Deoria Murder Case: जिस जमीन के लिए हुआ नरसंहार, उसकी खतौनी में प्रेमचंद और रामजी का दर्ज हुआ नाम
देवरिया जिले के रुद्रपुर में जिस जमीन के लिए चंद मिनटों में छह लोगों की लाशें बिछ गई थीं उसकी खतौनी में आखिरकार नौ साल बाद प्रेमचंद यादव व उसके भाई रामजी यादव का नाम दर्ज हो गया। ये वही जमीन है जो सत्यप्रकाश दुबे के भाई ज्ञानप्रकाश ने यादव भाइयों के नाम बैनामा किया था। इसको लेकर प्रेमचंद यादव ने आपत्ति जताई थी।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Mon, 30 Oct 2023 02:43 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देवरिया। रुद्रपुर के फतेहपुर कांड के बाद तहसीलदार भाटपाररानी कोर्ट ने खारिज दाखिल के मामले का निस्तारण कर दिया। सामूहिक नरसंहार में पत्नी, दो बेटियों और एक बेटे के साथ जान गंवाने वाले सत्यप्रकाश दुबे की आपत्ति को तहसीलदार भाटपाररानी ने निस्तारित कर दिया। बैनामा करने वाले सत्यप्रकाश दुबे के भाई ज्ञानप्रकाश दुबे का नाम निरस्त कर प्रेमचंद और उसके भाई रामजी यादव का नाम खतौनी पर दर्ज हो गया है।
यह है मामला
ज्ञानचंद दुबे ने पांच जुलाई 2014 को भाटपाररानी तहसील क्षेत्र के केहुनिया गांव में अपने हिस्से की संपूर्ण भूमि को प्रेमचंद और रामजी यादव के नाम बैनामा कर दिया था। इस मामले में सत्यप्रकाश दुबे ने आपत्ति जताई थी। तभी से खारिज दाखिल का मामला लटका हुआ था। फतेहपुर में सामूहिक नरसंहार के बाद तहसीलदार कोर्ट ने संज्ञान लिया और सुनवाई करते हुए 13 अक्टूबर को मामले का निस्तारण कर दिया।
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तहसीलदार भाटपाररानी चंद्रशेखर वर्मा ने बताया कि खारिज दाखिल के वाद का निस्तारण कर दिया गया है। 27 अक्टूबर को सत्यप्रकाश दुबे के पुत्र देवेश दुबे की तरफ से कायमी प्रार्थना पत्र दिया गया है। तबतक के लिए आदेश को रिस्टोर किया गया है।
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