गरीबी के दुष्चक्र को तोड़ने में माइक्रो लोन की भूमिका अहम: डीएम
डीएम ने कहा कि बैंकर्स के सक्रिय सहयोग से इन योजनाओं को प्रभावी तरीके से क्रियान्वित कर लोगों को स्वरोजगार के लिए अवसर उपलब्ध कराया जा रहा है। बैंकों को प्राइमरी सेक्टर लेंडिग के साथ-साथ माइक्रो लोन प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराना चाहिए।
By JagranEdited By: Updated: Wed, 25 May 2022 12:51 AM (IST)
देवरिया: डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि तकनीकी विकास से बैंकिग सेवाओं की पहुंच आमजन तक पहुंची है और वित्तीय समावेशन की प्रक्रिया तेज हुई है। बैंक माइक्रो लोन के माध्यम से बड़ी आबादी को गरीबी के दुष्चक्र से बाहर निकलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
वह मंगलवार को सेंट्रल बैंक के संयोजन में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, पुरुषोत्तमपुर में आयोजित मेगा क्रेडिट कैंप को संबोधित कर रहे थे। कहा कि तकनीकी विकास के साथ-साथ बैंकों का दायरा बढ़ा है और दबाव कम हुआ है। डीएम ने कहा कि बैंकर्स के सक्रिय सहयोग से इन योजनाओं को प्रभावी तरीके से क्रियान्वित कर लोगों को स्वरोजगार के लिए अवसर उपलब्ध कराया जा रहा है। बैंकों को प्राइमरी सेक्टर लेंडिग के साथ-साथ माइक्रो लोन प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराना चाहिए। इस दौरान डीएम ने बैंक की तरफ से क्रेडिट कैंप में 2979 लाभार्थियों को 87 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित की। सीडीओ रवींद्र कुमार ने कहा कि जनपद में बैंकर्स ने विभिन्न योजनाओं को सफल बनाने में सक्रिय योगदान दिया है। उन्होंने भरोसा जताया कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी जनपद विभिन्न योजनाओं में शत-प्रतिशत से अधिक की प्रगति दर्ज करेगा।
सेंट्रल बैंक के क्षेत्रीय प्रमुख राजेश देशपांडे, मुख्य प्रबंधक मनोज कुमार सिन्हा ने बैंक के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर अपर शोध अधिकारी संस्थागत वित्त जय गोविद प्रसाद, जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड संचित सिह, बड़ौदा यूपी बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक याद राम, अग्रणी जिला प्रबंधक अरुणेश कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक राकेश कुमार एवं निदेशक आरसेटी नीरज अस्थाना सहित विभिन्न बैंकों के अधिकारी मौजूद रहे। श्रावस्ती में महिलाओं को करेंगी प्रशिक्षित देवरिया: गरीब महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उद्देश्य से प्रशिक्षित करने व स्वयं सहायता समूह गठन के लिए देवरिया से 60 महिलाओं का दल श्रावस्ती जनपद के लिए मंगलवार को रवाना हो गया। मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह के माध्यम से गरीब महिलाओं को प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के अंतर्गत मिशन निदेशालय से महिला प्रशिक्षकों को जनपद श्रावस्ती भेजने का निर्देश मिला है, जिसको देखते हुए जनपद के गौरीबाजार, भाटपाररानी व भागलपुर ब्लाक के स्वयं सहायता समूह की 60 महिलाओं को बस के माध्यम से जनपद श्रावस्ती भेजा जा रहा है। जिला विकास अधिकारी श्रवण राय ने कहा कि महिलाओं की टीम गांवों में जाएगी और वहीं ठहरेगी। स्वयं सहायता समूह का गठन कराकर महिलाओं को जोड़ेंगी, उन्हें समूह के संचालन व क्रियाकलापों की जानकारी देंगी। उपायुक्त स्वत: रोजगार विजय शंकर राय ने कहा कि इसके लिए गौरीबाजार के ब्लाक मिशन प्रबंधक लियाकत अहमद को नोडल नामित किया गया है। इस कार्य के लिए प्रत्येक महिला को मानदेय के रूप में 500 रुपये प्रतिदिन दिया जाएगा, जिससे महिलाओं को अच्छी आय होगी। इस दौरान जिला मिशन प्रबंधक कुमार गौरव, लेखाकार सुनिल कुमार आदि मौजूद रहे।
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