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दरभंगा-वैशाली एक्सप्रेस में हुई आगजनी से रेलवे को हुआ कितना नुकसान, सामने आए तथ्य; यात्रियों के सामान की गणना करें तो...

रेलवे की ओर से दरभंगा एक्सप्रेस की सीसीआरएस जांच बैठाई गई है जबकि वैशाली एक्सप्रेस की जांच प्रयागराज मंडल के अधिकारियों द्वारा की जा रही है। बताते चलें कि नई दिल्ली से यात्रियों से भरी दरभंगा एक्सप्रेस के एस-1 कोच में 15 नवंबर को शाम सवा पांच बजे सराय भूपत स्टेशन से पहले धमाका होने के साथ आग लग गई थी।

By gaurav dudejaEdited By: Nitesh SrivastavaUpdated: Wed, 22 Nov 2023 02:20 PM (IST)
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दरभंगा-वैशाली एक्सप्रेस में हुई आगजनी से रेलवे को हुआ कितना नुकसान
जागरण संवाददाता, इटावा । 15 नवंबर को दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर दरभंगा और वैशाली एक्सप्रेस में 12 घंटे के अंतराल में लगी आग से रेलवे संपत्ति को पांच करोड़ से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है। अगर ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्रियों के जले सामान की गणना करें तो नुकसान दोगुना से ज्यादा होने की संभावना है।

इसमें सबसे ज्यादा नुकसान दरभंगा एक्सप्रेस के एस-1, एस-2 और एसएलआर कोचों के बुरी तरह जलने से हुआ है। वैशाली एक्सप्रेस में आरपीएफ और जीआरपी की सजगता से नुकसान काफी कम हुआ है। रेलवे की संपत्ति को क्षति पहुंचने पर जीआरपी थाना में अज्ञात में मुकदमा भी दर्ज किया गया है।

रेलवे की ओर से दरभंगा एक्सप्रेस की सीसीआरएस जांच बैठाई गई है जबकि वैशाली एक्सप्रेस की जांच प्रयागराज मंडल के अधिकारियों द्वारा की जा रही है।

बताते चलें कि नई दिल्ली से यात्रियों से भरी दरभंगा एक्सप्रेस के एस-1 कोच में 15 नवंबर को शाम सवा पांच बजे सराय भूपत स्टेशन से पहले धमाका होने के साथ आग लग गई थी। यात्रियों ने खिड़कियों से कूदकर अपनी जान जैसे-तैसे बचाई थी लेकिन भीषण आग की वजह से एस-1 समेत आगे और पीछे लगे एस-2 और एसएलआर कोच बुरी तरह जले गए थे।

यहीं नहीं जान बचाने में यात्रियों का सामान भी जल गया था और आठ यात्री भी घायल हुए थे। कुछ इसी तरह नई दिल्ली से सहरसा बिहार जा रही वैशाली एक्सप्रेस में भी इटावा जंक्शन के मैनपुरी रेलवे क्रासिंग पर एस-6 कोच के बाथरूम के पास आग लग गई थी। स्कार्ट व जीआरपी व आरपीएफ जवानों की सतर्कता से समय रहते आग पर काबू पा लिए जाने से कोच जलने से बच गया था।

रेलों में तीन तरह के कोचों का होता है प्रयोग

भारतीय रेलों में तीन तरह के कोचों डिब्बों का प्रयोग होता है। इनमें जर्मन टेक्नोलाजी पर आधारित लिंक हफमान बुश एलएचबी डिब्बे पंजाब के कपूरथला में निर्मित होते हैं जबकि इंटीग्रल कोच आइसीएफ, पेरामबदूर तमिलनाडू में तथा आधुनिक कोच एमसीएफ प्रदेश के रायबरेली में बनते हैं।

रेल अधिकारियों के मुताबिक तीनों ही तरह के रेल डिब्बों के निर्माण में लगभग दो से तीन करोड़ रुपये तक लागत आती है। दरभंगा और वैशाली में लगे कोच बरेली में निर्मित होने वाले एमसीएफ कोच बताए गए हैं। जिनकी एक कोच की लागत दो से ढाई करोड़ रुपये के आसपास है।

आग लगने से जले दरभंगा एक्सप्रेस के तीन कोचों और वैशाली एक्सप्रेस के एक कोच में मामूली रूप से आग लगने की वजह से चार से पांच करोड़ रुपये की रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। आग के कारणों की जांच हो रही है आग कैसी लगी और क्या कारण रहा जब तक सीआरएस जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक कुछ कहना ठीक नहीं रहेगा।

अमित कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी प्रयागराज मंडल

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