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UP: रामलला के स्‍वागत के ल‍िए सज रही अयोध्‍या, राम अवतरण कारिडोर होगा विकसित, विद्युत स्टेशन का निर्माण शुरु

राजा राम की नगरी अयोध्‍या राम लला के स्‍वागत के ल‍िए दुल्‍हन की तरह सज सवंर रही है। राम मंद‍िर का न‍िर्माण भी तेजी से हो रही है। गृह मंत्री अम‍ित शाह ने भी संकेत द‍िए थे क‍ि राम मंद‍िर जनवरी 2024 तक तैयार होगा।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Fri, 06 Jan 2023 09:24 AM (IST)
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Ram Mandir: अयोध्‍या में तैयार होगा राम अवतरण कारीडोर
अयोध्या, जेएनएन। रामजन्मभूमि परिसर में विद्युत आपूर्ति के लिए उसका अपना विद्युत केंद्र होगा और इस केंद्र का निर्माण शुरू भी हो चुका है। राम मंदिर निर्माण समिति की गुरुवार से शुरू हुई दो दिवसीय बैठक के दौरान निर्माण योजना की समीक्षा की गई। यह विद्युत उप केंद्र 33/ 11 केवीए का होगा। इसी के साथ निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के सम्मुख मंदिर निर्माण समग्र प्रगति रिपोर्ट इंजीनियरों ने प्रस्तुत की।

रामजन्मभूमि परिसर में विद्युत स्टेशन का निर्माण शुरू

बैठक में मंदिर की प्रकाश व्यवस्था, तीर्थयात्री केंद्र निर्माण आदि की प्रगति की जानकारी के साथ उसकी समीक्षा की गई। बैठक से पूर्व नृपेंद्र मिश्र ने मंदिर निर्माण कार्यस्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान मिश्र ने कार्यदायी संस्था के साथ निर्माण से जुड़ी स्थलीय जानकारी ली। इसके बाद मध्याह्न से रामजन्मभूमि परिसर स्थित कार्यदायी संस्था एलएंडटी के कार्यालय में बैठक शुरू हुई। बैठक में मंदिर की प्रकाश व्यवस्था को हाईटेक बनाने पर जोर रहा। विशेष अवसरों पर प्रकाश व्यवस्था कैसी हो, इस पर विचार किया गया। इसके लिए दिल्ली की कुछ संस्थाओं ने कार्ययोजना का भी प्रस्तुतीकरण किया।

अगले माह से शुरू होगी राम मंदिर के परकोटा की नींव भराई

ट्रस्ट के सदस्य डा.अनिल मिश्र के अनुसार परकोटा निर्माण के लिए नींव की खुदाई चल रही है। कार्यदायी संस्था ने अनुमान व्यक्त किया है कि फरवरी माह से परकोटे के नींव भराई का काम शुरू हो सकता है। इसके साथ ही तीर्थ यात्री केंद्र के निर्माण की समीक्षा की गई। वहीं मंदिर परिसर में पावर स्टेशन की स्थापना का भी काम शुरू कर दिया गया है। राममंदिर में लगने वाले दरवाजों को लेकर भी बैठक में मंथन हुआ। राममंदिर के तीन तल में कुल 42 दरवाजे लगने हैं।बताया कि पहले दिन निर्माण कार्यों की प्रगति पर ही चर्चा हुई है। बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, राममंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा, मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल जी सहित एलएंडटी व टाटा के इंजीनियर्स मौजूद रहे।

विकसित किया जाएगा राम अवतरण कारिडोर, बस्ती डीएम से मांगा प्रस्‍ताव

प्रदेश सरकार 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के साथ एक कारिडोर विकसित करने की योजना बना रही है। प्रस्तावित कारिडोर को श्रीराम अवतरण कारिडोर नाम दिया गया है। यह कारिडोर बस्ती, अयोध्या, अंबेडकरनगर, गोंडा तथा बाराबंकी जिलों को कवर करेगा। राम अवतरण कारिडोर की कार्ययोजना में यातायात की उन्नत सुविधा के साथ धार्मिक स्थलों को भी उन्नत किया जाना शामिल है। यह बस्ती जिला के मखौड़ा धाम से शुरू होगी, जो 84-कोसी परिक्रमा का प्रारंभिक बिंदु है। राज्य सरकार ने बस्ती के जिलाधिकारी प्रियंकारंजन से एक प्रस्ताव मांगा है।

84 कोसी परिक्रमा के दायरे में आने वाले सभी पांच जिलों का होगा व‍िकास

अयोध्या के भाजपा विधायक वेदप्रकाश गुप्त के अनुसार प्रस्तावित 240 किलोमीटर लंबा श्रीराम अवतरण गलियारा न केवल 84 कोसी परिक्रमा के दायरे में आने वाले सभी पांच जिलों का विकास सुनिश्चित करेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी खोलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या महायोजना-2031 को 84-कोसी परिक्रमा की सीमाओं तक विस्तारित करने के प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे दी है। 84-कोसी परिक्रमा हर साल चैत्र पूर्णिमा को शुरू होती है, जो इन पांच जिलों के दो दर्जन से अधिक पौराणिक स्थलों से होकर गुजरती है।

वायु प्रदूषण से निपटने के लिए रामनगरी में तैनात होगी एंटी स्माग गन

अयोध्या, [रविप्रकाश श्रीवास्तव]। वैश्विक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो रही रामनगरी की आबोहवा बेहतर बनाने के लिए दिशा में भी पहल हो रही है। इसकी शुरुआत स्माग से बिगड़ने वाली वायु गुणवत्ता को बचाने से हो रही है। स्माग पर नियंत्रण के लिए यहां पहली बार सड़क पर स्माग गन चलती दिखाई देगी। रामपथ को लेकर चल रहे चौड़ीकरण कार्य के दौरान ध्वस्त हो रहे भवनों से उठ रहे धूल के कणों को अवशोषित करने में भी एंटी स्माग गन काफी उपयोगी होगी। इसलिए इसकी तैनाती भी रामपथ पर की पहले की जाएगी।

रामपथ पर एंटी स्माग गन की वजह से नहीं उड़ेंगे धूल एवं ओस के मित्रित कण

कोहरे के दिनों में धुल, धुंए और ओस के कण मिलकर स्माग बना देते हैं, जिससे दृश्यता कम हो जाती है और मानव स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। दीपावली में भी स्माग की समस्या हो जाती है। उदाहरण के लिए दिल्ली है, जहां स्माग से निपटने के लिए एंटी स्माग गन सहित अन्य उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। नगर निगम ने भी एंटी स्माग गन का क्रय की है। अपर नगर आयुक्त शशि भूषण राय ने बताया कि भौगोलिक के साथ-साथ पर्यावरणीय दृष्टि से भी रामनगरी उत्कृष्ट बनाने पर उच्चाधिकारियों का अधिक जोर है। इसी उद्देश्य से एंटी स्माग गन की खरीद की गई है। तीन लाख रुपये में क्रय की गई यह मशीन ट्राली माउंटेड है। आवश्यकता पड़ने पर और एंटी स्माग गन क्रय की जाएगी।

क्या हैं एंटी स्माग गन

एंटी स्माग गन एक तरह से एक मशीन है, जो पानी की बारीक बूंदों का हवा में छिड़काव करती है। इसे पानी के टैंक से जोड़ा जाता है, जो हाई-प्रेशर के जरिये छोटी-छोटी बूंदों को हवा में फेंका जाता है। स्माग गन में हाई स्पीड पंखा लगा होता है। पंखे की मदद से पानी की बौछार हवा में की जाती है। इससे धूल और ओस से बने स्माग के कण अवशोषित होने लगते हैं और जमीन पर आ जाते हैं।

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