Ayodhya राम मंदिर के आसपास का क्षेत्र प्रतिबंधित मंदिर जोन घोषित, मास्टर प्लान में किए गए हैं ये सात प्रविधान
अयोध्या राम मंदिर की सुरक्षा के लिहाज से मंदिर के आसपास के क्षेत्र रिस्ट्रिक्टेड टेंपल जोन बनाए गए हैं। चिन्हित क्षेत्रों में धार्मिक भू-उपयोग से संबंधित कार्य ही किए जाएंगे। महायोजना 2031 में यह प्रविधान किया गया है।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Tue, 13 Dec 2022 01:08 PM (IST)
अयोध्या, रविप्रकाश श्रीवास्तव। राममंदिर की भव्यता एवं दिव्यता के संरक्षण के लिए रिस्ट्रिक्टेड टेंपल जोन बनाए गए हैं। यह जोन दो भागों में हैं। पहला जोन मंदिर से पांच सौ मीटर परिधि का है, जिसमें भवन की अधिकतम ऊंचाई 7.5 मीटर, जबकि दूसरा जोन पांच कोस की परिधि तक है, जिसमें भवन की अधिकतम ऊंचाई 17.5 मीटर तय की गई है। यह प्रविधान महायोजना 2031 में है। यही नहीं, महायोजना में श्रीरामजन्मभूमि के आसपास के क्षेत्र जैसे बृहस्पति कुंड चौराहा से पोस्ट ऑफिस से कटरा चौराहा के मध्य पड़ने वाले समस्त क्षेत्र को धार्मिक भू-उपयोग के रूप में चिह्नित किया गया है, जिसके अंतर्गत धार्मिक भू-उपयोग से संबंधित क्रियाएं ही अनुमन्य होंगी।
तैयार किए जाएंगे जोनल डेवलपमेंट प्लान
महायोजना 2031 के अतंर्गत इन प्रविधानों की पुष्टि अयोध्या विकास प्राधिकरण के नगर नियोजक गोर्की ने की है। उन्होंने बताया कि महायोजना में निर्मित क्षेत्र भी चिह्नित किया गया है। इसमें उन क्षेत्रों को रखा गया है, जो शहर के पुराने क्षेत्र हैं, जैसे चौक व उससे सटे इलाके। इन क्षेत्रों में भवन की ऊंचाई 15 मीटर होगी। इन क्षेत्रों में अपेक्षाकृत मार्ग कम चौड़े हैं। यदि यहां बड़े भवन बनेंगे तो पर्यावरण के साथ-साथ क्षेत्र को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त विकास क्षेत्र को सात जोन में बांट कर जोनल डेवलपमेंट प्लान तैयार किए जाएंगे।
इन मार्गों पर बाजार क्षेत्र चिह्नित
महायोजना 2031 में निर्मित क्षेत्र एवं उससे बाहर मुख्य मार्गों पर बाजार क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं। अंबेडकरनगर रोड पर देवकाली तिराहे से यश पेपर मिल तक, प्रयागराज हाईवे पर डाभासेमर स्टेडियम तक, रायबरेली रोड पर हाईवे से मऊशिवाला तक तथा लखनऊ-गोरखपुर हाईवे पर सआदतगंज हनुमानगढ़ी से घाटमपुर गांव की अंतिम सीमा तक बाजार क्षेत्र होगा। इस व्यवस्था के बाद इन क्षेत्रों में बने व्यवसायिक भवनों के नियमित होने का रास्ता भी साफ हो गया है।जलस्रोतों के छह मीटर की परिधि में निर्माण प्रतिबंधित
जलाशय, कुंड, नालों एवं अन्य जलस्रोत अथवा जलनिकासी के स्रातों के संरक्षण को भी महायोजना में शामिल किया है। ऐसे स्थानों के छह मीटर की परिधि में कोई निर्माण नहीं होगा। नदी एवं उसके आसपास होने वाले निर्माण को नियंत्रित करने के लिए नदी केंद्रीय विकास संबंधी प्रविधान किया गया है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।किए गए हैं ये प्रविधान
- शहर में भारी वाहनों का रोकने के लिए ऐसे वाहनों के अवागमन के लिए रिंग रोड।
- 24 घंटे पेयजल उपलब्ध कराये जाने के लिए वाटर एक्शन प्लान तथ वाटर बैलेंस प्लान तैयार कराया जाना।
- अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित किए जाने का प्रविधान।
- सुल्तानपुर रोड पर शहर की बाहरी परिधि में औद्योगिक क्षेत्र चिह्नित किया गया है।
- शहर के मुख्य मार्गों यथा धरमपथ, रामपथ, 14 कोसी, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग, महोबरा बाजार चौराहे से बृहस्पति कुंड (टेढ़ी बाजार), महाराणा प्रताप (सआदतगंज) चौराहे से गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नदी के पुल तक, जय प्रकाश नारायण (रिकाबगंज) चौराहे से अग्रसेन चौक (गुदड़ी बाजार) चौराहे से धारा रोड़ पर अफीम कोठी तक तथा अयोध्या में चिह्नित धार्मिक भू-उपयोग के अंतर्गत समस्त गलियों तथा निर्मित क्षेत्र के समस्त मार्गों पर फसाड कंट्रोल गाइड लाइन का प्रविधान।
- कुंडों को चिह्नित किया गया है तथा उनका जीर्णोद्धार किए जाने के लिए प्रविधान किया गया है।
- इलेक्ट्रानिक एवं बैट्री चालित वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन की स्थापना का प्रविधान।