Ram Mandir: दिव्य रामलला के भव्य प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की रूपरेखा तैयार, मकर संक्रांति से फरवरी तक उत्सव
देश विदेश के करोड़ो राम भक्तों की आस्था का केन्द्र राम मंदिर तेजी से पूर्णता की ओर है। मंदिर में दिव्य रामलला के भव्य प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की रूपरेखा तैयार की जा रही है। एक माह चलने वाला ये महोत्सव ऐसा होगा जो कभी किसी ने न देखा होगा। रामनगरी मकर संक्रांति से शुरू होकर फरवरी तक उत्सव और अतिथियों के सत्कार में लीन रहेगी।
By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Fri, 04 Aug 2023 11:06 AM (IST)
अयोध्या, [रमाशरण अवस्थी]। बरनत छवि जहं तहं सब लोगू, अवसि देखिअहि देखन जोगू..। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की बेला में रामनगरी आपकी प्रतीक्षा कर रही है। यह ऐतिहासिक क्षण दोबारा नहीं आने वाला है। ऐसे अवसरों का साक्षी बनने का सौभाग्य भी सौभाग्य से मिलता है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस आयोजन को भव्य बनाने की रूपरेखा तैयार कर ली है। इसमें आराध्य की प्राण प्रतिष्ठा से लेकर उनके आदर्शों का अनुसरण करते हुए ट्रस्ट ने हर वर्ग के श्रद्धालुओं की सेवा और सत्कार का प्रबंध किया है।
प्राण प्रतिष्ठा को लेकर इसी वर्ष दिसंबर से 15 जनवरी 2024 तक रामनगरी का स्वरूप उत्सवधर्मी दिखाई पड़ेगा, जिसके लिए सांस्कृतिक के साथ-साथ आध्यात्मिक कार्यक्रम भी प्रस्तावित किए गए हैं। प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व इसी वर्ष दिसंबर से 15 जनवरी वर्ष 2024 तक रामनगरी में सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक वातावरण तैयार करने के लिए विभिन्न आयोजन किये जाएंगे। फरवरी तक रामनगरी उत्सव और अतिथियों के सत्कार में लीन रहेगी। प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण प्रधानमंत्री को भेजा जा चुका है।
जनवरी 2024 में प्रस्तावित इस अनुष्ठान की कुछ तिथियां प्रस्तावित हैं, जिन पर निर्णय पीएमओ को लेना है। प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत प्रधानमंत्री प्रस्थान करेंगे, जिसके बाद रामलला के गर्भगृह के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएंगे। सबसे पहले देश के विभिन्न पंथों के साधु-संत रामलला का दर्शन करेंगे। कार्यक्रम में शामिल होने वाले ऐसे साधु संतों की अनुमानित संख्या पांच हजार है। इनमें वनवासी संत, वाल्मीकि, रविदासी, कबीरपंथी, नानकपंथी, स्वामि नारायण, नाथ परंपरा, वैष्णव, सन्यासी आदि होंगे।
संतों के साथ भक्त भी कतार में दर्शन करेंगे। इन संतों के ठहरने का प्रबंध रामनगरी के विभिन्न मठ-मंदिरों में होगा। कई संस्थाओं ने भी इस निमित्त अपने भवन प्रदान करने की इच्छा व्यक्त की है। प्राण प्रतिष्ठा में बड़ी संख्या में ऐसे मध्यम वर्गीय श्रद्धालु भी आएंगे, जो होटल का किराया देने में असमर्थ होंगे। ऐसे 25 हजार श्रद्धालुओं के भोजन और विश्राम की व्यवस्था ट्रस्ट करेगा। इनके विश्राम के लिए स्थान चिह्नित हो गया है। इसी वर्ष दिसंबर तक इन स्थानों पर टेंट, शौचालय, जल एवं भोजनालय की व्यवस्था हो जाएगी। यह प्रबंध 15 जनवरी से 15 फरवरी 2024 तक के लिए होगा।
प्राण प्रतिष्ठा के दिन एवं उसके बाद फरवरी तक रामलला का दर्शन करने के लिए आने वाले प्रत्येक भक्त को प्रसाद ट्रस्ट देगा। अनुमान है कि ऐसे श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन 50 हजार से लेकर एक लाख तक हो सकती है। प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत गणतंत्र दिवस से देश के विभिन्न राज्यों से भक्तों के यहां आने की संभावना है। ट्रस्ट का प्रयास है कि ये श्रद्धालु अलग-अलग तिथियों पर अयोध्या पहुंचें।
भिन्न-भिन्न भाषा वाले श्रद्धालुओं के साथ भाषा का तालमेल बनाए रखने के लिए संबंधित राज्यों से जुड़े कार्यकर्ताओं का प्रबंध होगा, जो जनवरी और फरवरी में यहां रहेंगे। इनके निवास की व्यवस्था तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट करेगा। इस संबंध में विचार-विमर्श के लिए एक टीम का गठन किया गया है, जिसकी बैठक आगामी नौ एवं 25 अगस्त तथा आठ सितंबर को होगी।रामजन्मभूमि के बाहर महोत्सव को लेकर की जाने वाले सभी तैयारियों का व्यय तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट वहन करेगा, जबकि आंतरिक परिसर में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर की जाने वाली तैयारी के बारे में ट्रस्ट और प्रशासन मिल कर विचार करेंगे। पांच अगस्त 2020 को भूमि पूजन के अवसर पर परिसर के भीतर की व्यवस्था का दायित्व शासन एवं ट्रस्ट ने आपस में मिलकर उठाया था, जबकि दीपोत्सव 2022 पर पीएम के आगमन पर परिसर के भीतर का दायित्व शासन ने वहन किया था, हालांकि ट्रस्ट की यह प्रारंभिक तैयारी है। इसमें बदलाव भी हो सकता है।
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