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यूपी में सरकारी जमीन पर बने 30 मकानों पर गरजे एक साथ पांच बुलडोजर, नोकझोंक के बीच तोड़े गए लोगों के आशियाने

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायत की 30 बीघा बंजर जमीन पर किए गए अवैध कब्जों को हटाने के लिए बुलडोजर चलाया। शनिवार को हुई इस कार्रवाई में 30 से अधिक लोगों के मकानों को गिरा दिया गया। ग्रामीणों ने समय मांगा लेकिन अधिकारियों ने मना कर दिया। इस कार्रवाई से लोग सकते में आ गए हैं।

By paras dubey Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sun, 29 Sep 2024 03:27 PM (IST)
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पावर प्लांट को आवंटित की गई 30 बीघा जमीन
संवाद सूत्र, नवाबगंज। पावर प्लांट को आवंटित की गई ग्राम पंचायत की 30 बीघा बंजर जमीन पर 30 से अधिक लोगों ने कब्जा कर मकान बना लिए। जिला प्रशासन के निर्देश के बावजूद लोगों ने जमीन खाली नहीं की। शनिवार को अधिकारियों व राजस्व टीम ने पहुंचकर बुलडोजर से मकान तुड़वा दिए। ग्रामीणों ने समय भी मांगा, लेकिन अधिकारियों ने मना कर दिया।

विकास खंड मोहम्मदाबाद की ग्राम पंचायत उखरा में स्थित लगभग 100 बीघा जमीन बंजर के नाम सुरक्षित थी। उसी भूमि को शासन द्वारा गांव में बन रहे पावर प्लांट को आवंटित किया गया। पावर प्लांट को आवंटित की गई जमीन में से लगभग 30 बीघा जमीन पर गांव के 30 से अधिक लोगों ने कब्जा कर पक्के मकान बना लिए।

जमीन को खाली कराने के दिए गए निर्देश

जमीन को जिला प्रशासन द्वारा खाली करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन ग्रामीण जमीन को खाली करने को तैयार नहीं हुए। शनिवार वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में एसडीएम सदर रजनीकांत, तहसीलदार सदर श्रद्धा पाण्डेय, नायब तहसीलदार सनी कनौजिया, राजस्व राजस्व निरीक्षक साहब सिंह, लेखपाल रूद्र प्रताप सिंह, प्रभात अग्निहोत्री, अवनीश शाक्य, आशुतोष आदि राजस्वकर्मी नवाबगंज, शमसाबाद, मोहम्मदाबाद थानों के पुलिस बल के साथ पहुंचे।

उन्होंने लोगों से जमीन पर किए गए अतिक्रमण को हटाने को कहा। लोगों ने एकाएक मकानों को खाली करने में दिक्कत होने की बात कहकर अधिकारियों से समय देने की मांग की। अधिकारियों ने समय देने से मना कर दिया और बुलडोजर मंगवाकर मकानों को तुड़वाने की कार्रवाई शुरू कर दी।

इस दौरान प्रेमचंद्र, रामप्रकाश, रामकिशन, सुरेश, बबलू, संजू, अभिषेख, मुनेश, अन्नू, समरपाल, हाकिम सिंह,हंसराम, पंचम, बृजकिशोर, फेरूसिंह, सनोज कुमार, ब्रह्मानन्द, गंगासिंह, बलराम सिंह, रामनिवास यादव आदि के मकानों को गिराया गया।

एसडीएम ने बताया कि ग्राम पंचायत की जमीन पर लोगों द्वारा अवैध कब्जा किया गया था। अवैध कब्जेदारों को बेदखल भी किया जा चुका है। इसके बाद भी जमीन खाली न करने पर उच्चाधिकारियों के निर्देश में कार्रवाई की गई है।

लगभग 30 वर्ष बाद हुई कार्रवाई से लोग सकते में

मकानों को बुलडोजर से गिराए जाने की एकाएक शुरू हुई कार्रवाई से लोग सकते में आ गए। लोगों ने आनन फानन घरों में रखे चारपाई, बेड, टीवी, पंखे, अलमारी, बक्से, कुर्सियां, कपड़े आदि को निकालकर बाहर खुले स्थान पर रखना शुरू किया। टिनशेड आदि को टूटने से बचाने के लिए खुद ही खोलने में जुट गए।

ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 30 वर्षों से मेहनत कर अपनी पूंजी से मकानों को बनाया था। मकानों को बचाने के लिए अपने खेतों से उससे अधिक जमीन देने को तैयार थे, लेकिन किसी अधिकारी ने उनकी एक भी नहीं सुनी। मकान को गिराए जाने से बच्चों को लेकर कहा रहेंगे। यह चिंता भी लोगों को सताने लगी।

ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारियों ने बिना किसी सूचना के मकानों को गिराने की कार्रवाई शुरू कर दी। और हमें बेघर कर दिया।

महिलाओं से हुई नोकझोंक, अधिकारियों को जमकर कोसा

अपने मकानों पर बुलडोजर चलता देख महिलाओं ने अधिकारियों से आरजू मिन्नत की, लेकिन अधिकारियों के एक न सुनने पर महिलाएं उनसे नोकझोंक करने लगी। महिलाओं को तहसीलदार श्रद्धा पाण्डेय व महिला पुलिस कर्मियों ने हाथ पकड़कर घरों से निकाल कर बाहर बैठाया। अपने घरों को गिरता देख कुछ न कर पाने पर महिलाओं व बच्चों ने रोरो कर पुलिस कर्मियों व अधिकारियों को कोसना शुरू कर दिया। महिलाओं व बच्चों की आंखों से आंशू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।

मकानों को ढहाने में लगाए गए पांच बुलडोजर

गांव उखरा में बंजर जमीन को खाली कराने के लिए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट था। शनिवार दोपहर एसडीएम सदर के नेतृत्व में तीन थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। कार्रवाई के लिए पांच बुलडोजर को मंगवाया। एक साथ मकानों को ढहाने की कार्रवाई शुरू कर दी। कार्रवाई में मकानों को लिंटर समेत जमीदोज कर दिया गया। इस दौरान मौके पर सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ जुटी रही।

ट्रैक्टर ट्रालियों से ढोया गया घरों का सामान

मकानों को बुलडोजर से गिराने की कार्रवाई के दौरान लोगों ने घरों में रखे सामान को परिचितों के घरों तक ले जाने के लिए ट्रैक्टर ट्रालियों का सहारा लिया। लोगों ने घरों के बाहर रखे सामान को ट्रैक्टर ट्रालियों में भरकर अपने अपने परिचितों के घरों में पहुंचाया। घरों से सामान को ढोने का सिलसिला शाम तक चलता रहा।

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