मणिपुर की घटना को लेकर सपा के प्रवक्ता मनीष सिंह ने BJP सरकार पर साधा निशाना, कहा- कानून व्यवस्था में फेल
मणिपुर की घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनीष सिंह ने कहा कि केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार कानून व्यवस्था में फेल है। घटना के ढाई माह बाद भी इसे लेकर चल रहे विवाद को रोकने से सरकार सफल नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में कई हजार लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Sun, 30 Jul 2023 01:48 PM (IST)
देवरिया, जागरण संवाददाता। मणिपुर की घटना को लेकर पूरे देश में सियासी घमासान मचा है। लोगों में इस घटना को लेकर काफी रोष है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनीष सिंह ने भी मणिपुर की घटना को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि केंद्र से लेकर भाजपा शासित राज्यों तक में भाजपा की डबल इंजन सरकार कानून व्यवस्था पर पूरी तरह से फेल साबित हुई है।
मणिपुर हिंसा रोकने में सरकार असफल
सरकार पर निशाना साधते हुए मनीष सिंह ने कहा कि मणिपुर में पिछले ढाई महीने से ज्यादा समय से हिंसा जारी है। सरकार इसे रोकने में असफल साबित हुई है। मणिपुर में जिस तरह से भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने दो जातियों को लड़वा कर वहां के लोगों को आग में झोंकने का काम किया है वो निंदनीय है। बीते 88 दिनों में वहां के सैकड़ों लोग अपनी जान गवां चुके हैं। कई हजार लोग राहत शिविरों में गुजर-बसर करने को मजबूर हैं।
मणिपुर में दो समुदायों के बीच तीन मई को जो हिंसा शुरू हुई वो लगातार जारी है। दो महिलाओं के साथ हुई बर्बरता और अमानवीय व्यवहार का जो विडियो वायरल हुआ उसके बाद भी सरकार की संवेदना नहीं जागी। केंद्र की भाजपा सरकार इसे रोक पाने में न केवल पूरी तरह नाकाम रही है बल्कि इसे रोकने का प्रयास भी करती नहीं दिख रही है।
मनीष सिंह ने कहा कि हिंसा शुरू होने के अठहत्तर दिन बीत जाने के बाद भी प्रधानमंत्री चुप्पी साधे रही। सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और मानसून सत्र में विपक्षी दलों का सामना करने भय के चलते 78वें दिन प्रधानमंत्री ने अपनी चुप्पी तोड़ी और सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए पहली बार मणिपुर का नाम लिया।
सपा प्रवक्ता ने कहा कि संसद का वर्तमान मानसून सत्र भी अब मणिपुर मामले की भेंट चढ़ता दिख रहा है। एक तरफ जहां विपक्षी दल प्रधानमंत्री के सदन में आकर मामले पर बोलने और चर्चा करवाने की मांग कर रहे हैं वहीं प्रधानमंत्री सदन में आने को तैयार नहीं हैं। जिस मामले की चर्चा कई देशों की संसद में हो रही है, अपने ही देश की सरकार उस पर चर्चा से मुंह फेर रही है। सरकार जानबूझ कर अपने सांसदों से हंगामा करवा रही है जिससे मणिपुर जैसे चिंताजनक घटना पर चर्चा न हो सके।
मनीष सिंह ने कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था का आलम यह है कि यहां जेलों में बंद कैदियों की गोली मारकर हत्या कर दी जाती है। पुलिस के घेरे में आरोपितों और अपराधियों को गोलियों से भून दिया जाता है। लखनऊ के सिविल कोर्ट में संजीव महेश्वरी जीवा की दिनदहाड़े गोलियां मार कर हत्या, इसके पहले अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या, 2018 में बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या की घटनाएं उत्तर प्रदेश की डबल इंजन सरकार के दावों की पोल खोलतीं हैं। भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस का दावा करने वाली यूपी की सरकार पर अपने नेताओं को बचाने के लिए एनकाउंटर का सहारा लेने का आरोप लगता रहा है।
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