Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

आध्यात्मिक अनुभव के अनंत आकाश हैं श्रीराम

सृष्टि के उद्भव पालन तथा संहार की अधिष्ठात्री परम

By JagranEdited By: Updated: Tue, 23 Feb 2021 11:10 PM (IST)
Hero Image
आध्यात्मिक अनुभव के अनंत आकाश हैं श्रीराम

अयोध्या : सृष्टि के उद्भव, पालन तथा संहार की अधिष्ठात्री परम ऐश्वर्यमयी भगवती सीता के साथ परिणय सूत्र में बंधकर निर्गुण-निराकार, अगम-अगोचर ब्रह्म लोक से समीकृत हो अपने अवतरण का हेतु प्रशस्त कर रहा है। यह उद्गार हैं जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य के। वे रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की खुशी में अपने आश्रम हरिधाम पीठ पर आयोजित नौ दिवसीय रामकथा माला का पांचवां पुष्प विसर्जित कर रहे थे।

प्रसंग सीता-राम विवाहोत्सव का था। प्रसंग की मीमांसा करते हुए कथाव्यास ने कहा, श्रीराम का विवाह चराचर से उनकी अविच्छिन्नता का प्रतिपादक है। वेदांत में ब्रह्म के संदर्भ में वर्णित सिद्धांतों की समीक्षा करते हुए जगद्गुरु ने कहा, परमात्मा परम तुष्ट और समाधिस्थ सत्ता है, पर भक्तों के लिए वह समाधि छोड़कर संसार में लिप्त होता है। यद्यपि यह लिप्सा ऐसी है, जो जगत में रहते हुए भी जगदीश को जगत से विरत रखती है। जगद्गुरु ने कहा, आज श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है और यह मंदिर हमारी अस्मिता का परिचायक है, पर हमें यह नहीं भूलना होगा कि श्रीराम भौतिक स्मृतियों से कहीं अधिक आध्यात्मिक अनुभव के अनंत आकाश हैं। यह अनंतता राम मंदिर और यहां से प्रसारित होने वाले संदेश से भी परिभाषित होनी चाहिए। संतों से सुवासित हुआ कथा पंडाल

हरिधाम पीठ में रामकथा का पंडाल संतों के समागम से भी सुवासित हुआ। शीर्ष पीठ रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमारदास ने कहा, रामकथा में लोकमंगल का सूत्र निहित है और यदि स्वामी रामदिनेशाचार्य जैसे साहित्य-संगीत के माधुर्य से युक्त वक्ता हो, तो इस सूत्र का प्रभाव और गतिमान हो जाता है। इस मौके पर जानकीघाट बड़ास्थान के महंत जन्मेजयशरण, रंगमहल के महंत रामशरणदास, नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामशरणदास आदि ने भी विचार रखे।

------------------------

मंदिर निर्माण के जीवंत प्रसारण की मांग

नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास ने राम मंदिर निर्माण की प्रकिया के दूरदर्शन पर जीवंत प्रसारण की मांग की। कहा, पूरा देश न केवल राम मंदिर के लिए निधि समर्पित कर रहा है, बल्कि उसे मंदिर निर्माण की प्रक्रिया को लेकर उत्सुकता है। ऐसे में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को चाहिए कि वह निर्माण कार्य का जीवंत प्रसारण सुनिश्चित करा रामभक्तों की उत्सुकता से न्याय करे।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें