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UPSC Success Story: एटा के अजय यादव की 236वीं रैंक, कहा- सफलता का कोई शार्टकट नहीं, बहन ने किया प्रोत्साहित

UPSC Success Story Etah News अधिवक्ता के बेटे अजय यादव ने सिविल सर्विसेज मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण पिता का नाम रोशन किया। एक बार असफल होने के बाद अजय यादव ने कड़ी मेहनत की और सफलता का मुकाम हासिल किया।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Wed, 24 May 2023 07:47 AM (IST)
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अजय यादव का चयन होने पर अपने पिता जितेंद्र यादव एडवोकेट का मुंह मीठा कराती बहन आभा।
एटा, जागरण संवाददाता। लगन और कड़ी मेहनत से अधिवक्ता पुत्र अजय यादव ने सिविल सर्विसेज मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण कर कमाल कर दिखाया है। उन्होंने सिविल सर्विसेज मुख्य परीक्षा में 236वीं रैंक पाकर आइएएस बनने का लक्ष्य पूरा किया है। अप्रैल महीने में ही उन्होंने उत्तर प्रदेश सिविल सर्विसेज परीक्षा में डीएसपी पद पर सफलता प्राप्त की थी।

अजय यादव ने जिले में ही शिक्षा प्राप्त की

प्रारंभिक शिक्षा से ही मेधावी रहे अजय यादव मुख्य रूप से जैथरा विकासखंड क्षेत्र के ग्राम कठिगरा तथा वर्तमान में शहर के द्वारकापुरी निवासी अधिवक्ता जितेंद्र सिंह यादव के पुत्र हैं। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा जिले में ही प्राप्त की। 2010 में हाईस्कूल तथा 2012 में इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद दिल्ली से आइआइटी बेहतर अंकों से कर इंजीनियरिंग की डिग्री ली। पहले से ही सिविल सर्विसेज में जाने का लक्ष्य निर्धारित करने के साथ वह तैयारी में जुट गए थे। उन्होंने पहली बार वर्ष 2022 की सिविल सेवा की परीक्षा दी और प्री परीक्षा में उत्तीर्ण हुए, लेकिन साक्षात्कार में किन्ही कारणों से पिछड़ गए तथा मुख्य परीक्षा में सफल नहीं हो सके।

पहली असफलता के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा

पहली असफलता के साथ उन्होंने सफलता के लिए कड़ी मेहनत की और यूपीपीएससी 2022 की भी परीक्षा दी। परीक्षा का परिणाम आठ अप्रैल 2023 को आया और उन्होंने प्रतिभा साबित कर दिखाई। पहले प्रयास में ही पीपीएस चयनित होकर डीएसपी बने। अपनी काबिलियत पर विश्वास कम न था इसलिए सिर्फ सिविल सर्विसेज परीक्षा का परिणाम आने का इंतजार कर रहे थे। मंगलवार दोपहर को सिविल सर्विसेज का परिणाम आया और 236वीं रैंक पाकर लक्ष्य को पा ही लिया।

घर में खुशी का माहौल

सिविल सर्विसेज परीक्षा उत्तीर्ण होने की जानकारी के बाद उनके गांव और घर पर खुशी का माहौल देखने योग्य था। वह दिल्ली में हैं, लेकिन द्वारकापुरी आवास पर शुभकामनाएं देने वालों की भीड़ शुरू हो गई। बीपीएस इंस्टिट्यूशन के डायरेक्टर डा. अशोक कुमार समाजसेवी, मेधाव्रत शास्त्री सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता शुभचिंतकों में पिता जितेंद्र सिंह तथा चाचा सर्वेंद्र सिंह को बधाई दी।

बहन आभा ने दिया जज्बा

अजय अपनी सफलता के पीछे चाचा के अलावा बहन आभा का खास योगदान मानते हैं। बहन ने रात-रात भर जाग कर अजय के साक्षात्कार की तैयारी कराई तथा प्रोत्साहित करती रहीं कि कहीं आत्मविश्वास कम न हो। अजय का मानना है कि सफलता के लिए कड़ी मेहनत जरूरी है। वहीं असफलता से ही सफलता की राह आसान होती है। अहमियत सुविधाओं और संसाधनों की नहीं बल्कि जरूरत बच्चों को शिक्षा दिलाने की है। छोटे भाई अभिषेक दिल्ली आइआइटी से इंजीनियरिंग की शिक्षा पूरी कर चुके हैं। वहीं बहन आभा भी सिविल सेवा की तैयारी कर रही है।

तीन दशक बाद दिया आइएएस

पीसीएस परीक्षा में भले ही एक दशक में ही जिले की दर्जनभर से ज्यादा प्रतिभाएं चयनित हुई, लेकिन आइएएस के लिए जिले को लंबा इंतजार करना पड़ा है। एटा के नारायण नगर निवासी प्रदीप यादव सिविल सेवा परीक्षा 1992 में चयनित हुए। इसके बाद अब अजय ने आइएएस बनने की सफलता पाई है। इतना जरूर है कि सात साल पहले जैथरा विकासखंड की पुत्र वधू ने यह परीक्षा उत्तीर्ण की थी। 

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