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Deoria Murder Case: गंडक नदी के तट पर एक साथ जलीं पांच चिताएं, मुखाग्नि देते हुए बेहोश हुआ बेटा; पसरा मातम

Deoria Murder Case फतेहपुर के लेहड़ा टोला के रहने वाले सत्यप्रकाश दुबे उनकी पत्नी किरन बेटी सलोनी नंदनी व बेटा गांधी की हत्या कर दी गई थी। पुलिस के सहयोग से सभी शवों को पटनवा पुल स्थित गंडक नदी के तट पर पहुंचाया गया। पुलिस ने पांच चिताएं सजवाई और फिर सत्य प्रकाश दुबे के बड़े बेटे देवेश ने सभी चिताओं को एक साथ मुखाग्नि दिया।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Tue, 03 Oct 2023 09:53 AM (IST)
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गंडक नदी के तट पर एक साथ जलीं पांच चिताएं, रो पड़े लोग
जागरण संवाददाता, रामपुर कारखाना। रुद्रपुर के फतेहपुर में एक ही परिवार की पांच लोगों की हुई हत्या के बाद देर शाम शव पटनवा पुल स्थित छोटी गंडक नदी के तट पर पहुंचा। जहां मां-बाप, भाई व बहन को एक साथ चिता को देवेश ने मुखाग्नि दी। मुखाग्नि देते समय फफक कर रो पड़े। इस दौरान वह बेहोश होकर गिर पड़े। एक साथ पांच चिताएं जलीं तो वहां मौजूद लोगों की भी आंखें भर आई।

फतेहपुर के लेहड़ा टोला के रहने वाले सत्यप्रकाश दुबे, उनकी पत्नी किरन, बेटी सलोनी, नंदनी व बेटा गांधी की हत्या कर दी गई थी। पुलिस के सहयोग से सभी शवों को पटनवा पुल स्थित गंडक नदी के तट पर पहुंचाया गया। पुलिस ने पांच चिताएं सजवाई और फिर सत्य प्रकाश दुबे के बड़े बेटे देवेश ने सभी चिताओं को एक साथ मुखाग्नि दिया। इस दौरान एडीएम अरुण कुमार राय, एसडीएम सदर विपिन कुमार आदि सुरक्षा कर्मी मौजूद रहे। उधर दबंग प्रेमचंद यादव के शव का अंतिम संस्कार उसके स्वजन ने शहर से सटे कुरना नाले पर किया। इस दौरान बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मी मौजूद रहे।

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घाट पर नहीं थी रोशनी की व्यवस्था

पटनवा पुल स्थित छोटी गंडक नदी के किनारे दाह संस्कार करने के लिए जहां पुलिस एवं राजस्व विभाग के टीम लगाई गई थी, वहां पथ प्रकाश का इंतजाम बेहतर न होने के चलते दिक्कत उठानी पड़ी। टार्च व मोबाइल की रोशनी में अन्य कार्य पूरे किए गए।

जिले में पहली बार हुई एक गांव में छह लोगों की हत्या

जिले में पहले भी दोहरा, तिहरा हत्याकांड होते रहे हैं लेकिन पहली बार नरसंहार में छह लोगों की जान गई है। इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। 28 जुलाई 1998 को बरहज के पैना गांव में सुबह साढ़े छह बजे गोली तड़तड़ा उठी और चार लोगों की जान चली गई थी। इस घटना में राधेश्याम तिवारी, ब्रह्मा तिवारी, ब्रजेश तिवारी व धर्मेंद्र तिवारी शामिल थे। पहली बार इतनी बड़ी घटना जिले में हुई थी। इसके बाद सदर कोतवाली के सरौरा में 2017 में भूमि विवाद में तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह दोनों घटनाएं लोगों के जेहन में हमेशा रही हैं लेकिन रुद्रपुर के फतेहपुर की यह घटना जिले की सबसे बड़ी घटना हुई है।

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सत्य प्रकाश दुबे के घर में बिखरा पड़ा सामान

वो कल के भविष्य थे। जिनकी आंखों में सपने रहे होंगे। जिंदगी खत्म होने से सपने बिखर गए। रुद्रपुर के फतेहपुर के लेहड़ा टोले में सत्यप्रकाश दुबे के परिवार में तीन बच्चों समेत पांच की हत्या के बाद कमरे में खून बिखरा था। उसके छींटे कापी-किताबों पर भी पड़े थे, जो सपनों के बिखरने की कहानी कह रहे थे।

गोरखपुर जनपद से भी पुलिस बल बुलाया गया

छह लोगों की हत्या घटना के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई। पुलिस लाइन से दो कंपनी पीएसी भेजने के साथ ही क्यूआरटी व अन्य पुलिसकर्मी भी भेज दिए गए। रुद्रपुर, बरहज सीओ सर्किल के सभी थानों की पुलिस के अलावा गोरखपुर जनपद के चौरीचौरा व झंगहा थाने की भी पुलिस बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गई। तीन किलोमीटर का क्षेत्र दिन भर पुलिस छावनी में तब्दील रहा। चारों तरफ केवल पुलिसकर्मी व उनकी गाड़ियां ही नजर आ रही थीं।

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