कहां है मेरा साला ज्ञानप्रकाश दुबे? सत्यप्रकाश के बहनोई ने प्रशासन से पूछा सवाल, कहा- माफिया ने गायब करवाया है
Deoria Murder Case - रुद्रपुर के फतेहपुर के लेहड़ा गांव में मंगलवार की दोपहर पहुंचे मृतक सत्यप्रकाश दुबे की बहन गायत्री पांडेय व बहनोई सुधीर पांडेय गम व गुस्से में दिखे। उन्होंने कहा कि उनके साले ज्ञानप्रकाश दुबे उर्फ साधु को खोज कर प्रशासन सामने लाए। उन्होंने आरोप लगाया कि भूमाफिया ने साजिश के तहत उनके साले को गायब कराया है।
By PAWAN KUMAR MISHRAEdited By: Shivam YadavUpdated: Tue, 03 Oct 2023 07:58 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देवरिया। रुद्रपुर के फतेहपुर के लेहड़ा गांव में मंगलवार की दोपहर पहुंचे मृतक सत्यप्रकाश दुबे की बहन गायत्री पांडेय व बहनोई सुधीर पांडेय गम व गुस्से में दिखे। उन्होंने कहा कि उनके साले ज्ञानप्रकाश दुबे उर्फ साधु को खोज कर प्रशासन सामने लाए। उन्होंने आरोप लगाया कि भूमाफिया ने साजिश के तहत उनके साले को गायब कराया है।
साथ ही सरकार से मांग की है कि सरकारी व गरीबों की भूमि हड़पने वाले भूमाफिया के घर पर बुलडोजर चलना चाहिए। हत्याकांड में शामिल आरोपियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। साथ ही जीवित बचे सत्यप्रकाश दुबे के दोनों बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार ले। उन्हें आर्थिक मदद व भविष्य सुरक्षित करने के लिए उपाय करे।
खबरों से मिली जानकारी
फतेहपुर के लेहड़ा टोले में सोमवार की सुबह जिला पंचायत के पूर्व सदस्य प्रेमचंद यादव की हत्या के कुछ देर बाद आततायियों ने सत्यप्रकाश दुबे, उनकी पत्नी किरण, बेटी सलोनी व नंदिनी, बेटे दीपेश उर्फ गांधी की हत्या कर दी। दिल दहला देने वाली घटना की जानकारी कुछ ही देर में जिले से लेकर प्रदेश में सुर्खियां बन गई।इंटरनेट मीडिया व टीवी चैनलों पर जब खबर प्रकाशित हुई तो रुद्रपुर के समोदर गांव की रहने वाली मृतक सत्यप्रकाश दुबे की बड़ी बहन गायत्री पांडेय व बहनोई सुधीर पांडेय को घटना की जानकारी हुई।
सीआरओ के सामने व्यक्त किया आक्रोश
मंगलवार को दोपहर लेहड़ा टोले पर पहुंचे दंपती ने सीआरओ रजनीश राय के सामने अपना आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मेरा साला ज्ञानप्रकाश भूमि बैनामा करने के बाद प्रेमचंद के घर पर ही रहा था। क्या कोई व्यक्ति बैनामा करने के बाद उसी के घर रहेगा, क्या कोई व्यक्ति धन और धर्म दोनों दे देगा।गोबर उठवाने का कार्य लेते थे माफिया
2014 के बाद आज तक मेरा साला किसी रिश्तेदारी में नहीं गया। भूमाफिया मेरे साले से भैंसों को खिलाने व गोबर उठवाने का कार्य लेते थे। उन्होंने कहा कि जबरन भूमि बैनामा कराने का मामला प्रशासन के संज्ञान में था। यदि प्रशासन ने गंभीरता से लिया होता तो शायद छह लोगों की जान नहीं जाती। शायद प्रशासन निर्बल की नहीं सुनता। सीआरओ ने बताया कि ज्ञानप्रकाश के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। उनका पता लगाया जाएगा।
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