Rameshwar Singh Yadav: अखिलेश यादव के करीबी सपा नेता को अदालत से नहीं मिली राहत, जमीन पर किया था कब्जा
Etah News अदालत ने खारिज कर दी मुक्त करने की अर्जी। आरोप तय करने को 31 जनवरी निर्धारित। पूर्व विधायक और सपा नेता पिछले कई महीने से जेल में हैं। उनके खिलाफ अन्य मुकदमे भी दर्ज हैं।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Sat, 21 Jan 2023 12:27 PM (IST)
एटा, जागरण टीम। सपा सरकार में मलावन थानाक्षेत्र के गांव आसपुर में नट की जमीन को हथियाने के मामले में पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव को अदालत से राहत नहीं मिली। अदालतों ने उनकी ओर से पेश हुए तथ्यों व तर्काें को कानून की कसौटी पर खरा न पाने पर उनकी उन्मोचन अर्जी को खारिज कर दिया। वहीं आरोपों को तय करने के लिए 31 जनवरी तारीख नियत की।
जमीन देने का डालते थे दबाव
मलावन थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में आसपुर निवासी गीतम सिंह नट ने बताया कि सपा सरकार में विधायक रामेेश्वर सिंह अपने भाई जुगेंद्र सिंह यादव व सुबोध उसके पिता कुंवरपाल पर अपनी जमीन देने को दबाव डालते थे। आरोपों के मुताबिक पिता की मृत्यु के बाद जब जमीन उसके नाम पर आयी तो उन लोगों ने उसकी जमीन पर कब्जा करना शुरू कर दिया। आरोपितों की दबंगई के चलते वादी परिवार समेत मथुरा में रहने लगा। 2 जून 2021 को धानमील फार्म हाउस के एक कमरे में पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह व उनके भाई पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह यादव ने उससे जमीन के कागजातों पर हस्ताक्षर कराकर कर जमीन पर कब्जा कर लिया।
पूर्व विधायक के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र भेजा
पुलिस ने मारपीट हरिजन उत्पीडन व जमीन जबरन हथियाने का मामला दर्ज कर विवेचना के बाद पूर्व विधायक के खिलाफ आरोपपत्र अदालत भेजा। जबकि जुगेंद्र सिंह व सुबोध के खिलाफ विवेचना प्रचलित है। अदालत द्वारा 15 सितंबर 2022 को आरोपपत्र पर संज्ञान लिए जाने के बाद खुद को इस मामले से मुक्त करने के लिए पूर्व विधायक की ओर से अदालत में अपने तर्क और तथ्य पेश किए गए।ये भी पढ़ें...Mathura: बेजुबान के साथ क्रूरता की हदें पार, युवक ने पेट्रोल डालकर कुतिया को जलाया, हिरासत में आरोपित
दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस के बाद पूर्व विधायक के तर्क और तथ्य कानून की कसौटी पर खरे न पाए जाने पर प्रथम अपर जिला जज नरेंद्र कुमार सिंह ने उनकी अर्जी को खारिज कर दिया। वहीं उन पर आरोप निर्धारण करने के लिए 31 जनवरी की तारीख नियत की।
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