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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में रामजन्मभूमि प्रांगण में पत्थर का काम शुरू, वैदिक रीति-रिवाज से हुआ पूजन

Ayodhya Ram Mandir अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का काम अब गति पकड़ रहा है। यहां पर मंदिर निर्माण कार्यशाला में हलचल तेज हो गई है। यहां से राम जन्मभूमि परिसर में पत्थरों को ले जाने का काम आज से शुरू हो गया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Fri, 09 Oct 2020 03:46 PM (IST)
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मंदिर में लगने वाले पत्थरों को अब कार्यशाला से राम जन्मभूमि मंदिर प्रांगण में लाया जा रहा है।

अयोध्या, जेएनएन। भगवान राम की नगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण प्रारंभ हो चुका है। पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नींव तथा शिला पूजन किया था। इसके बाद नक्शा पास कराने के साथ ही जमीन की अन्य औपचारिकता पूरी की गई। सात टेस्ट पाइलिंग का निर्माण पूरा होने के बाद मंदिर में लगने वाले पत्थरों को अब कार्यशाला से राम जन्मभूमि मंदिर प्रांगण में लाया जा रहा है।

अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का काम अब गति पकड़ रहा है। यहां पर मंदिर निर्माण कार्यशाला में हलचल तेज हो गई है। यहां से राम जन्मभूमि परिसर में पत्थरों को ले जाने का काम आज से शुरू हो गया। यहां पर वैदिक रीति-रिवाज से पूजन के बाद पत्थरों को राम जन्मभूमि परिसर में ले जाने का काम हो रहा है। मंदिर के निर्माण कार्य में लगी एल एंड टी की टीम विशाल मशीनों तथा क्रेन की मदद से पत्थरों को ट्रक पर लाद रही है। यहां राम मंदिर में लगने वाले पत्थरों को परिक्रमा मार्ग से राम जन्मभूमि परिसर में पहुंचाया जाएगा।

तीन दशक बाद पूरा हुआ श्रीराम का इंतजार

राम मंदिर के लिए तराशी जा रही शिलाओं का इंतजार तीन दशक बाद पूरा हुआ। उस समय मंदिर आंदोलन उभार पर था किंतु मंदिर निर्माण की संभावना दूर की कौड़ी थी। इसके बावजूद मंदिर आंदोलन के अग्रदूत संतो और विहिप नेतृत्व ने मंदिर निर्माण के लिए राम जन्मभूमि से करीब डेढ़ किलोमीटर के फासले पर मंदिर निर्माण कार्यशाला शुरू की। तीन दशक के सफर में कार्यशाला में एक लाख घन फिट पत्थर को तराशा गया है। इसके पूर्वाभ्यास के तौर पर जिस स्तंभ को कार्यशाला सेराम जन्मभूमि परिसर ले जाया गया, वह दो दशक पहले ही  तराशा जा चुका था। इस मौके पर मौजूद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्र, कार्यशाला के प्रभारी अन्नू भाई सोमपुरा, पार्षद रमेश दास, समाजसेवी विकास श्रीवास्तव सहित  एल एंड टी के पदाधिकारी तथा कार्यशाला में अमूमन एकत्र रहने वाले श्रद्धालुओं में प्रसन्नता की लहर खुलकर बयां हो रही थी।

मंदिर निर्माण को लेकर गतिविधियां तेज

अयोध्या में श्रीराम मंदिर का नक्शा अप्रूव होने के बाद से मंदिर निर्माण को लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं। इस भव्य परियोजना से आईआईटी चेन्नई और एलएंडटी के करीब दो सौ विशेषज्ञ जुड़े हुए हैं। रामजन्मभूमि कार्यशाला में तराशी गई शिलाओं की नाप-जोख होने के बाद अब इनको रामजन्मभूमि परिसर में शिफ्ट किया जा रहा है। न्यास कार्यशाला में 1990 से ही शिलाओं की तराशी की जा रही है। प्रस्तावित मंदिर के आकार में वृद्धि से न्यास कार्यशाला के प्रयास सीमित पड़ गए हैं। पूर्व प्रस्तावित 128 फीट ऊंचे, 268 फीट लंबे और 140 फीट चौड़े मंदिर निर्माण के हिसाब से आधे से अधिक पत्थरों की तराशी हो गई थी।

पूर्व प्रस्तावित मंदिर में पौने दो लाख घन फीट पत्थर प्रयुक्त होना था और करीब एक लाख घन फीट शिलाओं की तराशी हो चुकी थी। यानी करीब दो तिहाई शिलाओं की तराशी हो चुकी थी, लेकिन प्रस्तावित मंदिर के आकार में वृद्धि के साथ परिदृश्य बदल गया है। आकार वृद्धि के बाद प्रस्तावित मंदिर पूर्व की अपेक्षा 212 की बजाय 318 स्तंभों व पूर्व के एक मुख्य शिखर तथा दो उप शिखर की बजाय एक मुख्य शिखर तथा पांच उप शिखर एवं पूर्व प्रस्तावित मंदिर के आकार की अपेक्षा करीब पौने दो गुना (161 फीट ऊंचे, 360 फीट लंबे एवं 235 फीट चौड़े) बड़े मंदिर के लिए करीब चार लाख घन फीट शिलाओं की तराशी होनी है।

मंदिर के आकार में वृद्धि तो हुई है, पर मंदिर का नक्शा हूबहू पूर्व जैसा ही है। ऐसे में तराशी जा चुकी प्रत्येक शिला शत-प्रतिशत उपयोगी है, जबकि मंदिर के लिए बाकी शिलाएं रामजन्मभूमि परिसर में ही तराशी जाएंगी।

नौ टेस्ट पाइलिंग का निर्माण पूरा

राम मंदिर सौ मीटर गहरी और और एक मीटर व्यास की 1200 पाइलिंग पर टिका होगा। पाइलिंग निर्माण से पहले 12 टेस्ट पाइलिंग का निर्माण कराया जा रहा है। नौ टेस्ट पाइलिंग का निर्माण पूरा कर लिया गया है। अगले सप्ताह के अंत तक बाकी तीन का निर्माण हो जाना है। सैकड़ों फीट गहरी खुदाई के साथ टेस्ट पाइलिंग में विशेष तकनीक से सीमेंट-गिट्टी का मिश्रण डाला गया।

टेस्ट पाइलिंग पर लगभग उतना ही भार दिया जाएगा, जितना भार राम मंदिर में प्रयुक्त होने वाली शिलाओं का होगा। शिलाओं के भार से टेस्ट पाइलिंग में होने वाला परिवर्तन निर्माण की आधुनिकतम तकनीक से रिकार्ड किया जाएगा। इसी रिकार्ड के आधार पर चेन्नई के एल एंड टी के मुख्यालय पर तकनीकी विशेषज्ञ अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। समझा जाता है कि 15 अक्टूबर तक टेस्ट पाइलिंग की रिपोर्ट आने के साथ स्थायी पाइलिंग का निर्माण शुरू होगा।