Deoria Murder Case: प्रेमचंद यादव की चलती थी देवरिया में दबंगई, सपा के टिकट पर बना था जिला पंचायत सदस्य
Deoria Murder Case यूपी का देवरिया छह लोगों के नरसंहार से थर्रा गया। इसमें जो सबसे पहली हत्या हुई वो थी पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव की। प्रेमचंद यादव की देवरिया में दबंगई चलती थी। प्रेमचंद यादव ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और उसे सफलता भी मिली थी। देवरिया में उसकी दबंगई चलती थी।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Tue, 03 Oct 2023 10:49 AM (IST)
जागरण संवाददाता, देवरिया। देवरिया में हुए हत्याकांड से पूरा प्रदेश थर्रा गया। छह लोगों की एक साथ हुई हत्या से लोगों में दहशत का माहौल है। इस हत्याकांड के पीछे जमीनी विवाद मुख्य वजह बताई जा रही है। छह लोगों में से एक जिला पंचायत सदस्य दबंग प्रेमचंद यादव भी था, जिसकी हत्या सत्य प्रकाश दुबे ने की। प्रेमचंद यादव इलाके का दबंग आदमी था।
प्रेमचंद यादव ने पहली बार राजनीति के क्षेत्र में अपनी मां चिंता देवी को वर्ष 2010 में ग्राम प्रधान पद पर उतारा, जिसमें सफलता मिलने के बाद वह काफी उत्साहित था। उनका कार्यकाल वर्ष 2015 तक था। उसके बाद वर्ष 2015 में जिला पंचायत सदस्य पद के लिए हुए चुनाव में प्रेमचंद यादव ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर भलुअनी पश्चिम क्षेत्र से चुनाव लड़ा और सफलता भी मिली।
मुक्तिनाथ यादव का पक्का समर्थक था प्रेमचंद
प्रेमचंद यादव इस वक्त भी समाजवादी पार्टी से जुड़ा हुआ था। वह रुद्रपुर के विधायक रहे मुक्तिनाथ यादव का पक्का समर्थक था। सपा के शासनकाल में मुक्तिनाथ यादव ने देवरिया शहर में पुलिस चौकी पर कब्जा कर लिया था। इसको लेकर खूब किरकिरी हुई थी।यह भी पढ़ें: Deoria Murder Case: गंडक नदी के तट पर एक साथ जलीं पांच चिताएं, मुखाग्नि देते हुए बेहोश हुआ बेटा; पसरा मातम
दबंग प्रेमचंद के कब्जे में रहता था साधु
छह लोगों के हत्याकांड की जड़ साधु दुबे पूर्व जिला पंचायत सदस्य दबंग प्रेमचंद यादव के कब्जे में रहता था। भाई सत्य प्रकाश दुबे से अनबन होने के बाद एक दशक पहले साधु दुबे गांव के दबंग प्रेमचंद से जुड़ गया और फिर उसी के यहां भोजन करने के साथ ही रहने लगा।यह भी पढ़ें: Deoria Murder Case: 14 लोग हिरासत में, गांव में 2 कंपनी PAC तैनात; स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार क्या बोले?
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।