Move to Jagran APP

UP: शालिग्राम शिलाओं का विशेषज्ञों ने शुरू किया परीक्षण, इन्हीं से रामलला की प्रतिमा निर्मित होना प्रस्तावित

Ram Mandir अयोध्‍या में राम मंद‍िर का न‍िर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। वहीं शनिवार को दोपहर नेपाल से पहुंची शिलाओं के परीक्षण के ल‍िए विशेषज्ञों ने नमूने ल‍िए। बता दें क‍ि इन्हीं से शालिग्राम श‍िलाओं से रामलला की प्रतिमा निर्मित होना प्रस्तावित है।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Sun, 05 Feb 2023 07:10 AM (IST)
Hero Image
Ram Mandir: नेपाल से पहुंची शिलाओं के परीक्षण के ल‍िए विशेषज्ञों ने नमूने ल‍िए
अयोध्या, जासं। रामलला की प्रतिमा निर्माण के लिए नेपाल से रामनगरी लाई गईं शालिग्राम शिलाओं का परीक्षण प्रारंभ हो गया। शनिवार को दोपहर कर्नाटक के दो विशेषज्ञों का दल इसके लिए रामसेवकपुरम पहुंचा। उन्होंने शिलाओं से नमूना लिया। छोटे छोटे टुकड़े काट कर उन्हें पैक किया गया। इन नमूनों को परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। इस बीच तकरीबन दो घंटे तक रामसेवकपुरम का प्रवेश द्वार बंद रहा।

शालिग्राम शिलाओं के परीक्षण में परखी जाएगी आयु व कठोरता

श्रद्धालुओं का प्रवेश भी रोक दिया गया था। जब नमूना लेकर टीम वापस हुई तो दोबारा शालिग्राम शिलाओं का दर्शन भक्तों को सुलभ हो सका। बताया गया कि शिलाओं के नमूने की जांच आइआइटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में की जानी है। परीक्षण में शिला की आयु व कठोरता परखी जाएगी। इस पर पड़ने वाले केमिकल के प्रभाव का अध्ययन किया जाना प्रस्तावित है। यह भी देखा जाएगा कि यदि इन शिलाओं से प्रतिमा निर्मित हुई तो इस पर पड़ने वाले दूध, दही सहित अन्य क्षारीय पदार्थों का क्या असर पड़ेगा। शिलाओं की चमक व रंग के दीर्घकालिक प्रभाव को भी जांच जाएगा।

साढ़े आठ फीट की होगी रामलला की प्रतिमा अयोध्या

नेपाल की काली गंडकी नदी से 26 टन व 14 टन की जो दो विशाल शिलायें अयोध्या लायी गयी हैं, इन्हीं से रामलला की प्रतिमा निर्मित होना प्रस्तावित है। रामलला की प्रतिमा निर्मित करने के लिए मूर्तिकारों से प्रतिमा के स्केच भी मांगे गए हैं। देश के नामी मूर्तिकारों ने इसके लिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के सामने प्रजेंटेशन भी दिया है। रामलला की प्रतिमा की ऊंचाई साढ़े आठ फीट होगी।

शालिग्राम शिलाओं के प्रति तीसरे दिन भी छलका अनुराग

रामलला की मूर्ति के लिए रामसेवकपुरम में संरक्षित शालिग्राम शिलाओं के प्रति तीसरे दिन भी अनुराग अर्पित हुआ। शिलाओं के इर्द-गिर्द विभोर भक्तों की टोली शनिवार को पूरे दिन मंडराती रही। इनमें स्थानीय साधु-संतों के अलावा दूर-दराज के भक्त शामिल हैं। कई तो ऐसे होते हैं, जो अयोध्या यात्रा के दौरान इस शिला को नमन करने का लोभ नहीं संवरण कर पाते, जिसे कल को रामजन्मभूमि पर बन रहे मंदिर में स्थापित होने वाले रामलला के विग्रह के रूप में ढलना है।

नेपाल से युगों पुराने हैं रिश्ते

श्रद्धालुओं की टोली में विधायक वेदप्रकाश गुप्त भी शामिल होते हैं, वह बुधवार को देर शाम नेपाल से आई शिला का स्वागत करने के लिए रामनगरी में नहीं थे। रामनगरी वापस आते ही शनिवार को वह पूरी तत्परता से शालिग्रामी शिला को नमन करने रामनगरी पहुंचे। विधायक इन शिलााओं से जुड़ी संभावना को ऐतिहासिक करार देते हैं। कहते हैं कि श्रीराम के रूप में जो शिला ढलनी है, वह आदर की पात्र है ही, साथ ही हमें यह भी याद रखना है कि यह शिला उस नेपाल से आई है, जिससे हमारे युगों पुराने रिश्ते हैं और यह शिला इन संबंधों को युगों के लिए स्वर्णिम बनाएगी। इन्हीं स्वर्णिम संभावनाओं में अवगाहन करने के लिए मुंबई से आये आइटी प्रोफेशनल्स शैलेंद्र मिश्र भी श्रद्धालुओं की कतार में लगे होते हैं।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।