भय प्रगट कुमारी भूमि विदारी जनहितकारी भय हारी..
श्रद्धापूर्वक मनाया गया मां सीता का प्राकट्योत्सव
By JagranEdited By: Updated: Tue, 10 May 2022 11:30 PM (IST)
अयोध्या : मां सीता का प्राकट्योत्सव श्रद्धापूर्वक मनाया गया। प्रात: से ही नगरी के हजारों मंदिरों में मां के प्राकट्योत्सव की सरगर्मी व्याप्त हुई। उत्सव का उल्लास मंदिरों के गर्भगृह से लेकर पूरी नगरी तक व्याप्त हुआ।
पूर्वाह्न मां सीता के साथ भगवान राम के विग्रह का विधि-विधान से पूजन-अभिषेक किया गया। मध्याह्न प्राकट्य मुहूर्त के घंटा भर पहले से ही बधाई गान किए गए। कनक भवन, दशरथमहल बड़ा स्थान, मणिरामदास जी की छावनी, रामवल्लभाकुंज, जानकीघाट, लक्ष्मण किला, रंगमहल जैसे मंदिरों में सुबह से ही उत्सव की छटा बिखरी। मध्याह्न 12 बजते ही प्राकट्योत्सव की रस्म संपादित करने के साथ गर्भगृह का पट खुला और प्राकट्य आरती का क्रम शुरू हुआ। एक साथ हजारों मंदिरों में प्राकट्य आरती की अनुगूंज आस्था की धार प्रवाहित करने वाली रही। आरती समाप्त होने के साथ ही भक्तों ने समवेत स्वर में स्तुति शुरू की। भय प्रगट कुमारी भूमि विदारी जनहितकारी भय हारी.. की स्तुति प्राणों को मां सीता के प्राकट्य की अनुभूति कराने वाली बनी। अपराह्न का सत्र राजभोग एवं प्रसाद वितरण के साथ समाप्त हुआ। ------इनसेट------- मां के जन्मोत्सव से सजी रामदूत की पीठ
पौराणिक महत्व की नाका हनुमानगढ़ी है तो बजरंगबली की पीठ पर यहां सनातन परंपरा के विभिन्न उत्सव मनाए जाते हैं और यदि मौका बजरंगबली की आराध्या मां सीता के जन्मोत्सव का हो, तो कहना ही क्या। पीठाधिपति महंत रामदास के संयोजन में प्रात: से ही मंदिर में स्थापित बजरंगबली की प्रतिमा के साथ मां सीता एवं भगवान राम की प्रतिमा का विधि-विधान से पूजन-अभिषेक किया गया। नई पोशाक के साथ स्वर्ण-रजत आभूषणों से श्रृंगार किया गया। मध्याह्न प्राकट्य आरती के साथ उत्सव का शिखर बयां हुआ।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।