इको फ्रेंडली नगर के रूप में विकसित होगी अयोध्या
रामनगरी को इक्रो फ्रेंडली नगर के तौर पर विकसित किए जाने की तैयारी हो रही है। इस दिशा में शुरुआती पहल के तौर पर अधिकाधिक पौधारोपण पर जोर है। एक से सात जुलाई तक मनाए गए वन महोत्सव के दौरान 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर चिह्नित 24 स्थानों पर एक हजार से अधिक रामायणकालीन पौधे रोपित किए गए।
By JagranEdited By: Updated: Sat, 17 Jul 2021 08:05 PM (IST)
रघुवरशरण, अयोध्या:
रामनगरी को इक्रो फ्रेंडली नगर के तौर पर विकसित किए जाने की तैयारी हो रही है। इस दिशा में शुरुआती पहल के तौर पर अधिकाधिक पौधारोपण पर जोर है। एक से सात जुलाई तक मनाए गए वन महोत्सव के दौरान 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर चिह्नित 24 स्थानों पर एक हजार से अधिक रामायणकालीन पौधे रोपित किए गए। साथ ही जिले की सीमा में पड़ने वाले 34 किलोमीटर लंबे राम वनगमन मार्ग के दोनों ओर 27 हजार 720 रामायणकालीन पौधे रोपित किए गए। वन विभाग इससे पूर्व रामकी पैड़ी पर 50, गुप्तारघाट पर 260 एवं बंधा तिराहा से सआदतगंज बाईपास मार्ग पर दो सौ पौधे तथा सरयू तट एवं पौराणिक महत्व के कुंडों के इर्द-गिर्द एक हजार से अधिक आम, महुआ, पीपल, पाकड़, बरगद, अर्जुन जैसे पौधे रोपित कर चुका है। वन विभाग की यह पहल रुटीन का हिस्सा न होकर रामनगरी को इको फ्रेंडली बनाने के महनीय लक्ष्य से जोड़ कर देखी जा रही है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रख कर रामनगरी को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की योजना का ब्लूप्रिट तैयार है। इस योजना के तहत रामनगरी को पारंपरिक ताप विद्युत की जगह सौर विद्युत से आच्छादित किया जाना है। न केवल घरेलू, बल्कि व्यावसायिक और औद्योगिक उपयोग के लिए भी सौर ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इस योजना के लिए सौर ऊर्जा विभाग की ओर से सर्वे भी हो चुका है। सर्वे में अयोध्या नगर निगम क्षेत्र की जरूरतें किस क्षमता का संयत्र विकसित करने से पूरी होंगी, घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक जरूरतें कितनी हैं, सूर्य की रोशनी की कितनी उपलब्धता है, सोलर संयंत्र स्थापित करने के लिए भूमि की सुलभता और यदि वह उपलब्ध है, तो उसकी उपयोगिता आदि तथ्यों को संकलित किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस योजना की सीधे निगरानी कर रहे हैं। अयोध्या विकास प्राधिकरण के सचिव आरपी सिंह का मानना है कि इस योजना के तहत नगरीय क्षेत्र के प्रत्येक घर के अंदर से लेकर बाहर तक सौर ऊर्जा की उपयोगिता सुनिश्चित होनी है। वर्षा जल संचयन की व्यापक योजना - नगर निगम की ओर से वर्षा जल संचयन की व्यापक योजना भी नगरी को इको फ्रेंडली बनाने में निर्णायक मानी जा रही है। इसके लिए नगर निगम क्षेत्र के चिह्नित 108 पौराणिक कुंडों एवं तालाबों को वर्षा जल संचयन के केंद्र के रूप में विकसित किया जाना है और इस योजना के प्रथम चरण के तहत क्षीरसागर, दशरथकुंड, विद्याकुंड लाल डिक्की एवं जनौरा तालाब पर काम भी शुरू हो चुका है। -----------------------
नगरी को मिसाल की तरह पेश करने की तैयारी - रामजन्मभूमि पर भव्य-दिव्य मंदिर के साथ संपूर्ण रामनगरी को वैश्विक पर्यटन नगरी के रूप में विकसित किये जाने की योजना में पारिस्थितिकी और पर्यावरण के प्रति वैश्विक चिता भी शामिल है। इसी चिता के अनुरूप रामनगरी को मिसाल की तरह प्रस्तुत किए जाने की तैयारी है।
------------------ रामजन्मभूमि परिसर में भी पारिस्थितिकी से स्थापित की जा रही मैत्री - रामनगरी के साथ रामजन्मभूमि परिसर को भी इको फ्रेंडली बनाए जाने के प्रति पूरी गंभीरता बरती जा रही है। यह संदेश गत वर्ष पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मंदिर के भूमि पूजन के मौके पर रामलला के सम्मुख पारिजात का पौधा रोपित कर बुलंद किया था, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामजन्मभूमि परिसर में नक्षत्र वाटिका का पहले ही रोपण कर चुके थे। इसके अलावा भी परिसर में अधिकाधिक पौधारोपण के साथ सीवर ट्रीटमेंट प्लांट तथा अन्य प्रकल्पों से पारिस्थितिकी से मैत्री स्थापित किए जाने का प्रयास सुनिश्चित किया जा रहा है।
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