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Ram Janmabhoomi: राम मंदिर के प्रथम तल का 60 प्रतिशत काम पूरा, रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक आज

राम मंद‍िर का न‍िर्माण कार्य तेजी से हो रहा है। प्रथम तल का लगभग 60 प्रत‍िशत काम पूरा हो चुका है। मकर संक्रांति 2024 के बाद गर्भग्रह में रामलला की स्‍थापना की जाएगी। आज रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक भी है। ज‍िसमें मंद‍िर न‍िर्माण की समीक्षा की जाएगी।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Wed, 04 Jan 2023 12:03 PM (IST)
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Ram Janmabhoomi: राम मंद‍िर के प्रथम तल का 60 प्रत‍िशत काम पूरा
अयोध्या, [रघुवरशरण]। रामजन्मभूमि विवाद का अतीत पीछे छूटता जा रहा है। निर्माण की प्रारंभिक प्रक्रिया भी बीते दिनों की बात होती जा रही है। अब तो मंदिर निर्माण पूर्ण होने के दिन और महीने गिने जाने लगे हैं। विवाद से संवाद और ध्वंस से निर्माण की यह पटकथा बुधवार को प्रस्तावित रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में भी परिभाषित होगी। पांच अगस्त 2020 को भूमि पूजन और इससे पूर्व पांच फरवरी 2020 को अस्तित्व में आने के साथ ही तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मंदिर निर्माण के प्रति पूरी तत्परता बरतता रहा है।

ट्रस्ट की प्रस्तावित बैठक में मंद‍िर न‍िर्माण की होगी समीक्षा

मंदिर निर्माण की प्रगति के साथ ट्रस्ट की तत्परता में और वृद्धि भी होती जा रही है। राम मंदिर निर्माण समिति की पिछली बैठक में ही इस वर्ष अक्टूबर तक राम मंदिर के भूतल का निर्माण पूर्ण होने का विश्वास व्यक्त किया जा चुका है। इस विश्वास के पीछे पुख्ता कार्य योजना, सतत प्रयास और प्रबंधन से लेकर वास्तुविदों-अभियंताओं एवं श्रमिकों-शिल्पियों तक का कठिन श्रम है। ट्रस्ट की प्रस्तावित बैठक में इस प्रतिबद्धता को और नियोजित-संगठित स्वरूप दिए जाने जाने के विकल्पों पर विचार किए जाने के संकेत हैं। साथ ही राम मंदिर के पूरक निर्माण की योजना पर भी विचार संभावित है।

गर्भगृह के लिए 20 प्रतिशत से अधिक शिलाएं तैयार

मंदिर के प्रथम तल का 60 प्रतिशत काम हो चुका है। 360 फीट लंबे और 235 फीट चौड़े तथा सात मीटर ऊंचे प्रतिष्ठान (प्लिंथ) पर पहले से गढ़ी जा चुकीं शिलाएं प्रस्तावित मानचित्र के अनुरूप यथास्थान संयोजित की जा रही हैं। गर्भगृह के लिए 20 प्रतिशत से अधिक शिलाओं का संयोजन हो चुका है। कुछ शिलाएं दशकों पूर्व से ही तराश कर रखी गई हैं और बाकी जरूरत के हिसाब से तराशी जा रही हैं। मंदिर के जिस भूतल का निर्माण अक्टूबर तक पूर्ण करने की समय सीमा तय की गई है, वह 20 फीट ऊंचा होगा तथा इसमें सिंहद्वार, रंग मंडप, नृत्य मंडप, गुह्य मंडप के साथ गर्भगृह जैसे प्रखंडों का निर्माण होना है।

राम मंद‍िर के भूतल में लगेंगे 160 स्तंभ

161 फीट ऊंचे और तीन तल के मंदिर में 366 स्तंभ लगने हैं। 160 स्तंभ भूतल में ही लगेंगे। भूतल निर्माण की समय सीमा में भले ही 10 माह का समय हो, किंतु भव्य-व्यापक निर्माण को देखते हुए यह उतना आसान नहीं है, जितना सुनने में लगता है। तय मानचित्र के अनुरूप शिलाओं को संयोजित करने के अलावा मंदिर के पूरक निर्माण की भी ओर ध्यान केंद्रित किया जाना है।

रामनवमी के अवसर पर रामलला तक पहुंचेगी सूर्य की रश्मियां

परकोटा निर्माण, परकोटा के कोनों और सीमा पर आधा दर्जन उप मंदिरों, रिटेनिंग वाल, यात्री सुविधा केंद्र आदि का समय सीमा के भीतर निर्माण भी ट्रस्ट की प्रथमिकताओं में है। सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट एवं अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के सहयोग से ट्रस्ट को रामलला की स्थापना के साथ रामनवमी के अवसर पर उन तक सूर्य की रश्मियों का भी स्पर्श सुनिश्चित कराने की चुनौती है। समझा जाता है कि बुधवार को ट्रस्ट की तथा गुरुवार एवं शुक्रवार को राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक में इन विषयों पर गंभीरता से मंथन किया जाएगा।

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