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Ration Card: जिले में अब तक 40 प्रतिशत राशन कार्ड धारकों की नहीं हो सकती है E-KYC, कट जाएगा कार्ड से नाम

Ration Card E KYC यूपी में राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी कराना अनिवार्य है। हालांकि अभी भी 40 प्रतिशत राशन कार्ड धारक ई-केवाईसी नहीं करा पाए हैं। सर्वर डाउन होने और पारिवारिक सदस्यों के उपस्थित न होने की वजह से ई-केवाईसी में देरी हो रही है। खाद्य आयुक्त ने हर हालत में सितंबर माह में ई-केवाईसी अपडेट करने के सख्त निर्देश दिए हैं।

By gaurav dudeja Edited By: Abhishek Pandey Updated: Wed, 18 Sep 2024 11:49 AM (IST)
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40 प्रतिशत राशन कार्ड धारकों की नहीं हो सकी ई-केवाईसी

जागरण संवाददाता, इटावा। जिले में 650 राशन दुकानों में 2 लाख 96 हजार पात्र गृहस्थी व अंत्योदय कार्ड धारकों में लगभग 12 लाख यूनिट हैं। खाद्यान्न वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए जून 2024 से कार्डधारक व उनके पारिवारिक सदस्यों का ई-केवाईसी के तहत पाश मशीनों में अंगूठा लगाने का काम कोटेदार कर रहे हैं, लेकिन सर्वर डाउन होने और पारिवारिक सदस्यों के उपस्थित न होने की वजह से 40 प्रतिशत राशन कार्ड ई-केवाईसी कराने से अब तक वंचित हैं।

जनपद में अब तक करीब 7 लाख यूनिट (पारिवारिक सदस्य) की ई-केवाईसी हो सकी है और 5 लाख यूनिट का केवाईसी शेष है। खाद्य आयुक्त ने हर हालत में सितंबर माह में ई-केवाईसी अपडेट करने के सख्त निर्देश दिए हैं।

खाद्य एवं रसद विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जिले में 2 लाख 52 हजार 201 पात्र गृहस्थी एवं 46 हजार 77 अंत्योदय कार्डधारक मिलाकर कुल 2 लाख 98 हजार 278 राशन कार्ड धारक हैं, जिसमें 11 लाख 94 हजार 663 यूनिट शामिल हैं।

ये शहर क्षेत्र में स्थित 87 एवं ग्रामीण क्षेत्र की 563 उचित दर विक्रेताओं से हर माह राशन लेते हैं। इनमें नगरीय क्षेत्र में कुल राशन कार्ड धारक 56 हजार 634 हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में यह संख्या 2 लाख 41 हजार 914 है। शासन ने खाद्यान्न वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए एवं अपात्रों की पहचान के लिए कार्डधारक व उनके पारिवारिक सदस्यों का सितंबर 2024 तक ई-केवाईसी कराए जाने के आदेश दिए थे।

जनपद में भी जून माह से सभी उचित दर विक्रेताओं की दुकानों पर यह काम शुरू कराया गया लेकिन तीन माह का समय बीत जाने के बाद भी जिले में 60 प्रतिशत कार्ड धारक का ई-केवाईसी हो सका है और अभी यह प्रक्रिया जारी है।

राशनकार्ड की ई-केवाईसी के दौरान सर्वर डाउन के साथ-साथ कार्ड धारकों के परिवार के सदस्यों के बाहर पढ़ने या नौकरी करने से लेकर वृद्धों एवं बच्चों के फिंगर प्रिंट आदि मैच न होने के कारण ई-केवाईसी नहीं हो पा रही है। इसके अलावा खाद्यान्न वितरण के दौरान ई-केवाईसी का काम रोक दिया जाता है। जिससे जनपद में लगभग 40 प्रतिशत राशन कार्ड धारक अभी भी ई-केवाईसी नहीं हो पाई है जबकि शासन के आदेश हैं कि एक अक्टूबर तक यदि कोई लाभार्थी ई-केवाईसी नहीं कराता है तो उसका नाम राशन कार्ड से हटा दिया जाएगा।

जिले में उचित दर दुकानें

शहरी - 87

ग्रामीण- 563

जिला पूर्ति अधिकारी सीमा त्रिपाठी ने बताया-

‘खाद्यान्न वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए यूनिटों का ई-केवाईसी कराई जा रही है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 7 लाख यूनिट का आधार ई-केवाईसी का कार्य हो चुका है। शेष में अधिकतर कार्डधारकों के पारिवारिक सदस्य बाहर नौकरी या पढ़ाई कर रहे हैं, जिससे ये लोग अभी छूटे चल रहे हैं। इसके अलावा वृद्ध एवं बच्चों के आधार कार्ड मिलान न होने की वजह से भी इनकी ई-केवाईसी नहीं हो सकी है।

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