आलू के थोक भाव में गिरावट के बावजूद फुटकर बाजार में कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ा है। किसान अभी भी कोल्ड स्टोरेज से आलू की निकासी नहीं कर रहे हैं जिससे बाजार में आलू की आवक कम है। आलू के थोक भाव में 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल तक की गिरावट आई है लेकिन फुटकर में आलू अभी भी 30 से 35 रुपये किलो तक बिक रहा है।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद। एक सप्ताह से आलू के भाव में कुछ गिरावट आई है। इसके पीछे बिहार व बंगाल की मंडियों से मांग कम होना बताया जा रहा है। भाव कम होने के बावजूद किसान अभी एक सप्ताह इंतजार करने का मन बनाए हैं, जिससे कोल्ड स्टोरेज से आलू निकासी तेजी नहीं पकड़ पाई है।
थोक भाव में कमी आने के बावजूद फुटकर मंडियों में आम आदमी को आलू भाव में कोई राहत नहीं मिल पाई है।
पिछले एक सप्ताह से बंगाल व बिहार की मंडियों से आलू की मांग में कुछ कमी आई है। इसी के चलते भाव में 100 से 150 रुपये क्विंटल तक की गिरावट है।
चिप्सोना के फुटकर भाव पर नहीं असर
शनिवार को सामान्य आलू 1900 से दो हजार रुपये क्विंटल के भाव से बिका। जबकि 3797, चिप्सोना का भाव 2200 से 2300 रुपये क्विंटल तक रहा। इसका असर फुटकर भाव पर नहीं पड़ा है। फुटकर में आलू अभी भी 30 से 35 रुपये किलो तक बिक रहा है।
थोक भाव में गिरावट के बावजूद किसानों ने कोल्ड स्टोरेज से निकासी तेज नहीं की है। किसान अभी एक सप्ताह और इंतजार करने की बात कह रहे हैं। इससे अभी भी कोल्ड स्टोरेज में 55 से 60 प्रतिशत आलू भंडारित है।
नई फसल बोने के लिए तैयारी शुरू
शासन की ओर से 31 अक्टूबर तक कोल्ड स्टोरेज खाली करने की तिथि निर्धारित होती है। स्थानीय किसानों ने नई फसल बोने के लिए खेतों में तैयारी शुरू कर दी है। किसान सितंबर के दूसरे सप्ताह से बीज के आलू की निकासी शुरू कर देंगे।
गत वर्ष की भांति इस बार भी नवंबर माह के अंतिम सप्ताह तक ही कोल्ड स्टोरेज खाली हो पाने की संभावना जताई जा रही है। उसी दौरान नई फसल भी बाजार में आती है।
आलू का थोक भाव
किस्म |
भाव (क्विंटल में) |
ख्याती |
1900 से 2050 रुपये |
पुखराज |
1900 से 2000 रुपये |
चिप्सोना (3797) |
2200 - 2300 रुपये। |
‘अधिकतर किसानों का ही आलू भंडारित होता है। 31 अक्टूबर से पहले कोल्ड स्टोरेज खाली करने का दबाव नहीं बना सकते। नवंबर 2023 में ही स्टोरेज खाली हो पाए थे। अभी औसतन 50 प्रतिशत भी निकासी नहीं हो पाई है। लगभग 150 रुपये क्विंटल का भाव गिरा है। भाव में इतनी गिरावट व बढ़ोतरी सामान्य बात है।’
-मनोज रस्तोगी पप्पू, सचिव कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन।
‘गत वर्ष 30 बीघा खेत में आलू बोया था। इस वर्ष भाव ठीक रहा। अच्छे भाव में ही आलू बेच भी दिया। इस बार किसानों को नई फसल बोने के लिए कर्ज नहीं लेना पड़ेगा। इससे उम्मीद है कि आलू की फसल का रकबा बढ़ेगा।’
-राजेश कुमार वर्मा, किसान, निवासी गांव पसनिंगपुर।
‘अभी कोल्ड स्टोरेज में आलू के 400 पैकेट रखे हैं। भाव में कमी के कारण करीब एक सप्ताह इंतजार करेंगे। उसके बाद ही बिक्री करेंगे। इस बार आलू भाव में राहत मिली है। इसी वजह से अधिकतर किसान पिछली बार की अपेक्षा आलू की बुआई अधिक करेंगे।’
- चंद्रपाल पाल, किसान, निवासी गांव सिलहा।
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