इटावा की पांच छात्राओं को राष्ट्रपति भवन में से आया न्यौता, रक्षाबंधन में राष्ट्रपति से मिलना सपने साकार जैसा
इटावा की पांच छात्राओं को रक्षाबंधन पर राष्ट्रपति भवन से बुलावा आया। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से मिलकर छात्राएं उत्साहित थीं। राष्ट्रपति ने रक्षाबंधन को प्रकृति और पर्यावरण से जोड़ने का संदेश दिया। छात्राओं ने इसे सपने के सच होने जैसा बताया और भविष्य में समाज के लिए कुछ करने की प्रेरणा ली।

जागरण संवाददाता, इटावा। इटावा की पांच छात्राओं का राष्ट्रपति भवन से न्योता आया। उन्हें रक्षाबंधन के अवसर पर बुलाया गया। छात्राओं से राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने मुलाकात की। छात्राओं का कहना था कि यह किसी सपने के साकार होने जैसा है।
कस्बा लखना के कलावती रामप्यारी बालिका इंटर कालेज की पांच छात्राओं कक्षा 10 की छात्राएं रूपाली, अविका, अंशिका, जिया व कक्षा नौ की छात्रा अनामिका का चयन हुआ। उन्हें रक्षाबंधन का त्योहार राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के साथ मनाने का सौभाग्य मिला।
राष्ट्रपति ने छात्राओं को रक्षाबंधन त्योहार को न केवल भाई बहन के प्रेम और स्नेह का हिस्सा बताया बल्कि प्रकृति, जीव जंतु, मानव एवं पेड पौधों को जोड़कर समझाया। पर्यावरण को भी रक्षा सूत्र में बांधने के लिए प्रेरित करते हुए वन संपदा से संरक्षण की प्रेरणा दी। छात्राएं राष्ट्रपति का सानिध्य पाकर बहुत ही उत्साहित एवं गौरवान्वित हैं। छात्राओं का कहना है कि राष्ट्रपति से मिलने के बाद वे अब अपने सपनों को साकार करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।
छात्रा अविका ने बताया कि द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात उसके जीवन का एक यादगार क्षण बन गया। उनके सादगीपूर्ण व्यवहार और संघर्षों से भरे प्रेरणादायक जीवन ने अविका को गहराई से छू लिया। राष्ट्रपति की बातों ने उसके मन में आत्मविश्वास और कुछ कर दिखाने की भावना को जन्म दिया। अपने सपनों को साकार करने के लिए वह और भी दृढ़ संकल्पित है, बल्कि समाज के लिए कुछ सकारात्मक योगदान देने की दिशा में भी प्रेरित हुई है। यह मुलाकात उसके जीवन में नई ऊर्जा, नई सोच और नई प्रेरणा बनकर आई है।
छात्रा अंशिका ने बताया कि यह एक प्रेरणादायक अनुभव रहा। राष्ट्रपति के जीवन में आए संघर्षों और उनकी सादगी से उसने यह सीखा कि कठिनाइयां जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन उन्हें पार करके आगे बढ़ना ही सच्ची सफलता है। उनकी बातों ने उसके मन में आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच को नई दिशा दी। अब वह अपने लक्ष्यों को लेकर और अधिक गंभीर तथा प्रेरित है।
छात्रा जिया ने बताया कि राष्ट्रपति से मिलना उसके लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहा। उन्होंने यह सिखाया कि परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों, अगर मन में हौसला हो तो कोई भी मुकाम पाया जा सकता है। इस मुलाकात ने उसके भीतर आत्मविश्वास और नेतृत्व की भावना को और मजबूत किया। अब वह न केवल अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित हुई है, बल्कि समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को लेकर भी अधिक सजग हो गई है। यह प्रेरणा उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगी।
छात्रा रूपाली ने बताया कि राष्ट्रपति से हुई मुलाकात ने उसके मन में एक नई चेतना और आत्मबल का संचार हुआ। राष्ट्रपति के संघर्षों और सादगीपूर्ण जीवन से प्रेरित होकर उसने यह महसूस किया कि मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास से किसी भी सपने को सच किया जा सकता है। यह मुलाकात उसके लिए सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि एक ऐसा अनुभव बन गई जो उसे आगे बढ़ने, समाज में कुछ अलग करने और अपने लक्ष्य को पाने की प्रेरणा देता रहेगा।
छात्रा अनामिका ने बताया कि राष्ट्रपति से मिलना उसके लिए न सिर्फ एक गौरवपूर्ण पल था, बल्कि एक गहरी प्रेरणा का स्रोत भी बना। राष्ट्रपति की विनम्रता, संघर्षों भरा जीवन और देश सेवा की भावना ने उसको यह सिखाया कि आत्मविश्वास और मेहनत से असंभव भी संभव हो सकता है। उनकी बातों ने उसके मन में एक नई सोच और मजबूत इरादों को जन्म दिया। अब वह अपने सपनों को साकार करने के लिए और भी उत्साह और संकल्प के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित है।
विज्ञान शिक्षिका प्रीति यादव ने बताया कि राष्ट्रपति ने पर्यावरण को भी रक्षा के सूत्र में बांधने के लिए प्रेरित किया। वन संपदा जीव सभी एक दूसरे के लिए संरक्षक है। उनसे मिलकर मुझे यह एहसास हुआ कि सादगी और साहस से भरी हुई शख्सियतें ही असली ताकत होती हैं। उनका व्यक्तित्व, उनका दृष्टिकोण और देश के प्रति उनका समर्पण देखकर मैं बेहद प्रभावित हई। उनकी बातों में ऐसी गहराई थी, जो हर किसी को अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। इस मुलाकात ने यह भी सिखाया कि अपने संघर्षों और समर्पण से किसी भी ऊंचाई तक पहुंचा जा सकता है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति भवन से बच्चों को आमंत्रित करने के लिए आनलाइन आवेदन दो महीने पहले मांगे गए थे। स्कूल की तरफ से आवेदन किया गया था। इसके बाद राष्ट्रपति भवन से पांच बच्चोंं का 6 अगस्त को बुलावा आ गया वे आठ अगस्त को दिल्ली पहुंची थीं। रक्षाबंधन के दिन प्रात: साढ़े 10 बजे राष्ट्रपति भवन में एक घंटे के कार्यक्रम में छात्राओं की उनसे मुलाकात हुई। प्रधानाचार्य चंद्रलता गुप्ता का भी सहयोग रहा।
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