामले में स्थानीय पुलिस की कई लापरवाही सामने आई हैं। सूत्रों का कहना है कि जांच में सामने आया कि आइजीआरएस (समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली) पर एक पक्ष के सत्यप्रकाश दुबे ने बार-बार अपनी जान को खतरा जताया था पर पुलिस ने संज्ञान नहीं लिया।
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क्षेत्र के उपनिरीक्षक ने जान को कोई खतरा न होने की रिपोर्ट दे दी थी, जिसे तत्कालीन क्षेत्राधिकारी ने भी आगे बढ़ा दिया था। यह भी सामने आया कि दूसरे पक्ष के प्रेमचंद यादव के विरुद्ध मारपीट के एक मामले में आरोपपत्र भी दाखिल हुआ था। इसके बाद भी प्रेमचंद व उसके परिवार के नाम जारी शस्त्र लाइसेंस निरस्त कराए जाने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई। दोनों पक्षों के बीच तनाव की जानकारी होने के बाद भी उन्हें पाबंद भी नहीं कराया गया था। देवरिया के फतेहपुर गांव में गत दो अक्टूबर को हुई इस जघन्य घटना की जांच में राजस्व व पुलिस के अधिकारियों व कर्मियों की लापरवाही सामने आई थी।
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