Coronavirus Effect : अयोध्या में राम नवमी मेला में बड़े प्रतिबंध, महंतों का निर्देश-घरों में मनाएं रामनवमी UP News
Coronavirus Effect कोरोना वायरस संक्रमण के कहर से अयोध्या में रामजन्मोत्सव के उल्लास पर पानी फिर रहा है।
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Sat, 21 Mar 2020 05:02 PM (IST)
अयोध्या, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण का कहर रामनगरी अयोध्या में राम नवमी मेला पर भी बरपा है। अयोध्या में राम नवमी का मेला 25 मार्च से शुरू होकर दो अप्रैल तक रहेगा। अयोध्या में दो अप्रैल को राम जन्मोत्सव मनाया जाएगा। अयोध्या में लगने वाले रामनवमी मेला इस बार नहीं लगेगा।
कोरोना वायरस संक्रमण के कहर से रामजन्मोत्सव के उल्लास पर पानी फिर रहा है। कोरोना से बचाव को ध्यान में रखकर शीर्ष पीठ मणिरामदास जी की छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास ने शनिवार को दोपहर मीडिया के माध्यम से एलान किया कि सारे भक्त अपने घरों में रहकर रामनवमी मनाएं। 25 मार्च से रामनवमी मेला होना है और 2 अप्रैल को रामनवमी के दिन राम जन्मोत्सव होना है। अयोध्या प्रशासन की तरफ से इस संबंध में एडवाइजरी की है। इसके तहत 2 अप्रैल (रामनवमी) तक अयोध्या में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। निर्देश हैं कि श्रद्धालु और दर्शनार्थियों को अयोध्या जिले के बॉर्डर पर ही रोक लिया जाए। उन्हें वहीं से वापस कर दिया जाएगा, इसलिए 2 अप्रैल तक अयोध्या न आएं। एडवाइजरी के अनुसार सरयू नदी में सामूहिक स्नान पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
महंतों ने साफ कहा कि अयोध्या में भीड़ बढ़ाने की जरूरत नहीं है। इसी में समाज का, विश्व का और देश का कल्याण है। इससे पूर्व मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल, जिलाधिकारी अनुज कुमार झा एवं एसएसपी आशीष तिवारी ने मणिरामदास जी की छावनी पहुंच महंत नृत्यगोपालदास एवं उनके उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास से मेला में श्रद्धालुओं के लिए अयोध्या न आने का संदेश प्रसारित करने का अनुरोध किया। महंत नृत्यगोपालदास तो मीडिया के सामने नहीं आए, पर आला अधिकारियों के साथ महंत कमलनयनदास जिस प्रकार अपने गुरु से बंद कमरे में मंत्रणा के बाद मीडिया से मुखातिब हुए, उससे समझा जाता है कि इस संदेश के पीछे उनका भी समर्थन है।
अयोध्या आने की जरूरत नहीं : चंपतविहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष एवं श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कोरोना से बचाव को ध्यान में रखकर कहा, अयोध्या आने की जरूरत नहीं। श्रद्धालु घर में ही राम जन्मोत्सव मनाएं। उन्होंने कहा कि महामारी से बचना-बचाना हम सबका धर्म है।
उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए सरकार और चिकित्सकों के निर्देश का भी पालन करने का आह्वान किया। चंपत राय कारसेवकपुरम में मीडिया से मुखातिब थे। राय ने यह भी याद दिलाया कि यदि अयोध्या में भीड़-भाड़ के चलते कोरोना का एक भी व्यक्ति शिकार हुआ, तो उसकाा प्रायश्चित संभव नहीं होगा। इस मौके पर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिलकुमार मिश्र भी मौजूद रहे।दुष्प्रभाव बढ़ेगा, तो देखा जाएगा
कोरोना के चलते रामलला का दर्शन रोके जाने के सवाल पर चंपत राय ने कहा कि इस बारे में अभी कोई निर्णय नहीं किया जा सका है। यदि निकट भविष्य में कोरोना का दुष्प्रभाव बढ़ा, तो देख जाएगा।इस बार भक्तों के घर तक पहुंचेंगे रामललामंदिर निर्माण के लिए प्राण दांव पर लगाते रहे तपस्वी जी की छावनी के महंत परमहंसदास ने कहा कि इस बार रामनवमी के अवसर पर रामलला अपने मूल गर्भगृह से निकलकर वैकल्पिक गर्भगृह में पधार रहे हैं और यह इस संभावना का परिचायक है कि इस बार रामनवमी में रामलला सभी भक्तों के घरों तक पहुंचेंगे।
अत: भक्त इस बार घरों में रामनवमी मनाएं और उन्हें अयोध्या आकर कोरोना के संक्रमण का संकट बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है।जिला प्रशासन ने जारी की एडवाइजरीकोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के कारण अयोध्या में रामनवमी मेले पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसको लेकर जिला प्रशासन ने शनिवार को एक एडवाइजरी जारी की है।
1-अयोध्या में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक। यह प्रतिबंध 2 अप्रैल तक लगाया गया है।2- बाहर से आ रहे श्रद्धालु और दर्शनार्थियों को अयोध्या जनपद के बॉर्डर पर ही रोक वापस कर दिया जाएगा।3- सरयू नदी में सामूहिक स्नान पर भी प्रतिबंध। 2 अप्रैल तक सरयू में सामूहिक स्नान पर भी प्रतिबंध।4- अयोध्या जनपद के समस्त होटल धर्मशाला लॉज में यात्री निवास में दो अप्रैल तक कोई भी बुकिंग नहीं।
5- अयोध्या जनपद के समस्त मंदिर धार्मिक स्थल पर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के कारण भीड़ इकट्ठा होना प्रतिबंधित रहेगा।
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