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आम बजट : सारे प्रयास फेल, आगे न बढ़ सकी रेल

बजट 2021 22 में रेल लाइन विस्तार को लेकर फिर से उम्मीदें टूट गईं

By JagranEdited By: Updated: Tue, 02 Feb 2021 04:53 AM (IST)
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आम बजट : सारे प्रयास फेल, आगे न बढ़ सकी रेल

जागरण संवाददाता, एटा : बजट 2021 22 में रेल लाइन विस्तार को लेकर फिर से उम्मीदें टूट गईं। पिछले एक पखवाड़े से रेल लाइन विस्तार की मांग सरकार तक पहुंचाने के लिए हुए जतन बजट आने के बाद व्यर्थ ही दिखे हैं। एक बार फिर रेल वहीं ठहर कर रह गई।

लंबे समय से चली आ रही एटा-कासगंज रेल लाइन विस्तार की मांग पूरी होने के अरमान बजट आने के बाद फिर धरे रह गए। इस बार के बजट में वित्तमंत्री से रेल लाइन विस्तार के लिए बजट अवमुक्त होने की उम्मीद पूरी नहीं हुई। कभी सर्वे तो कभी रेल लाइन विस्तार के लिए बजट स्वीकृति जैसी पिछले सालों की स्थिति के सापेक्ष कुछ मिलना तो दूर पुराने आश्वासनों की भी पुनरावृति न होने से जिले का अहम मुद्दा धुंधला होकर रह गया। सुबह से ही जिले का हर तबका रेल बजट में रेल लाइन विस्तार की बाट जोहता रहा लेकिन सब व्यर्थ गया। एक पखवाड़े से कुछ संगठनों द्वारा सोशल मीडिया पर चलाई जा रही मुहिम और मंत्रालय तक पहुंचाया गया संदेश भी सफल नहीं हुआ।

रेल बजट 2017 में एटा-कासगंज रेल लाइन विस्तार को मंजूरी दी गई थी। दोनों जिलों के बीच 29 किलोमीटर लंबे ट्रैक निर्माण के लिए 277 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की गई। अब चौथे साल भी यह घोषणा सकारात्मक नहीं हो सकी। बजट में रेल लाइन विस्तार कोई स्थान न मिलने से हर वर्ग आहत है। सुबह से रेलवे स्टेशन पर सत्याग्रह

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बजट पेश किए जाने के दौरान ही सुबह से रेलवे स्टेशन पर सामाजिक कार्यकर्ता मेघाव्रत शास्त्री के नेतृत्व में सत्याग्रह शुरू हुआ लेकिन बजट आने के बाद सत्याग्रह में शामिल युवा प्रबुद्ध तथा अन्य तबके के लोगों ने यही कहा कि रेल की लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। बोले लोग किया जा रहा धोखा

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बजट आने के बाद एटा रेल लाइन विस्तार को फिर झटका आहत करने वाला है। पिछले सालों बजट में जो प्रावधान हो गए उन्हें आगे न बढ़ा है आ जाना सिर्फ धोखा देना ही है।

- सर्वेंद्र शर्मा वैसे तो बजट के तमाम बिदुओं पर नजर रहती है लेकिन जिले के लिए रेल लाइन विस्तार अहम था। जिले की फिर अनदेखी से यही लग रहा है कि जनता को किसान आंदोलन की तरह अपनी आवाज उठानी पड़ेगी।

- उमेश यादव लोकसभा चुनाव के समय सब्जबाग दिखाकर जनप्रतिनिधियों ने जनता को बेवकूफ बनाया। अब तो साफ हो गया है कि रेल लाइन विस्तार के लिए जनप्रतिनिधि उदासीन है।

- देवेंद्र चौधरी बंटी जब तक एटा की रेल आगे तक नहीं बढ़ेगी तब तक विकास की बात अनुचित है। बजट में रेल लाइन विस्तार का फिर जिक्र न होना जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ है।

- वीरेंद्र गुप्ता

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