Flood In UP: यूपी में बाढ़ का पानी शहरों में घुसा, कई जिलों का तटवर्ती गांवों का संपर्क टूटा
Flood In UP पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश का असर अब मैदानी इलाकों में नजर आने लगा है। गंगा किनारे बसे शहरों में बाढ़ का पानी तेजी से आबादी में घुस रहा है। सड़क पर पानी की वजह से कई जिलों का तटवर्ती गांवों का संपर्क टूट गया है। ऐसे में प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में अलर्ट जारी किया है।
फर्रूखाबाद, जेएनएन। गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर ऊपर स्थिर है। रामगंगा का जलस्तर घटने के बाद भी चेतावनी रेखा के ऊपर है। गंगा की बाढ़ का पानी राजेपुर कस्बा में पहुंच गया है। गांवों में कई दिनों से बाढ़ का पानी भरा होने से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। ग्रामीण मकान की छतों व सड़क के किनारे डेरा जमाए हैं। ग्रामीणों के सामने मवेशियों के चारे की समस्या है।
चारे की समस्या से परेशान ग्रामीण मवेशियों को लेकर रिश्तेदारियों में जाने लगे हैं। गंगा का जलस्तर खतरे निशान से 30 सेमी ऊपर 137.40 मीटर पर स्थिर है। नरौरा बांध से गंगा में 3,11,996 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रामगंगा का जलस्तर 10 सेंटीमीटर घटकर 136.60 मीटर पर पहुंच गया है।
खोह, हरेली व रामनगर से रामगंगा में 11,703 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। गंगा की बाढ़ का पानी तटवर्ती गांव हरसिंहपुर कायस्थ, ऊगरपुर, माखन नगला, करनपुर घाट, कुडरी सारंगपुर, मंझा की मड़ैया, आशा की मड़ैया, बमियारी, नगरिया जवाहर, उदयपुर कंचनपुर, सबलपुर, रामपुर, जोगराजपुर, जगतपुर, अंबरपुर की मड़ैया, चित्रकूट, अबरपुर, हमीरपुर सोमवंशी, भुड़िया भेड़ा, बरुआ, भाऊपुर चौरासी व पट्टी भरखा सहित एक सैकड़ा से अधिक गांव में कई दिनों से भरा है। जिससे जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। परेशान ग्रामीण मवेशियों को लेकर गांवों से पलायन कर रहे हैं। गंगा की बाढ़ का पानी राजेपुर कस्बा में भी पहुंच गया है।
राजेपुर मुख्य मार्ग पर बाढ़ का पानी बहने लगा है। तटवर्ती गांव के संपर्क मार्गो पर बाढ़ का पानी तेज धार से बह रहा है। जिससे मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं और आवागमन बाधित हो गया है। ग्रामीण नाव के सहारे आवाजाही कर रहे हैं। रामगंगा का जलस्तर घटने से तटवर्ती गांव अहलादपुर भटौली व कोलासोता गांव के ग्रामीण कटान होने की आशंका से चिंतित है।
गंगा का पानी कई गांव में घुस गया है। जिससे ग्रामीण अब रिश्तेदारों तथा सुरक्षित स्थान पर जाने लगे हैं। रास्ता बंद होने से नाव का ही सहारा रह गया है। जिन्हें नाव नहीं मिल पाती वह बाढ़ के पानी से निकल रहे हैं। गंगा का जलस्तर से बाढ़ का पानी गांव दादूपुर कैरी नगला, कौआ नगला, फतेहपुर, कासिमपुर तराई, सुल्तानगंज खरेटा, नगला मरू व शरीकपुर छिछनी के घरों में घुस गया है। रास्तों पर तीन फिट से अधिक पानी चलने से रास्ता बंद हो गयी है। अब ग्रामीण रिश्तेदारी तथा सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के लिए मजबूर हो गए हैं।
कुछ लोग सड़क के किनारे पालीथिन डालकर डेरा जमाए हैं और वहीं मवेशी भी रखे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इतने लंबे समय तक पहली बार बाढ़ रही है। पहले कुछ दिनों के लिए आती थी और पानी कम हो जाता था। जिससे उन लोगों को दिक्कत नहीं होती थी। इस बार फसलें भी खराब हो गई हैं। मजदूरी भी नहीं मिल रही है, जिससे और समस्या है। प्रतिदिन पानी कम होने की जगह बढ़ रहा है। जिससे अब समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं और बीमारी भी फैल रही है।