न्याय दिलाने की दिशा में शुद्ध अंत:करण से प्रयासरत रहें
न्याय दिलाने की दिशा में शुद्ध अंतकरण से प्रयासरत रहें
न्याय दिलाने की दिशा में शुद्ध अंत:करण से प्रयासरत रहें
जासं, इटावा : उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति न्यायाधीश उमेश चंद्र शर्मा ने कहा कि हर हाल में वादकारी को न्याय दिलाने की दिशा में शुद्ध अंत:करण से प्रयासरत रहना चाहिए। वह सिंचाई विभाग के डाक बंगले में स्थित प्रेक्षागार में जनपद के वरिष्ठ एवं कनिष्ठ अधिवक्तागण द्वारा उनके न्यायमूर्ति के रूप में नगर में प्रथम आगमन पर आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने इटावा में जनपद न्यायधीश के तौर पर अपने कार्यकाल के अनुभव पर प्रकाश डाला। उन्होंने कनिष्ठ अधिवक्ताओं को माता-पिता, गुरू के वचनों को आदेश मानकर पालन करने की नसीहत दी और अपने न्यायिक जीवन के अनुभवों को साझा किया।
समारोह में न्यायमूर्ति के साथ जनपद न्यायालय से विभिन्न न्यायधीश एवं दंडाधिकारियों ने भी प्रतिभाग किया। भारत सरकार के स्थाई अधिवक्ता घनश्याम किशोर वाजपेयी द्वारा श्री राधे कृष्णा का अंगवस्त्र से स्वागत किया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता विजेंद्र गुप्ता, कृपानंद वाजपेयी, राज किशोर वाजपेयी, रविंद्र सिंह दुबे, दयानंद वाजपेयी, शांति स्वरूप पाठक, राजकुमार गुप्ता, प्रेमशंकर शर्मा, राजेश त्रिपाठी आदि ने मुख्य न्यायमूर्ति को पुष्प मालाएं पहनाकर सम्मानित किया और अपने उद्गार व्यक्त किए। अध्यक्षता विमल तिवारी ने तथा संचालन जिला शासकीय अधिवक्ता शिवकुमार शुक्ला ने किया। अवधेश अग्निहोत्री, सुबोध राजपूत, निखिल अग्रवाल, संजीव कुशवाह, शैलेश पाठक, कमल किशोर माथुर, ज्योति राव, मधु तोमर, हंसमुखी शंखवार आदि उपस्थित रहे।