Potato Prices: इस बार खुश हैं आलू किसानों के चेहरे, क्या है इसके पीछे का कारण; इस रेट बिक रहा 'सब्जी का राजा'
Potato Price Hike In Monsoon किसानों को उम्मीद है कि भाव में अभी और तेजी आएगी। इसी वजह से वे अपेक्षा के अनुरूप आलू नहीं बेच रहे हैं। कोल्ड स्टोरेज से आलू की निकासी 15 से 17 प्रतिशत ही हुई है जबकि बाहरी मंडियों से मांग अच्छी आ रही है। इस कारण व्यापारियों ने भंडारित आलू बेचने में खासी रुचि दिखाई है।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद। Potato Price Hike: गत वर्ष आलू की मंदी से मुरझाए किसानों के चेहरे इस बार भाव में तेजी से चमक उठे हैं। तीन दिन में भाव 200 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ा है। उसके पीछे का कारण बारिश के मौसम में अन्य सब्जियों का नुकसान है। बरसात में हरी सब्जियों से परहेज के कारण हर कोई आलू खाना पसंद करता है, इस कारण इस सीजन में सर्वाधिक खपत आलू की होती है।
बिहार, असम व बंगाल सहित अन्य मंडियों से इन दिनों आलू की अच्छी मांग आ रही है। अधिकतर व्यापारियों ने तो भाव अच्छा होने से आलू बेच दिया, लेकिन किसान अभी निकासी नहीं कर रहे। उसे उम्मीद है कि अभी भाव में और इजाफा होगा। फिलहाल सामान्य आलू 2200 से 2300 रुपये प्रति क्विंटल व अच्छा आलू 2500 रुपये प्रति क्विंटल थोक में बिक रहा है।
कोल्ड स्टोरेज मालिक नाखुश
सरकार ने भाव में वृद्धि रोकने के लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं। इससे कोल्ड स्टोरेज मालिक नाराज हैं। उनका कहना है कि वह किसान को समय से पहले आलू निकासी के लिए बाध्य नहीं कर सकते। वहीं सूत्र बताते हैं कि अधिकतर कोल्ड स्टोरेज मालिकों ने भी बड़े पैमाने पर अपना आलू खरीदकर भंडारित किया था। वो अभी भाव और बढ़ने की उम्मीद में आलू की निकासी से परहेज कर रहे हैं।ये भी पढ़ेंः हादसे ने हटाया चमत्कार से परदा; भगदड़ में जिंदा बची रेनू का मोहभंग, बोलीं, 'लाशाें में दबी थी सेना संग भाग गए बाबा'
नेपाल से आलू की मांग आना शुरू
पिछले दो माह से नेपाल से आलू की मांग नहीं आ रही थी। अब वहां से भी मांग आनी शुरू हुई है। आलू निर्यातक सुधीर शुक्ला ने बताया कि चार दिन में दो ट्रक आलू नेपाल भेजा है।ये भी पढ़ेंः Kanwar Yatra: कांवड़ यात्रा के लिए रोडवेज ने बनाया प्लान, रूट डायवर्जन होने पर तीन स्थानों पर बनेंगे अस्थाई बस अड्डे‘अधिकतर व्यापारियों ने भंडारित आलू बेच दिया है। किसान अभी आलू निकासी कम कर रहे हैं। अभी सितंबर तक यही भाव रहने की उम्मीद है। अक्टूबर में पंजाब का नया आलू मंडियों में आना शुरू हो जाता है। इसके बाद भाव में कमी आने की उम्मीद है। कोल्ड स्टोरेजों से अभी 15 से 17 प्रतिशत ही आलू की निकासी हुई है।’- मनोज रस्तोगी, सचिव, कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन।
‘किसानों को आलू निकासी के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। अब नवंबर तक कोल्ड स्टोरेज से आलू निकासी का समय है। अभी सरकार का इस संबंध में कोई लिखित आदेश नहीं आया है।’- राघवेंद्र सिंह, आलू विकास एवं शाकभाजी अधिकारी।
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