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Farrukhabad Flood: फर्रुखाबाद में गंगा खतरे के निशान से 15 सेमी ऊपर, बाढ़ के चलते छत पर रात गुजार रहे लोग

Farrukhabad फर्रुखाबाद में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है। गंगा खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। जलस्तर घटने के बाद भी गंगा खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। बाढ़ के पानी से 35 गांवों का संपर्क टूट गया है। ग्रामीण नाव से आवागमन कर रहे हैं। गांव में बाढ़ का पानी भर जाने से ग्रामीणों को पीने के पानी की समस्या हो गई है।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Mon, 24 Jul 2023 09:28 AM (IST)
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फर्रुखाबाद में गंगा खतरे के निशान से 15 सेमी ऊपर, बाढ़ के चलते छत पर रात गुजार रहे लोग
अमृतपुर, जागरण संवाददाता। यूपी के कई जिलों में अभी भी नदियों का जलस्तर उफान पर है और बाढ़ का खतरा बना हुआ है। फर्रुखाबाद में भी गंगा खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। जलस्तर घटने के बाद भी गंगा खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। बाढ़ के पानी से 35 गांवों का संपर्क टूट गया है। ग्रामीण नाव से आवागमन कर रहे हैं। गांव में बाढ़ का पानी भर जाने से ग्रामीणों को पीने के पानी की समस्या हो गई है। पीड़ित मकानों की छतों व सड़क के किनारे पालीथिन के नीचे गुजर करने को मजबूर हैं।

चित्रकूट गांव के निकट तीन फीट से अधिक बाढ़ का पानी बहने से बदायूं मार्ग पर आवागमन बाधित है। गंगा का जलस्तर पांच सेंटीमीटर घटकर 137.25 मीटर पहुंच गया है। इसके बाद भी गंगा खतरे के निशान से 15 सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं। पांचाल घाट पर गंगा का खतरे का निशान 137.10 मीटर दर्ज है। रामगंगा का जलस्तर 15 सेंटीमीटर घटकर 135.45 मीटर पहुंच गया है। खोह, हरेली व रामनगर से रामगंगा में 18,462 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। नरौरा बांध से गंगा में 1,26,978 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

बाढ़ से ये गांव हैं प्रभावित

बाढ़ से तटवर्ती गांव मंझा की मड़ैया, तीसराम की मड़ैया, सुंदरपुर, कुडरी सारंगपुर, करनपुर घाट, कालिका नगला, माखन नगला, नगरिया जवाहर, आशा की मड़ैया, बमियारी, लायकपुर, भुड़िया भेड़ा, बरुआ, चित्रकूट, कछुआ गाढ़ा सहित 35 गांवों का संपर्क टूट गया है।

पॉलीथिन के नीचे गुजार रहे रात

गांव बरुआ के जगमोहन कहते हैं कि नाव नहीं मिली है। बदायूं मार्ग से डेढ़ किलोमीटर दूर गांव तक चार फीट पानी बह रहा है। ग्रामीण मकान की छतों पर पॉलीथिन के नीचे रात गुजार रहे हैं। पानी में ईंधन भीग गया है। खाना पकाने के लिए परेशानी हो रही है। राजेपुर कस्बा के केशवनगर मुहल्ला में पानी घरों में भर गया है। राजेपुर तिराहे पर दो फिट से अधिक पानी बह रहा है। खेतों में भरने से मवेशियों के चारे की समस्या बढ़ गई है।

कटान होने से सुरक्षित स्थान पर जा रहे बाढ़ पीड़ित

बाढ़ के पानी से कटान होने से ग्रामीण नाव से सामान लेकर सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं। हालांकि समाजसेवी इन गांवों में पहुंचकर राहत सामग्री वितरित कर रहे हैं। गांव समैचीपुर चितार में बाढ़ के पानी के साथ-साथ कटान भी हो रहा है। जिससे ग्रामीण अपने अपने मकान खाली कर सामान नाव से सुरक्षित स्थान पर पहुंच रहे हैं। बाढ़ का पानी भरा होने से लगभग 30 परिवार सड़क के किनारे पन्नी डालकर रह रहे हैं। पैलानी दक्षिण, कटरी तौफीक, अलमापुर, अचानकपुर व साधौसराय आदि गांव में भी पानी भर जाने से ग्रामीण सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं।

बाढ़ के पानी में फंसे लोग

गांव ऊगरपर निवासी सत्येंद्र कुमार यादव ने गांव से डेढ़ किलोमीटर दूर खेतों में जाकर शनिवार रात आठ बजे पुलिस व उप जिलाधिकारी को फोन कर कहा कि बाढ़ के पानी में फंस गए हैं, उन्हें बचाएं। जिस पर थानाध्यक्ष पीएसी की नाव लेकर मौके पर पहुंचे। थानाध्यक्ष बलराज भाटी ने बताया कि वह जामुन के पेड़ पर चढ़कर बैठ गया था। वहीं कुछ नशा किया। उसके बाद अधिकारियों को फोन किया, उसका भाई से कुछ विवाद हुआ था, जिससे वह चला गया था।

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