History of Ayodhya: धरती के प्रथम पुरुष मनु ने की थी राम की अयोध्या की स्थापना
आदर्श राजा और राज्य परिकल्पना की पहली साकार नगरी मानी जाती है अयोध्या धरती के प्रथम पुरुष मनु ने की थी अयोध्या की स्थापना।
By Anurag GuptaEdited By: Updated: Thu, 30 Jul 2020 03:08 PM (IST)
अयोध्या [नवनीत श्रीवास्तव]। रामनगरी में जब रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनने की पांच सदी पुरानी प्रतीक्षा पूरी होने जा रही है तो यह भी जानना दिलचस्प है कि अयोध्या की स्थापना किसने की थी। ऐसी मान्यता है कि धरती के प्रथम पुरुष मनु ने अयोध्या की स्थापना की थी। माना जाता है कि देवताओं के कहने पर मनु राजा बनने के लिए तैयार हुए और अयोध्या को राजधानी बनाया। युगों पुरानी इस नगरी ने जहां देश-दुनिया को आदर्श राजा और राज्य की राह दिखाई तो वहीं दिलीप, गंगा को धरती पर लाने वाले भगीरथ और सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र जैसे यशस्वी शासकों से भी विभूषित रही। वैदिक ग्रंथों के अनुसार अयोध्या आदर्श राजा और राज्य की परिकल्पना की पहली साकार नगरी है, जिसने दुनिया भर में मानवता का सूत्रपात किया... जो सदियों तक रघुवंशियों की राजधानी रही और जिसे सप्तपुरियों में अग्रणी माना गया।
अयोध्या में अ, य, ध को क्रमश: ब्रह्मा, विष्णु और शिव का वाचक माना जाता है। अयोध्या राम के धनुष के अग्रभाग पर बसी मानी जाती है। इसीलिए अयोध्या युद्ध में अपराजेय रही। इसका उल्लेख स्कंद पुराण सहित कई ग्रंथों में हैं। साकेत महाविद्यालय के इतिहास विभाग के अध्यक्ष व प्रख्यात इतिहासकार डॉ. महेंद्र पाठक के मुताबिक महाभारत युद्ध करीब 3102 ईसा पूर्व हुआ था। इसमें 2018 वर्ष और जोड़ दें तो भी अयोध्या कम से कम पांच से छह हजार वर्ष पुरानी है। वे कहते हैं, धरती पर संस्कार, संस्कृति और आध्यात्म अयोध्या की ही देन है।
सप्तहरि की धरत
अयोध्या श्रीहरि के सात प्राकट्य की भी धरती है। इनमें विष्णुहरि, चक्रहरि, धर्महरि, गुप्तहरि, पुण्यहरि, चंद्रहरि और बिल्वहरि हैं। अयोध्या में 11 प्रमुख वाटिकाएं हैं। इनमें हनुमानबाग, हनुमान वाटिका, वल्लभकुंज, श्रवणकुंज, तुलसी उद्यान, केलिकुंज, राघवकुंज आदि शामिल हैं।इन नामों से भी मिली ख्याति
अयोध्या को अलग-अलग काल में भिन्न-भिन्न नामों से ख्याति मिली है। इसमें कोशल, विशाखा, अयुधा, अपराजिता, विनीता, रघुपुरी, अजपुरी, अवधपुरी आदि नाम हैं। ये नाम अलग-अलग कालखंड में भिन्न-भिन्न राजाओं व विशेषताओं के आधार पर रखे गए। मसलन अयोध्या को सदैव अपराजेय माना गया, इसीलिए अपराजिता नाम पड़ा। भगवान राम के पूर्वज राजा रघु व अज के नाम पर इस नगरी को रघुुपुरी व अजपुरी नाम भी मिला, लेकिन इनमें सबसे प्राचीन नाम अयोध्या ही माना जाता है।
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