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Farukhabad News : किसानों से मंडी व फड़ों पर अनाज की बिक्री में हो रही कटौती, अधिकारी मौन

सातनपुर मंडी में इन दिनों मूंगफली व मक्का बिक्री के लिए आ रही है। मूंगफली का भाव 3800 रुपये से लेकर पांच हजार रुपये क्विंटल तक है। जबकि मक्का 2450 रुपये क्विंटल के भाव तक बिक रही है। मक्का में किसानों को 50 किलो वजन पर 49 किलो का ही भुगतान दिया जाता है। किसानों ने बताया कि उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

By brajesh mishra Edited By: Mohammed Ammar Updated: Fri, 23 Aug 2024 10:34 PM (IST)
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मंडी में हो रही मूंगफली व मक्का की खरीद
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद। किसानों को अनाज के वजन के अनुसार मूल्य नहीं मिल रहा हैं। खरीददार बोरे का वजन व परखी से अनाज फैलने का तर्क देकर कटौती कर रहे हैं। किसान इस समस्या को हल कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन मंडी अधिकारियों की ओर से कोई राहत नहीं मिल पा रही है। जबकि कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले फड़ों पर कटौती की मात्रा अधिक है।

सातनपुर मंडी में इन दिनों मूंगफली व मक्का बिक्री के लिए आ रही है। मूंगफली का भाव 3800 रुपये से लेकर पांच हजार रुपये क्विंटल तक है। जबकि मक्का 2450 रुपये क्विंटल के भाव तक बिक रही है। मक्का में किसानों को 50 किलो वजन पर 49 किलो का ही भुगतान दिया जाता है। जबकि मूंगफली में 20 किलो 300 ग्राम वजन पर 19 किलो का भुगतान मिलता है।

आढ़ती रिंकू राजपूत ने बताया कि बोरे का करीब 700 ग्राम वजन कट जाता है। खरीददारों का मानना है कि लोडिंग के दौरान मूंगफली व अन्य अनाज फैल जाता है। अनाज आढ़ती नीरज मिश्रा ने बताया कि यह बात सही है कि 50 किलो मक्का पर 49 किलो का भुगतान किया जाता है। इसमें बोरे के वजन की कटौती व फैलने से होने वाला नुकसान भी खरीददार जोड़ते हैं। वहीं कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले फड़ों पर फसल बेचने पर इससे भी अधिक कटौती की जाती है।

‘मंडी में किसानों को अनाज के वजन का मूल्य मिलना चाहिए। कटौती किया जाना गलत है। सातनपुर के अलावा कस्बों की मंडियों में भी यह कटौती होती है। अधिकारियों को इस पर तत्काल ध्यान देना चाहिए।’

- बृजेश वर्मा, निवासी गांव चौकिया।

‘किसान पहले से ही कटौती न किए जाने की मांग करते रहे हैं, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। जितना वजन तौला जाए, उतना ही भुगतान मिलना चाहिए। बोरे के वजन के अतिरिक्त कटौती पूरी तरह गलत है।’

- भूपेंद्र, निवासी राजा नगला।

‘किसी भी मंडी में अनाज की बोली नहीं लग रही है। अगर अधिक वजन काटा जा रहा है तो किसान लिखकर दें। संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अभी तक इस संबंंध में हमसे किसी ने संपर्क नहीं किया है।’

- सूरज सहाय सक्सेना, प्रभारी मंडी सचिव, सातनपुर।

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