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पुत्र मोह में नरेंद्र सिंह ने गंवाई लाल बत्ती

By Edited By: Updated: Thu, 10 Apr 2014 09:43 PM (IST)
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फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : प्रदेश के व्यवसायिक शिक्षा, होमगार्ड राज्यमंत्री नरेंद्र सिंह यादव को पुत्र मोह में लाल बत्ती गंवानी पड़ी। बेटे सचिन यादव के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद से ही उनकी सपा में उल्टी गिनती शुरू हो गयी थी।

सपा ने पहले सचिन यादव को ही पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया था। लेकिन बाद में सचिन की टिकट काटकर अलीगंज के विधायक रामेश्वर यादव को प्रत्याशी बना दिया गया। टिकट को लेकर पार्टी के दोनों वरिष्ठ नेताओं में ठन गयी। टिकट कटने के बाद सचिन खुलेआम पार्टी प्रत्याशी का विरोध करने लगे। उन्होंने पार्टी के कार्यक्रमों में भी जाना बंद कर दिया। पिता राज्यमंत्री नरेंद्र सिंह यादव ने भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अलावा पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में भाग नहीं लिया। जिसके बाद राज्यमंत्री नरेंद्र सिंह यादव की बर्खास्तगी की अटकलें शुरू हो गयी थीं। सपा के राष्ट्रीय महामंत्री नरेश अग्रवाल के गुरुवार को फर्रुखाबाद आगमन पर भी राज्यमंत्री नरेंद्र सिंह यादव एवं उनके बेटे निर्दलीय प्रत्याशी सचिन यादव के बगावती तेवर की चर्चा हुई। पता चला है कि नरेश अग्रवाल ने भी इस संबंध में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को अवगत कराया। इसके पश्चात नरेंद्र सिंह की बर्खास्तगी के फैसले पर प्रदेश हाईकमान ने मुहर लगा दी।

नरेंद्र सिंह के पिता राजेंद्र सिंह यादव भी कई बार विधायक रह चुके हैं। नरेंद्र सिंह ने अपना राजनीतिक कैरियर कांग्रेस से शुरू किया। बाद में मुलायम सिंह यादव के कहने पर ही वह सपा में शामिल हुए और कई बार विधायक बने। पार्टी के कद्दावर नेता रहे नरेंद्र सिंह पर इससे पूर्व भी कई बार पार्टी से भितरघात के आरोप लगे। पिछले जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी उनकी भूमिका पर अंगुली उठाई गई थी।