अयोध्या में मुस्लिमों ने मंदिर निर्माण के लिए किया शिला पूजन
रामजन्मभूमि मुस्लिम कारसेवक मंच की ओर से मंदिर निर्माण के लिए शिला पूजन किया गया।
By Nawal MishraEdited By: Updated: Fri, 12 May 2017 09:37 PM (IST)
फैजाबाद (जेएनएन)। रामजन्मभूमि मुस्लिम कारसेवक मंच की ओर से मंदिर निर्माण के लिए शिला पूजन किया गया। मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष आजम खान ने पूजित ईंटें रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद परिसर के पदेन रिसीवर मंडलायुक्त सूर्यप्रकाश मिश्र के प्रतिनिधि सिटी मजिस्ट्रेट आरएन पटेल को सौंपीं। आजम खान के साथ सिटी मजिस्ट्रेट को पूजित ईंटें सौंपने वालों में रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण समन्वय समिति के अध्यक्ष एवं मंदिर आंदोलन के शलाका पुरुष रामचंद्रदास परमहंस के शिष्य आचार्य नारायण मिश्र सहित बड़ी संख्या में गण्यमान्य लोग रहे।
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पूजित ईंटें सुनहरे कागज में लिपटी हुईं थीं और इनकी संख्या 11 थी। भाईचारा और सद्भाव की अवधारणा के अनुरूप इन पर एक ओर हिंदी में और दूसरी ओर उर्दू में राम अंकित किया गया था। ईंटों को लेकर जाने वालों में दशरथ गद्दी के महंत बृजमोहनदास, गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड के सचिव सरदार चरनजीत सिंह, समाजसेवी धर्मेंद्र गुप्त, संतप्रकाश शुक्ल, बाबा जयगुरुदेव मिशन के जिलाध्यक्ष जयप्रकाश तिवारी, जयगुरुदेव के मिशन की महिला इकाई प्रमुख सोनी तिवारी, गोरखपुर के अरुण सिंह, अनित कुमार सिंह, सुखदेवदास, रजत पांडेय, गोरखपुर के मो. रजा, किताबुद्दीन, मो. रईस आदि भी रहे।यह भी पढ़ें: केजीएमयू में किडनी चोरी के आरोपों की जाच करेगी चार सदस्यीय समिति
ईंटों का प्रयोग सुनिश्चित होगा
सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि पूजित ईंटें कलेक्ट्रेट स्थित मालखाने में रखवाई जाएंगी और जब कभी मंदिर निर्माण की नौबत आएगी तब आजम खां की ईंटों का प्रयोग सुनिश्चित कराया जाएगा। इससे पूर्व अपराह्न सरयू तट स्थित परमहंस रामचंद्रदास की समाधि पर करीब दर्जनभर मुस्लिम कारसेवकों के साथ लखनऊ से पहुंचे आजम खान ने श्रद्धांजलि अर्पित की और जय श्रीराम और इंशाअल्लाह-इंशाअल्लाह के नारों के बीच रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का संकल्प दोहराया। इस दौरान स्थानीय संत-महंतों एवं मंदिर समर्थकों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। आचार्य नारायण मिश्र, महंत बृजमोहनदास एवं सरदार चरनजीत ने आजम को राष्ट्रीय एकता-अखंडता का महान दूत बताया।यह भी पढ़ें: आइपीएस के तबादले में घुला परिवर्तन का संदेश, अब जोन में एडीजी और बड़े रेंज में आइजीबाबर नहीं अशफाक-हमीद के नाम से बने मस्जिदईंट पूजन के दौरान आजम खां ने कहा, अच्छा तो यह है कि रामजन्मभूमि सहित संपूर्ण अधिग्रहीत परिसर मंदिर निर्माण के लिए सुनिश्चित हो और मस्जिद परिसर से दूर किसी मुस्लिम बहुल इलाके में बनाई जाए। यह जरूर संभव है कि सरकार मस्जिद के लिए दस एकड़ भूमि मुहैया कराए पर यह मस्जिद बाबर के नाम की नहीं होगी और यदि इसे कोई नाम भी देना हो, तो उसे महान क्रांतिकारी अशफाक उल्लाह या महान सैनिक अब्दुल हमीद का नाम दिया जा सकता है। बाबर से भारतीय मुस्लिमों का कोई लेना-देना नहीं है। राम इस देश के राष्ट्रीय प्रतीक हैं और वे जितने हिंदुओं के हैं, उतने मुस्लिमों के भी हैं।वॉच टॉवर होंगे बुलेट प्रूफअयोध्या स्थित अधिग्रहीत परिसर की निगरानी मजबूत होगी। शुक्रवार को संपन्न हुई उच्च स्तरीय स्थायी सुरक्षा समिति की बैठक में परिसर की सुरक्षा व जवानों के कल्याण से जुड़ी कई योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। कुछ योजनाओं को जल्द अमल में लाने की आवश्यकता बताई गई, तो कई योजनाओं को विचाराधीन रखा गया। अयोध्या स्थित मानस भवन में हुई स्थाई सुरक्षा समिति की बैठक में एडीजी सुरक्षा विजय कुमार मौजूद रहे। अधिग्रहीत परिसर की निगरानी के लिए बने वॉच टॉवरों को बुलेट प्रूफ बनाने पर जोर दिया गया। इसके तहत नए बुलेटप्रूफ वॉच टावर लगाने के साथ-साथ पुराने वॉच टॉवरों को भी बुलेट प्रूफ बनाने की योजना को अमली जामा पहनाने पर चर्चा की गई। परिसर में नए सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर पहले से ही योजना चल रही है, इस योजना को यथाशीघ्र पूरा करने का भी निर्णय लिया गया। डीआइजी राकेशचंद्र साहू ने बताया कि परिसर की सुरक्षा-व्यवस्था की समीक्षा के लिए स्थायी सुरक्षा समिति की बैठक हुई। मंदिर निर्माण को आगे आएं मुसलमान : इंद्रेशराष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए मुसलमानों को आगे आना चाहिए। देश के मुसलमानों के पूर्वज बाबर और गोरी जैसे शासक नहीं थे। 99 प्रतिशत मुसलमान धर्म परिवर्तन से पहले हिंदू ही थे। मेरठ में शुक्रवार को महाकालेश्वर मंदिर भव्य शिखर निर्माण के भूमि पूजन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि इंद्रेश ने कहा कि मुसलमानों को विदेशी आक्रमणकारी के नाम पर बनी इमारत के टूटने का मलाल नहीं करना चाहिए। वहां पहले से ही मंदिर था। अब राम मंदिर निर्माण के लिए मुसलमान भी आगे आएं। निर्विवाद स्थल पर वे मस्जिद का निर्माण खुदा के नाम पर करें। देशभर के लाखों मुसलमान इस मुहिम से जुड़ रहे हैं। अयोध्या में जल्द राम मंदिर का निर्माण होगा। इंडोनिशिया के दौरे का हवाला देते हुए कहा कि वहां के मुसलमान हिंदू देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। चीन के कब्जे वाले कैलाश मानसरोवर को मुक्त कराने के लिए उन्होंने आध्यात्मिक अनुष्ठान के रूप में मंत्र जाप करने की अपील की। चेतावनी दी कि पाकिस्तान नहीं सुधरा तो बहुत जल्द बांग्लादेश की तरह उसका एक और विभाजन तय है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह और सती प्रथा की तर्ज पर तीन तलाक का भी अंत होना चाहिए।
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