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रेलवे को बहुत महंगी पड़ी फैजाबाद की रेलवे साइडिग

एनजीटी में जमा कराया पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति का 91 लाख 20 हजार. नील विहार व आसपास के लोगों को रही वायु प्रदूषण की शिकायत.

By JagranEdited By: Updated: Mon, 15 Mar 2021 08:15 PM (IST)
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रेलवे को बहुत महंगी पड़ी फैजाबाद की रेलवे साइडिग

आनंदमोहन, अयोध्या :

रेलवे ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में 91 लाख 20 हजार रुपये जमा कर दिए। एनजीटी ने रेलवे पर वायु प्रदूषण से पहुंची पर्यावरणीय क्षति के चलते 29 अगस्त 2019 को स्टेशन व माल अधीक्षक पर जुर्माना किया था। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निरीक्षण में रेलवे साइडिग से उड़ने वाली डस्ट की मात्रा अधिक मिली थी। नील विहार व आसपास की कॉलोनी के लोगों ने वायु प्रदूषण के बढ़ते कुप्रभाव की शिकायत एनजीटी से की थी।

सहायक अभियंता ओमप्रकाश के अनुसार उसी शिकायत पर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी की टीम ने स्थलीय सत्यापन कर क्षतिपूर्ति की संस्तुति के साथ मुख्य पर्यावरणीय अधिकारी को रिपोर्ट एनजीटी के लिए अप्रैल 2019 को शिकायत के संदर्भ में भेजा था। उनके अनुसार स्थलीय सत्यापन के समय रेलवे के अधिकारी मौजूद रहे।

निरीक्षण में डस्ट न उड़ने के लिए स्प्रिंकलर सेट तक के इंतजाम साइडिग पर नहीं मिले। रेलवे साइडिग पर सीमेंट अनलोड होती मिली। सीमेंट लोडिग के लिए ट्रक की आवाजाही से उड़ती धूल से वायु प्रदूषण फैलता है जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होता है। एनजीटी के बढ़ती सख्ती के बाद ही नई रेलवे साइडिग के लिए रेलवे ने लगभग 12 हेक्टेयर भूमि का चयन कर लिया है। ये भूमि पांच राजस्व ग्रामों की है। सलारपुर रेलवे स्टेशन के पास नई रेलवे साइडिग की प्रक्रिया शुरू है। सलारपुर रेलवे साइडिग लगभग 16 सौ मीटर लंबी डबल लाइन में होगी। माल लोड व अनलोड करने के लिए 600 मीटर लंबा व 40 मीटर चौड़ा प्लेटफार्म होगा। गुड्स टर्मिनल स्टेशन का नाम इसे दिया गया है। सलारपुर रेलवे स्टेशन के पास रेलवे साइडिग शिफ्ट हो जाने से उसके आसपास की कॉलोनियों के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। उनके लोगों का वायु प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों से भी निजात मिलेगी।