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90 की स्पीड से चल रही थी… इमरजेंसी ब्रेक लगाकर रोकी गई ट्रेन, उतरकर देखा तो इंजन में फंसी मिली संदिग्ध चीज

यूपी के फर्रुखाबाद में रेलवे लाइन पर पेड़ का तना रखकर कासगंज-फर्रुखाबाद पैसेंजर को पलटने की साजिश रची गई। गनीमत यह रही कि चालक को लकड़ी का टुकड़ा पड़ा दिख गया था जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया। आरपीएफ ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस अधीक्षक ने भी घटनास्थल पर जांच की। आरपीएफ का डॉग स्क्वायड भी मौके पर बुलाया गया।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Sat, 24 Aug 2024 09:19 PM (IST)
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रेलवे ट्रैक के पास कटा पड़ा पेड़ देखते पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी। जागरण

संवाद सहयोगी, कायमगंज। कानपुर-कासगंज-मथुरा रेलवे लाइन की भटासा रेलवे स्टेशन के निकट शुक्रवार रात बड़ा हादसा होने से बच गया। रेलवे लाइन पर पेड़ का तना रखकर कासगंज-फर्रुखाबाद पैसेंजर को पलटने की साजिश रची गई। चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर हादसा तो बचा लिया, लेकिन तना इंजन में फंस गया, जिससे ट्रेन करीब 35 मिनट तक मौके पर खड़ी रही।

90 किलोमीटर प्रति घंटा थी ट्रेन की रफ्तार

ट्रेन संख्या 05389 कासगंज-फर्रुखाबाद पैसेंजर रात करीब 11:30 बजे भटासा हाल्ट स्टेशन से करीब 300 मीटर आगे बढ़ी तभी ट्रेन चालक मंजे कुमार को रेलवे लाइन पर पेड़ की लकड़ी का बड़ा टुकड़ा पड़ा दिखाई दिया। 

खतरा भांपकर उन्होंने इमरजेंसी ब्रेक लगाई, जिससे ट्रेन पलटने से बच गई, लेकिन लकड़ी का टुकड़ा इंजन में फंस गया। घटनास्थल पर पहुंचने के समय ट्रेन की रफ्तार करीब 90 किलोमीटर प्रति घंटा थी। यदि ट्रेन पूरी गति से टकराती तो पलट भी सकती थी। 

लोहे की मोटी रॉड से से निकली लकड़ी

ट्रेन चालक व अन्य स्टाफ ने लकड़ी को निकालने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। पास में ही स्थित क्रासिंग के गेटमैन मोहम्मद इसरार ने लोहे की मोटी रॉड से इंजन में फंसे लकड़ी के टुकड़े को बाहर निकाला। 

ट्रेन के फर्रुखाबाद रवाना होने के बाद कायमगंज रेलवे स्टेशन की आरपीएफ चौकी प्रभारी सुशील ने मौके पर जांच की। शनिवार को पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी, आरपीएफ इज्जतनगर में तैनात इंस्पेक्टर राजेश कुमार, रेलवे के एरिया ऑफिसर राजेश कुशवाहा भी मौके पर पहुंचे। आरपीएफ का डॉग स्क्वायड भी बुलाया गया। 

घटनास्थल से रवाना होने पर चालक मंजे कुमार व गार्ड हंसराज मीना ने पेड़ के टुकड़े को ट्रेन में रख लिया और ले जाकर शमसाबाद रेलवे स्टेशन पर रेलवे स्टाफ के सुपुर्द कर दिया। आरपीएफ ने उसकी जांच की। लकड़ी के टुकड़े का वजन 35 किलो व लंबाई 1.37 मीटर है। गोलाई कहीं पर 63, कहीं पर 65 व कहीं पर 75 सेमी है।

प्रथम दृष्टया जांच में सामने आया है कि किसी शरारती तत्व द्वारा पेड़ की डाल उठाकर रेलवे ट्रैक पर डाल दी गई। मामले की गहनता से जांच की जा रही है।

-आलोक प्रियदर्शी, पुलिस अधीक्षक।

आरपीएफ थाना प्रभारी अंकुश ने बताया कि सीनियर सेक्शन इंजीनियर जहीर अहमद खां की ओर से आरपीएफ थाने के अलावा कोतवाली कायमगंज में भी मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसके आधार पर रेलवे एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज कर लिए गए हैं।

तहरीर के अनुसार, किसी अज्ञात व्यक्ति ने लकड़ी के टुकड़े को रेलवे ट्रैक पर रख दिया। जिससे ट्रेन से यात्रियों की जान माल का संकट उत्पन्न हुआ व ट्रेन संचालन में बाधा पहुंची और विलंब हुआ। 

आरपीएफ थाना प्रभारी अंकुश कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि पास के एक खेत में लकड़ी का पेड़ कटा पड़ा है। हो सकता है कि उसकी लकड़ी उठाकर किसी ने ट्रैक पर डाल दी अथवा ले जाते समय लकड़ी गिर गई हो और इसी बीच ट्रेन आ गई हो।

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