बाढ़ से हुआ नुकसान, किसान परेशान
जागरण संवाददाता, कासगंज: गंगा के रौद्र रूप से तबाह हुए किसानों की वेदना सुनने को प्रशासन तैयार नहीं
जागरण संवाददाता, कासगंज: गंगा के रौद्र रूप से तबाह हुए किसानों की वेदना सुनने को प्रशासन तैयार नहीं है। तटवर्ती क्षेत्र के कई ग्रामों में किसानों की फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है लेकिन फसली नुकसान का आकलन सिर्फ औपचारिकताओं तक ही सिमट कर रह गया है।
बाढ़ के प्रभाव से दर्जनों गांव चपेट में है। सैकड़ों बीघा फसलें सड़ कर नष्ट हो चुकी हैं। प्रशासन लहरा, डिगलेश नगर, बघेला सहित आधा दर्जन गांव को बाढ़ से प्रभावित बता रहा है। जबकि दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में हैं और सैकड़ों बीघा भूमि जलमग्न है। बाढ़ पीड़ितों को आपदा राशि की दरकार है। लेकिन प्रशासन उनकी वेदना सुनने को तैयार नहीं है। तहसील प्रशासन उन किसानों को मुआवजा राशि दिलाता है, जिनकी फसल 50 फीसद से अधिक नष्ट होती है। लेकिन प्रशासन अभी तक किसी भी किसान का नुकसान 50 फीसद से अधिक नहीं बता रहा है। जबकि कृषि विशेषज्ञ अशोक कुमार बताते हैं कि जो फसलें बाढ़ के पानी से गिर गई हैं, वह बर्बाद ही हैं।
लहरा के किसान हरवीर कहते हैं कि किसानों की फसलों में इतना नुकसान है कि इन फसलों से अब अनाज उत्पन्न नहीं होगा। पानी कम होने के बाद इन फसलों में हल चलवाकर पुन: नई फसलें बोई जाएंगी। अपर जिलाधिकारी बालमयंक मिश्र का कहना है लेखपाल फसली नुकसान का आकलन कर रहे हैं।