भोजन में आयोडीन युक्त नमक का अपना विशेष महत्व होता है। इस नमक से जहां अनेक तरह की बीमारियों से सुरक्षा मिलती है वही घेंघा की बीमारी के साथ शिशुओं में होने वाले अनेक विकारों से छुटकारा मिलता है।
By JagranEdited By: Updated: Sun, 02 Feb 2020 06:06 AM (IST)
जागरण संवाददाता, इटावा : भोजन में आयोडीन युक्त नमक का अपना विशेष महत्व होता है। इस नमक से जहां अनेक तरह की बीमारियों से सुरक्षा मिलती है, वही घेंघा की बीमारी के साथ शिशुओं में होने वाले अनेक विकारों से छुटकारा मिलता है। इसी लिए प्रदेश सरकार ने आयोडीन युक्त नमक खाने की ही अनिवार्यता की है। नमक की गुणवत्ता जांचने के लिए ही सरकार ने खाद्य सुरक्षा विभाग को अलर्ट करके छापामारी करने के आदेश दिए है तथा आयोडीन युक्त नमक की बेचने की इजाजत दी है। आयोडीन की कमी के परिणाम - आयोडीन की कमी हर उम्र के लोगों के लिए नुकसान दायक है। बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य और महिलाओं पर इसकी कमी का प्रभाव अधिक गंभीर होता है।
- आयोडीन की कमी के लक्षण अक्सर दिखाई नही देते हैं। केवल एक लक्षण दिखाई देता है और वह है घेंघा या गिल्लड़ जो गले में भद्दी सी सूजन के रूप में दिखाई देती है। घेंघा आयोडीन की अत्यधिक कमी को दर्शाता है।
- आईक्यू 10 से 15 फीसद कम होना, शारीरिक विकास में कमी, बौनापन होना - अपंगता, बहरापन या फिर गूंगापन का पाया जाना, पढ़ाई में मन नहीं लगना और थक जाना गर्भावस्था के दौरान अचानक गर्भपात हो जाना, मृत बच्चे का जन्म होना, गर्भ में पल रहे बच्चे के मानसिक विकास में कमी आना या रुक जाना, बांझपन हो जाना। वयस्कों में : घेंघा रोग हो जाना, किशोरावस्था में बढ़त रुक जाना, शरीर में ऊर्जा शक्ति का कम हो जाना। जानवरों में : आयोडीन की कमी से दूध का उत्पादन कम होना, मांस का कम होना, भेड़ों में ऊन कम होना, मुर्गियां कम अंडे देती हैं। आयोडीन की कमी दूर करने के उपाय आयोडीन की कमी को दूर करने का सबसे आसान व सुलभ तरीका सभी के द्वारा प्रतिदिन आयोडीन युक्त नमक का ही प्रयोग किया जाए। सामान्यत: हमें प्रत्येक दिन 150 माइक्रो ग्राम, बच्चों को 100 माइक्रो ग्राम तथा गर्भवती व धात्री माताओं को लगभग 250 माइक्रो ग्राम (लगभग सुई की नोंक के बराबर) आयोडीन की आवश्यकता होती है। इसे हम आयोडीन युक्त नमक से पूरा कर सकते हैं। प्रदेश सरकार ने जन सामान्य के स्वास्थ्य की सुरक्षा को लेकर ही आयोडीन युक्त नमक की अनिवार्यता की है। उपभोक्ता को खरीदते समय निर्माता का नाम, पैकिग का माह, आयोडीन की मात्रा वजन बैच नंबर आदि की जांच करना चाहिए। खाद्य सुरक्षा विभाग भी इसकी जांच करके नमूने संग्रहीत कर रहा है।
एडी पांडेय अभिहीत अधिकारी, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग
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