Etah News: ये कैसी व्यवस्था! एटा मेडिकल कालेज में प्रसूता को नहीं किया भर्ती, नवजात ने तोड़ा दम, कहा, पहले खून लेकर आओ तब भर्ती करेंगे
यह घटनाक्रम 22 अक्टूबर की रात नौ बजे का है। परिवार के लोग इधर-उधर दौड़ते रहे लेकिन उन्हें कहीं भी खून नहीं मिला। उनके साथ कोई ऐसा व्यक्ति भी मौजूद नहीं था जो अपना खून दे देता। इतने में बच्ची की हालत बिगड़ गई तो स्टाफ के लोग उस बच्ची को अपने साथ ले गए और उपचार देने की कोशिश की लेकिन तब तक बच्ची ने दम तोड़ दिया।
जागरण संवाददाता, एटा। एटा मेडिकल कालेज में जैथरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से रेफर की गई प्रसूता और उसकी नवजात बच्ची को समय से मेडिकल कालेज में इलाज नहीं मिला।
एक घंटे तक परिवार एमसीएच विंग में एंट्री के लिए खड़ा रहा, लेकिन प्रसूता को खून की आवश्यकता थी। चिकित्सकों ने कह दिया कि पहले खून लेकर आओ तब भर्ती करेंगे। इस दौरान नवजात बच्ची ने दम तोड़ दिया।
चिकित्सकों ने बताया खून है कम
थाना जैथरा क्षेत्र के गांव गढ़िया सुहागपुर निवासी सुरजीत सिंह की पत्नी रूबी को पहले डिलीवरी के लिए जैथरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया गया था, जहां उसकी सामान्य रूप से डिलीवरी हो गई और बच्ची को जन्म दिया। डिलीवरी के बाद महिला में चिकित्सकों ने खून की कमी बताई।
इसलिए वहां के चिकित्सकों ने मेडिकल कालेज ले जाने की सलाह दी और रेफर कर दिया। उधर बच्ची की भी हालत ठीक नहीं थी, वह भी कमजोर थी और उसे भी उपचार की आवश्यकता थी। इसलिए परिवार के लोग महिला और नवजात बच्ची को मेडिकल कालेज ले आए।
यहां एमसीएच विंग के बाहर वे एक घंटे तक खड़े रहे, उन्होंने स्टाफ से कई बार कहा कि महिला और बच्ची को भर्ती कर लें। यह भी बताया कि महिला में खून की कमी है। इस पर वहां मौजूद चिकित्सकों और स्टाफ ने कह दिया कि पहले खून लेकर आओ तब भर्ती कराओ। चिकित्सकों ने तब तक बच्ची को हाथ नहीं लगाया।
बच्ची की मौत के बाद महिला के साथ आए स्वजन ने हंगामा किया और मेडिकल कालेज के चिकित्सकों पर आरोप लगाया कि भारी लापरवाही बरती गई है। महिला की हालत गंभीर होते हुए भी उसे भर्ती नहीं कराया गया। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. संदीप गुप्ता का कहना है कि अगर कोई लापरवाही हुई है तो जांच की जाएगी।
निजी नर्सिंग होम पर भी नहीं खून की व्यवस्था
यहां गली-गली खुले नर्सिंग होम पर गंभीर मरीजों के लिए व्यवस्था कैसी है इसकी एक वानगी यह भी है कि जैथरा क्षेत्र की महिला रूबी को खून नहीं मिल पाया। खून को लेकर महंगी सौदेबाजी भी होती रही। महिला के स्वजन का कहना है कि इतनी गंभीर स्थिति में भी सिर्फ दवा देकर उसे छोड़ दिया गया। मजबूर होकर महिला को घर लाना पड़ा।