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इटावा सीएमओ कार्यालय बना अखाड़ा, एसीएमओ और डॉक्टर के बीच जमकर हुई मारपीट

Etawah News उत्तर प्रदेश के इटावा का सीएमओ कार्यालय मंगलवार शाम को तब अखाड़े में तब्दील हो गया जब आवास में कब्जे को लेकर एसीएमओ व एक डॉक्टर के बीच जमकर गाली-गलौज और मारपीट हुई। कार्यालय में काफी देर तक हंगामा चलता रहा। वहीं पुलिस ने बताया झगड़ा हुई था लेकिन दोनों का आपस में सुलह-समझौता करा दिया गया है।

By Bhupendra Singh Edited By: Abhishek Pandey Updated: Wed, 17 Jul 2024 08:48 AM (IST)
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इटावा सीएमओ कार्यालय बना अखाड़ा, एसीएमओ और डॉक्टर के बीच जमकर हुई मारपीट

जागरण संवाददाता, इटावा। मंगलवार की शाम को सीएमओ कार्यालय उस वक्त अखाड़ा बन गया जब आवास में कब्जे को लेकर एसीएमओ व एक चिकित्सक के बीच जमकर गाली गलौज और मारपीट हुई। काफी देर तक यहां हंगामा चलता रहा। इतना ही नहीं आवाजें कार्यालय के बाहर तक सुनाई दीं।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत कराया। इस दौरान विभाग के अन्य अधिकारी अपने-अपने कक्ष में बैठे रहे, जबकि इस पूरे मामले पर सीएमओ ने पल्ला झाड़ लिया।

स्वास्थ्य विभाग के एसीएमओ डॉ. बीएल संजय को विभाग की ओर से मेडिकल केयर यूनिट कैंपस में आवास आवंटित है, जिसमें एक कमरे पर डॉ. मोहम्मद आसिफ चौधरी ने अपना सामान रखकर ताला डॉल रखा है।

पहले दी थी जान से मारने की धमकी

डॉ. बीएल संजय ने बताया कि डॉ. आसिफ से कई बार कमरा खाली करने को कहा गया, लेकिन कमरा खाली नहीं किया गया। इतना ही नहीं कई बार अभद्रता और जान से मारने की धमकी भी पूर्व में डॉक्टर द्वारा दी गई। इसके संबंध में पूर्व में भी एसीएमओ द्वारा शिकायतें की गई थीं।

उक्त मामले का संज्ञान लेते हुए सीएमओ डॉ. गीताराम ने जिलाधिकारी व एसएसपी को भी इस संबंध में अवगत कराते हुए पत्र के द्वारा बताया कि 2021 से पूर्व उक्त आवास डॉ. आसिफ को आवंटित था। जिसको जुलाई 2021 में एसीएमओ डॉ. बीएल संजय को आवंटित किया गया था।

इस दौरान डॉ. आसिफ ने एक कमरे में ताला डॉलकर उसको बंद कर रखा है। उन्होंने डॉ. आसिफ को पत्र लिखा था जिसमें स्पष्टीकरण मांगा था कि उक्त आवास जो आपको आवंटित नहीं है उस आवास के एक कमरे में ताला क्यों डॉल रखा है।

सैफई में है आसिफ की तैनाती

डॉ. आसिफ की तैनाती सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सैफई में है उसके बावजूद भी यहां सरकारी आवास में कब्जा किए हुए हैं। इतना ही नहीं एसीएमओ को जान से मारने की धमकी आदि के संबंध में उक्त डॉक्टर से 15 जुलाई को पत्र लिखकर तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया था।

पत्र मिलते ही डॉ. आसिफ मंगलवार को सीएमओ कार्यालय में पहुंचे जहां पर सीएमओ डॉ. गीताराम, एसीएमओ डॉ. बीएल संजय भी मौजूद थे। यहां पर एसीएमओ व डॉ. के बीच आवास में कब्जे को लेकर कहासुनी शुरू हो गई और उसके बाद गाली गलौज होने लगी। मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि सीएमओ कार्यालय अखाड़ा बन गया और एसीएमओ व डॉक्टर के बीच जमकर मारपीट हुई।

इस संबंध में सीएमओ डॉ. गीताराम से बात की तो उन्होंने पूरे मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि ऐसी कोई बात नहीं आवास को लेकर कुछ विवाद पुराना चला आ रहा था, जिसको लेकर मामूली कहासुनी हो गई थी।

प्रभारी थाना सिविल लाइन ने बताया कि सीएमओ कार्यालय में दो चिकित्सकों के बीच लड़ाई झगड़ा हुआ था उनके द्वारा वहीं पर सुलह समझौता कर लिया गया था। किसी प्रकार का कोई भी लिखित प्रार्थना पत्र नहीं दिया गया।

एसीएमओ डॉ. बीएल संजय ने कहा कि मेरे द्वारा कोई समझौता नहीं किया गया है मेरे द्वारा जिस सरकारी आवास का किराया हर महीने आठ हजार रुपये दिया जा रहा है उसके एक कमरे में कब्जा है उसको खाली कराया जाए। डॉ. मुहम्मद आसिफ चौधरी ने मामले में कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया।

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