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साधन नहीं, मरीज मेडिकल कॉलेज पहुंचें तो कैसे

में 300 बेड उपलब्ध हैं इसकी अपेक्षा आधे ही मरीज यहां पहुंच रहे हैं। आधे बेड खाली ही रहते हैं। मरीजों को आकर्षित करने के लिए सभी भर्ती मरीजों को मुफ्त का नाश्ता व दोनों वक्त के भोजन की व्यवस्था की गई है।

By JagranEdited By: Updated: Thu, 18 Apr 2019 11:33 PM (IST)
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साधन नहीं, मरीज मेडिकल कॉलेज पहुंचें तो कैसे

अयोध्या : पहले 100 शैय्या मंडलीय चिकित्सालय, फिर 300 शैय्या और अब मेडिकल कॉलेज, लेकिन मरीज क्षमता से आधे भी नहीं। इसके विपरीत जिला मुख्यालय में जिला चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय व अयोध्या का श्रीराम चिकित्सालय में हालत यह है कि मरीज क्षमता से अधिक पहुंच रहे हैं। बेड की उपलब्धता न होने के कारण मरीजों को उल्टे पांव लौटना पड़ रहा है। इसकी वजह अस्पताल तक पहुंचने के साधन की है।

मेडिकल कॉलेज के लिए सुचारु टैक्सी व्यवस्था अबतक नहीं हो पाई है। जिले में तीनों अस्पताल में आसानी से टैक्सी व अन्य साधन पल-पल पर उपलब्ध हैं। फैजाबाद शहर से मेडिकल कॉलेज पहुंचने के लिए आटो व टैक्सी सेवा तो उपलब्ध है, लेकिन अयोध्या, नाका बाईपास व रायबरेली रोड जैसे व्यस्ततम क्षेत्रों से ऐसी सेवा उपलब्ध नहीं है। यहां से मरीज को मेडिकल कॉलेज पहुंचने के लिए विशेष टैक्सी सेवा लेना मजबूरी होती है, जो काफी महंगी है। यही वजह है कि मरीज चाह कर भी आसानी से मेडिकल कॉलेज पहुंच नहीं पाते। दर्शननगर मंडल चिकित्सालय को अयोध्या मेडिकल कॉलेज का दर्जा दिए जाने के बाद यहां पर्याप्त संख्या में चिकित्सक विशेषज्ञ, चिकित्सक, तकनीकी स्टाफ उपलब्ध हैं।

आधुनिकतम उपकरण, दवाओं, इलाज व आपरेशन की बेहतर व्यवस्था है। यहां के प्रिसिपल डॉ. विजय कुमार की माने तो मेडिकल कॉलेज हरहाल में जिले के अन्य सभी सरकारी अस्पतालों से बेहतर है। डायलिसिस की विशेष व्यवस्था है, जो मंडल में एकमात्र है। हालत यह है कि मेडिकल कॉलेज में 300 बेड उपलब्ध हैं, इसकी अपेक्षा आधे ही मरीज यहां पहुंच रहे हैं। आधे बेड खाली ही रहते हैं। मरीजों को आकर्षित करने के लिए सभी भर्ती मरीजों को मुफ्त का नाश्ता व दोनों वक्त के भोजन की व्यवस्था की गई है।

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