Ram Mandir Ayodhya: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण कार्य ने गति पकड़ी, दिसंबर 2023 तक दिखेगा भव्य स्वरूप
Shri Ram Janmabhoomi Mandir Ayodhya श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति की देखरेख में कार्य ने गति पकड़ ली है। उन्होंने कहा कि नवंबर 2023 तक काम पूरा हो जाएगा। हमारा लक्ष्य इसको दिसंबर 2023 तक श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति को हैंडओवर कर देना है।
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Tue, 25 Oct 2022 12:21 PM (IST)
अयोध्या, जेएनएन। Shri Ram Janmabhoomi Mandir Ayodhya: भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण कार्य ने गति पकड़ ली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को इसके निर्माण कार्य का निरीक्षण भी किया। मंगलवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण कार्य का मीडिया को भी अवलोकन कराया और निर्माण कार्य के बारे में जानकारी भी दी।
प्रधानमंत्री के लौटने के बाद तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मीडिया को भी राम जन्मभूमि परिसर में आमंत्रित कर मंदिर निर्माण की गतिविधियों से अवगत कराया। इस मौके पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, सदस्य डॉ अनिल मिश्र सहित कार्यदाई संस्था एलएंडटी एवं टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर्स के अधिकारी उपस्थित रहे।भव्य राम मंदिर के निर्माण कार्य में लगे टाटा के इंजीनियर विनोद कुमार शुक्ला ने बताया कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति की देखरेख में कार्य ने गति पकड़ ली है। उन्होंने कहा कि नवंबर 2023 तक काम पूरा हो जाएगा। हमारा लक्ष्य इसको दिसंबर 2023 तक श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति को हैंडओवर कर देना है।
45 से 50 प्रतिशत तक हुआ राम मंदिर का निर्माणकरोड़ों राम भक्तों का चिर स्वप्न पूरी तीव्रता से साकार हो रहा है। राम जन्मभूमि की मुक्ति के लिए करोड़ों राम भक्तों ने 491 वर्षों तक तपस्या की, वह न केवल मुक्त हुई, बल्कि उसके बाद के तीन वर्ष में ही आस्था की यह विरासत भव्यता की पर्याय बन कर तैयार होने को है। राम जन्मभूमि पर नागर शैली का जो भव्य दिव्य मंदिर निर्माणाधीन है, उसका 45 से 50 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। इन दिनों 26 फीट ऊंची आधार भूमि पर रामलला का वह आगार निर्मित हो रहा है, जिसमें रामलला विराजमान होंगे। न केवल रामलला का यह गर्भगृह अगले वर्ष अक्टूबर तक तैयार हो जाएगा, बल्कि इसी के साथ संपूर्ण मंदिर का भूतल भी तैयार हो जाएगा। यद्यपि अन्य तैयारियों को ध्यान में रख कर रामलला को जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के अवसर पर गर्भगृह में स्थापित करने की तैयारी है।
2024 की रामनवमी से रामलला का दर्शन राम मंदिर के प्रोजेक्ट मैनेजर एवं प्रख्यात वास्तुविद जगदीश आफले कहते हैं कि हम लोग आश्वस्त हैं और कोई संदेह नहीं कि 2024 की रामनवमी से श्रद्धालुओं को नवनिर्मित राम मंदिर के भव्य गर्भगृह में रामलला का दर्शन मिलने लगेगा । हालांकि मंदिर निर्माण की प्रगति और अधिक परिणाम दायक है। 2024 के अंत तक राम मंदिर के प्रथम तल का भी निर्माण हो जाएगा और 2025 की शुरुआत तक प्रथम तल के गर्भगृह में राम दरबार की प्रतिष्ठा भी शुरू हो जाएगी। निर्माणाधीन राम मंदिर 360 फीट लंबा 250 फीट चौड़ा एवं 161 फीट ऊंचा है। रामलला जिस आधार भूमि पर स्थापित हो रहे हैं वह सतह से 25 से 30 फीट ऊपर है। इस सतह के नीचे 45 से 50 फीट तक गहरी बुनियाद भरी गई है।
गर्भ गृह में लोअर पोर्शन का कामउन्होंने कहा कि मंदिर के मुख्य गर्भ गृह के साथ ही अन्य का नींव का काम पूरा होकर अब धरातल पर आ गया है। गर्भ गृह में लोअर पोर्शन का काम हो गया है, अब ऊपर का काम हो रहा है। यहां पर 70 फीट नीचे से काम प्रारंभ किया गया था जो चारों तरफ धरातल पर दिखने लगा है। अब प्रथम तक पर पत्थर के ब्लाक का काम चल रहा है। यहां पर आंध्र प्रदेश तथा कर्नाटक के ग्रेनाइट पत्थरों का भी काम प्रारंभ हो गया है।
प्रथम तल पर राम दरबार का भी काम पूरा करने का लक्ष्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति का लक्ष्य वर्ष 2024 तक मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार का भी काम पूरा करने का लक्ष्य है। माना जा रहा है कि वर्ष 2024 तक अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का काम पूरा हो जाएगा। विश्व भर से श्रीराम के भक्त अपने आराध्य तथा उनके दरबार का दर्शन कर सकेंगे।
कुछ ऐसा होगा अयोध्या का श्रीराम जन्मभूमि मंदिर
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- मंदिर की चौड़ाई 140 फीट
- दो मंजिला बनेगा मंदिर
- पहली मंजिल पर राम दरबार
- चार दरवाजों की मंदिर की चौखट
- 45 एकड़ क्षेत्र में रामकथा कुंज
- मंदिर का प्रमुख प्रवेश द्वार 'सिंह द्वार'
- 2.77 एकड़ का मंदिर क्षेत्र में ग्रेनाइड पत्थरो का इस्तेमाल
- राम मंदिर में 392 स्तम्भ होंगे
- कुल 12 द्वार का निर्माण होगा
- गर्भगृह में 160 पिलर
- पहली मंजिल पर 132 पिलर
- सागौन की लकड़ी के द्वार
- मंदिर पर भूकंप का असर नही होगा
- मंदिर में सरिया का इस्तेमाल बिल्कुल नही
- तांबे की पत्तियों से पत्थरो को जोड़ने का कार्य
- मंदिर के परकोटे में 5 मंदिरों का निर्माण
- पंचदेव मंदिर का निर्माण
- सूर्य देव मंदिर,विष्णु देवता मंदिर का निर्माण