अठारह गांवों के किसानों की जमीन पर बिछेगी रेलवे लाइन
एटा से मलावन तक 19.5 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन के लिए जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लगभग आधी जमीन का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। कुछ किसानों ने अपनी जमीन देने पर आपत्ति जताई थी, लेकिन उन्हें भी समझा-बुझाकर शांत कर दिया गया।
जागरण संवाददाता, एटा : एटा से मलावन तक 19.5 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन के लिए जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लगभग आधी जमीन का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। कुछ किसानों ने अपनी जमीन देने पर आपत्ति जताई थी, लेकिन उन्हें भी समझा-बुझाकर शांत कर दिया गया। रेलवे लाइन के लिए अस्सी हेक्टेयर भूमि चाहिए, यह जमीन अठारह गांवों के अंतर्गत आती है। एटा से लेकर जवाहर विद्युत तापीय परियोजना स्थल तक रेलवे लाइन बिछाई जानी है।
जवाहरपुर विद्युत तापीय परियोजना के लिए भूमि का चयन पहले ही हो चुका था। इसके लिए खंभे लगाकर चिन्हांकन भी कर लिया गया। रास्ते में कुछ ट्यूबवैल और लोगों के निजी पेड़ भी आ रहे हैं, उनकी कीमतों का मूल्यांकन भी किया जा रहा है। कुल 19.5 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बिछाई जानी है। अभी तक डेढ़ हजार किसानों ने अपने सहमति पत्र अधिकारियों को सौंप दिए हैं कि वे अपनी जमीन देने को तैयार हैं। कुल दो हजार छह सौ किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। रेलवे लाइन के लिए रेल मंत्रालय की ओर से प्रोजेक्ट पहले ही तैयार कर लिया गया और इसे प्रोजेक्ट पॉवर कमेटी ने भी मंजूरी प्रदान कर दी है। किसानों की जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण कार्य फरवरी माह में शुरू होने की उम्मीद है। जिन गांवों के किसानों की जमीन जा रही है उनमें बाबरपुर, नरहरा, घनश्यामपुर-रामपुर, शीतलपुर, लालगढ़ी, एटा देहात, निगोह हसनपुर, बरथरी, नगला निजाम, शिव¨सहपुर, भरमई, कीलरमऊ, जीसुखपुर, मरजादपुर, नहचलपुर, चाचरमऊ, लोया बादशाहपुर, किशनपुर, मुक्तापुर आदि गांव शामिल हैं। जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया में राजस्व विभाग की टीमों को लगाया गया है। इंजीनियरों की टीम भी डेरा डाले हुए है। जवाहरपुर तापीय परियोजना के इंजीनियर सुमंत यादव ने बताया कि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुआवजा वितरित किया जाएगा। तत्पश्चात निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा।