नौ माह बाद सफर करने को मिली यात्री ट्रेन
संवाद सहयोगी कायमगंज कोरोना संकट में लॉकडाउन के चलते बंद हुई ट्रेन सेवा अन्य स्टेशनो
संवाद सहयोगी, कायमगंज : कोरोना संकट में लॉकडाउन के चलते बंद हुई ट्रेन सेवा अन्य स्टेशनों पर शुरू हो गई थी। कायमगंज के लोगों को बुधवार को कानपुर व कासगंज जाने वाली ट्रेनों में सफर करने को मिला। रेलवे ने गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था तो की थी, लेकिन मास्क का पालन न तो प्लेटफार्म पर दिखा, न ट्रेन में।
कोरोना संकट में लॉकडाउन के चलते 22 मार्च 2020 को ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया था। तभी से कायमगंज रेलवे स्टेशन पर सन्नाटा पसरा है। लॉकडाउन समाप्त होने पर कुछ लांग रूट की ट्रेन चलीं भी, लेकिन उनका यहां ठहराव न होने से कोई प्रभाव नहीं पड़ा। 28 दिसंबर से मथुरा-छपरा एक्सप्रेस शुरू हुई, लेकिन वह दैनिक न होने से उसका कोई विशेष प्रभाव नहीं दिखा। बुधवार को करीब साढ़े नौ माह बाद कायमगंज स्टेशन पर मामूली चहल पहल देखने को मिली। धरे रह गए नियम, बिना चेकिग ट्रेन में बैठे यात्री
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : कासगंज-अनवरगंज एक्सप्रेस ट्रेनें आखिरकार लंबे इंतजार के बाद बुधवार को चलने लगीं। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग के लिए कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। सैनिटाइजर भी उपलब्ध नहीं था। रिजर्वेशन टिकट चेक करने के बाद ही यात्रियों को ट्रेनों में बैठने की इजाजत दी गई। पहले दिन 119 यात्री रिजर्वेशन करवाकर कानपुर गए।
रेलवे स्टेशन पर दोनों ट्रेनें पूर्व निर्धारित समय के अनुसार पहुंच गईं। उपमुख्य टिकट निरीक्षक सुमित रंजन व मुख्य टीसी शशि तिवारी ही स्टेशन गेट पर मौजूद थीं। रेलवे कर्मियों ने टिकट चेक कर यात्रियों को ट्रेन में बैठने की इजाजत दी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई कर्मचारी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग करने के लिए उपलब्ध नहीं था। सैनिटाइजर की व्यवस्था भी नहीं की गई थी। कई यात्री तो बिना मास्क लगाए ही रेलवे स्टेशन पर दिखाई दिए। वाणिज्य अधीक्षक सीपी पटेल ने बताया कि दोनों ट्रेनों में कुल 119 रिजर्वेशन किए गए। किराए से अतिरिक्त 15 रुपये रिजर्वेशन चार्ज लिया जा रहा है। ट्रेन आने के आधा घंटा पहले रिजर्वेशन चार्ट निकलता है। उसके बाद रिजर्वेशन टिकट जारी होना बंद हो जाता है। इस कारण यात्रियों को एक घंटा पहले ही स्टेशन पर आना होगा। उपमुख्य टिकट निरीक्षक ने बताया कि सुबह कालिदी एक्सप्रेस आने के दौरान तो स्वास्थ्य विभाग का एक कर्मचारी थर्मल स्क्रीनिंग के लिए मौजूद था। कभी कर्मचारी आते हैं कभी नहीं आते। दिन में यहां कोई नहीं रहता।