अविवि: राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, शिक्षाशास्त्र व गणित की प्रकृति बदली, हुए प्रायोगिक
डा.राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस बार स्नातक के साथ परास्नातक स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर दी। चालू सत्र के लिए स्नातक स्तर (बीए प्रथम सेमेस्टर) के लिए विषयों के संयोजन में बड़ा बदलाव भी किया गया है।
By JagranEdited By: Updated: Fri, 08 Jul 2022 06:50 AM (IST)
प्रवीण तिवारी, अयोध्या
डा.राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस बार स्नातक के साथ परास्नातक स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर दी। चालू सत्र के लिए स्नातक स्तर (बीए प्रथम सेमेस्टर) के लिए विषयों के संयोजन में बड़ा बदलाव भी किया गया है। बदली परिस्थितियों में बीए प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थियों को राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, शिक्षाशास्त्र व गणित विषय को अब प्रायोगिक विषय के रूप में पढ़ना होगा। इन विषयों की प्रकृति (श्रेणी) परिवर्तित कर दी गई है। इन विषयों के प्रायोगिक हो जाने से प्रमुख अप्रायोगिक विषयों की संख्या घट कर चार ( प्राचीन इतिहास, मध्यकालीन इतिहास, अर्थशास्त्र व दर्शनशास्त्र) हो गई है। चार विषय ही साहित्य वर्ग (हिदी, उर्दू, अंग्रेजी व संस्कृत) में भी हैं, जिनमें दो से अधिक का चयन नहीं किया जा सकता। विश्वविद्यालय प्रशासन के पूर्व प्रचलित विषय संयोजन प्रतिबंध के नियमानुसार बीए में तीन प्रायोगिक विषयों का चयन नहीं किया जा सकता। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विशेषज्ञ साकेत कालेज के डा. आशुतोष कुमार सिंह बताते हैं कि इन विषयों में सीटें सीमित होने से इस बार इच्छित विषयों के साथ बीए में प्रवेश लेना कठिन है। इसके लिए अभ्यर्थियों व अभिभावकों का दबाव झेलना पड़ेगा। छात्र नेता अजय कुमार मिश्र कहते हैं कि अच्छा होता, बीएससी की तरह बीए में भी तीन प्रायोगिक विषय पढ़ने की स्वतंत्रता होती।
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बीए में विषय संयोजन में प्रतिबंध- - शिक्षाशास्त्र और मनोविज्ञान साथ-साथ नहीं लिए जा सकते। - गृहविज्ञान और सैन्य विज्ञान साथ-साथ नहीं लिए जा सकते।
-इस बार विद्यार्थी प्राचीन इतिहास, संस्कृत, जैनोलाजी, मध्यकालीन व आधुनिक इतिहास विषयों में से एक का ही का चयन कर सकेंगे। - समाजशास्त्र व समाज कार्य साथ-साथ चयनित नहीं किए जा सकेंगे। -सिधी व उर्दू का चयन साथ- साथ नहीं किया जा सकेगा। - राजनीति विज्ञान, लोक प्रशासन, आफिस मैनेजमेंट एंड सेक्रेटेरियल प्रैक्टिस तथा कम्प्यूटर साइंस का चयन एक साथ नहीं हो सकेगा। ---------------बीए में एक वर्ष में दो सेमेस्टर उत्तीर्ण कर यदि विद्यार्थी पढ़ाई छोड़ देता है तो उसे कला संकाय में प्रमाणपत्र, दो वर्ष उत्तीर्ण करने के बाद पढ़ाई छोड़ने पर कला संकाय में डिप्लोमा दिया जाएगा। तीन वर्ष पढ़ाई पूरी करने वालों को डिग्री दी जाएगी। - इसी तरह बीएसए करने वाला विद्यार्थी यदि एक वर्ष परीक्षा उत्तीर्ण कर पढ़ाई छोड़ता है तो उसे विज्ञान संकाय में प्रमाणपत्र, दो वर्ष पूरा करने पर विज्ञान संकाय में डिप्लोमा तथा तीन वर्ष पूरा करने पर डिग्री दी जाएगी। - बीकाम करने वाला विद्यार्थी यदि एक वर्ष परीक्षा उत्तीर्ण कर पढ़ाई छोड़ता है तो उसे कामर्स संकाय में प्रमाणपत्र, दो वर्ष बाद इसी संकाय में डिप्लोमा तथा तीन वर्ष पूरा करने पर डिग्री दी जाएगी।
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