दीपावली आते ही तेजी से घूमने लगे चाक
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद पुरानी परंपरानुसार दीपावली पर घरों में गणेश-लक्ष्मी के पूजन क
By JagranEdited By: Updated: Fri, 29 Oct 2021 11:04 PM (IST)
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : पुरानी परंपरानुसार दीपावली पर घरों में गणेश-लक्ष्मी के पूजन के साथ ही मिट्टी के दीये जलाए जाते हैं। इसको लेकर कुम्हारों के यहां मिट्टी के दीये बनाए जाने के लिए चाक तेजी से घूम रहे हैं। डिजाइनदार दीयों के साथ ही सादा दीये भी बनाए जा रहे हैं। मिट्टी के गणेश-लक्ष्मी व खिलौनों की भी डिमांड है।
दीपावली में छह दिन शेष रह गए हैं, जिसको लेकर झौनी नगला, सुनहरी मस्जिद, अंगूरीबाग व भाऊटोला आदि मोहल्लों में कुम्हार तेजी से दीये व गणेश-लक्ष्मी बनाने में लगे हैं। इसके साथ ही बच्चों के लिए मिट्टी की चक्की, डोलची, गोलक, हाथी, घोड़ा व तोता आदि खिलौने बना रहे हैं। सादा दीयों के साथ ही डिजाइनदार दीये भी तैयार किए जा रहे हैं। डिजाइनदार दीये व छोटे गणेश-लक्ष्मी तो सांचे से तैयार किए जा रहे, जबकि अन्य मिट्टी की वस्तुएं चाक से बनाई जा रही हैं। यहां तैयार होने वाले गणेश-लक्ष्मी व दीये आसपास जिलों में भी भेजे जाते हैं। डेढ़ साल बाद कोरोना कम होने से कुम्हारों में पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष बिक्री ज्यादा होने की उम्मीद है। सुरेशचंद्र प्रजापति बताते हैं कि दीपावली को लेकर सितंबर से दीये आदि बनाने में लगे हैं। संजीव कुमार कहते हैं कि वह गणेश-लक्ष्मी की सप्लाई मैनपुरी, कन्नौज, छिबरामऊ, कायमगंज, राजेपुर, नवाबगंज व कमालगंज में करते हैं। अप्रैल से मूर्तियों को बनाने का काम शुरू करते हैं, जो दीपावली तक चलता है। मिट्टी के दाम दो गुना बढ़े मूर्तिकार संजीव कुमार बताते हैं कि आम दिनों में जहां मिट्टी की बुग्गी 300 से 350 रुपये में मिलती थी। वहीं गणेश महोत्सव से मिट्टी की बुग्गी के दाम 500 से 600 रुपये पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि गणेश महोत्सव से लेकर दीपावली तक मूर्तियों की डिमांड रहती है, खेत मालिक भी मिट्टी के दाम बढ़ा देते हैं।
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