फर्रुखाबाद में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल का शव सरकारी आवास में लटका मिला, परिवार में मचा कोहराम
UP News फर्रुखाबाद में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल देशराज कौंडल का शव उनके सरकारी आवास में संदिग्ध परिस्थितियों में लटका मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हैंगिंग बताया गया है। वहीं शरीर पर कहीं भी चोट के निशान नहीं है। लेफ्टिनेंट कर्नल की पत्नी और बेटा दिल्ली एयरपोर्ट पर थे जब उन्हें इस घटना की जानकारी मिली। वे सीधे फर्रुखाबाद आ गए।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद। राजपूत रेजीमेंट सेंटर के लेफ्टिनेंट कर्नल का शव संदिग्ध परिस्थिति में सरकारी आवास के ड्राइंग रूम में पंखे से रस्सी के सहारे लटका मिला। सोमवार तड़के सैन्यकर्मी जब उनके आवास पर फूल देने पहुंचा तब उसे जानकारी हुई। इसके बाद सैन्य अधिकारी पहुंचे। पुलिस और फोरेंसिक टीम ने जांच की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हैंगिंग (फंदे पर लटकना) बताया गया है।
रात 2:53 बजे उन्होंने पत्नी से बात की थी। कमरे में मिला उनका मोबाइल फोन फ्लाइट मोड पर था। जनवरी 2025 में उनका रिटायरमेंट था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हैंगिंग (फंदे पर लटकना) बताया गया है।
हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन के गांव जबक जमरोट निवासी 59 वर्षीय लेफ्टिनेंट कर्नल देशराज कौंडल फतेहगढ़ में राजपूत रेजीमेंट सेंटर में तैनात थे। सुबह पांच बजे के करीब सैन्यकर्मी उनके आवास पर प्रतिदिन की तरह फूल देने पहुंचा। उसने लेफ्टिनेंट कर्नल का शव रस्सी के सहारे लटका देखा। उसने इसकी जानकारी अपने अधिकारियों को दी।
10 दिन पहले लौटे थे छुट्टी से
पुलिस ने बताया कि लेफ्टिनेंट कर्नल यहां पर अकेले रहते थे। उनका परिवार हिमाचल प्रदेश में रहता है। 10 दिन पहले ही देशराज छुट्टी से लौटे थे। जिस समय लेफ्टिनेंट कर्नल ने फंदा लगाया, वह वर्दी में थे। जूते-मोजे भी पहन रखे थे।
लेफ्टिनेंट कर्नल की पत्नी विजया और पुत्र आयुष विदेश जा रही बेटी को छोड़ने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर थे। जानकारी मिलने पर वे सीधे फर्रुखाबाद आ गए। दोनों घटना की वजह नहीं बता पाए हैं। डा. लोकेश शर्मा ने शव का पोस्टमार्टम किया। हैंगिंग से मौत होने की पुष्टि हुई है। शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं पाए गए हैं।
पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि लेफ्टिनेंट कर्नल देशराज कौंडल ने आत्महत्या की है। इसकी वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। सैन्य अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं। स्वजन अंतिम संस्कार के लिए शव लेकर हरिद्वार चले गए।
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